गो हत्या से शंकराचार्य खिन्न

गो हत्या से शंकराचार्य खिन्न
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गो हत्या से शंकराचार्य खिन्न,

मेरठ/ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य जी ने देवी भागवत कथा के तीसरे दिन रविवार को सैकड़ों लोगों को कथा का श्रवण करवाते हुए बताया कि गौहत्या का समर्थन करने वाला भी उतना ही दोषी होता है, जितना गौहत्या करने वाला।  कथा की शुरूआत पादुका पूजन से हुई। सुरेन्द्र वर्मा, अमित भाटी व हितेश गुर्जर ने सपरिवार पादुका पूजन किया। डॉ. माकंर्डेय जी अंबाला व शिवांगी जी ने गुरुदेव का माल्यार्पण किया। ब्रह्मचारी राधिकानंद जी ने ‘दुगेर्ती नाशनी जय- जय’ भजन सुनाया और बताया कि राक्षस कौन होता है। उन्होंने बताया कि जो गाय व ब्राह्मण को क्षति पहुंचाता है वही राक्षस होता है। ज्योतिष्पीठ के धर्माधिकारी जगदंबा प्रसाद सती जी ने धर्म का अर्थ समझाया व कीर्तन व सिमरन के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कभी ऐसा मत सोचिये की हमें कोई नहीं देख रहा, हमेशा ईश्वर के द्वारा देखा जा रहा है। ज्योतिष्पीठ के शास्त्री राजेन्द्र प्रसाद शास्त्री जी परमहंसी गंगा आश्रम वालों ने आदि शंकराचार्य जी के जन्म के उद्देश्य व उनके द्वारा बनाई गई चारों पीठों के बारे में बताया।  शंकराचार्य ने बताया कि रविवारको भारत में हिन्दुओं की संख्या सबसे ज्यादा है और कोई भी सरकार हमेशा बहुमत से ही बनती है। 78 साल से ज्यादा का समय बीत गया, लेकिन आज भी गाय काटी जा रही है। आजादी के बाद से हर पार्टी गौहत्या कराती आ रही है और कहीं न कहीं उस गौहत्या का पाप हमारे सिर पर भी है, क्योंकि सरकार बनाने में हम मदद करते हैं। हमारे वोट से ही सरकार बनती है। आज हम डॉलर की कमाई के लिए गौमाता की हत्या कर रहे हैं। उसको काटकर पैकेट में बंद कर विदेशी लोगों को भेज रहे हैं। यह कलंक हमारे ऊपर भी है।  उन्होंने देवी उपासना के बारे में बताया कि देवी की पूजा जितनी आसान है उतनी कठिन भी, लेकिन देवी की पूजा मां समझ कर की जाए तो वह आपकी हर गलती को माफ कर देगी। जैसे एक छोटा बच्चा किसी भी भाषा में मां से कुछ भी कहे चाहे व तुतलाकर ही कहें मां को बड़ा अच्छा लगता है। मां ही होती है जो बेटे के सभी आचरणों को माफ कर देती है। उन्होंने सत्यतपा नाम के ऋषि की कहानी सुनाते हुए बताया कि उन्होंने केवल सरस्वती के बीज मंत्र का उच्चारण किया इतने में ही देवी सरस्वती प्रसन्न हो गई।
पूर्व विधायक ने लिया आशीर्वाद
पूर्व कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने कथा के अंत में शंकराचार्ज का माल्यार्पण कर उनका आशीर्वाद लिया। इस मौके पर सोबीर नागर, बबलू गुर्जर, नवाब सिंह लखवाया, भारत भूषण प्रजापति, रविन्द्र शर्मा, संजय वर्मा, सुरेन्द्र किनौनी, हितेश गुर्जर, वैभव नागर, अर्पण, स्पर्श, अमित भाटी, पायल, सुमन, चीनू, प्रभा, उमा आदि मौजूद रहे।

@Back Bome


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