शरद जैन का सुनील को झटका, श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर दुर्गाबाड़ी सदर मेरठ की संस्था श्री पार्श्व जिनेन्द्र शिक्षा परिषद द्वारा संचालित मेरठ कैंट वेस्ट एंड रोड मंदिर मार्ग स्थित ऋषभ एकाडेमी के ध्वस्तीकरण को लेकर कैंट प्रशासन के एक आदेश के मामले में ऋषभ एकाडेमी के संस्थापक सदस्य शरद जैन ने उक्त मामल को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे एक वाद में सुशील जैन को झटका दिया है।
यह है पूरा मामला
वेस्टर्न कचहरी रोड स्थित कैंप कार्यालय पर बुलायी गयी प्रेस वार्ता में ऋषभ एकाडेमी के संस्थापक सदस्य शरद जैन ने मीडिया को बताया कि ऋषभ एकाडेमी के अवैध निर्माण का एक वाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने जानकारी दी कि साल 1992 में कैंट प्रशासन मसलन रक्षा संपदा अधिकारी कार्यालय से वेस्ट एंड रोड स्थित 215-ए में अवैध निर्माण को लेकर ध्वस्तीकरण के आदेश दिए गए थे। इस प्रकरण में 18 जून 2001 को रक्षा संपदा अधिकारी कार्यालय ने अंतिम आदेश जारी किए थे। इन आदेशों के खिलाफ मंदिर समिति जिसके आधीन श्री पार्श्व जिनेन्द्र शिक्षा परिषद द्वारा ऋषभ का संचालन किया जा रहा है, वो कोर्ट चली गयी थी। कोर्ट ने 8 अक्तूबर 2002 को ध्वस्तीकरण आदेशों के खिलाफ स्टे दे दिया था। शरद जैन ने जानकारी दी कि 16 दिसंबर 2022 को मंदिर समिति को जो स्टे दिया गया था, वह खारिज कर दिया गया। और एक बार फिर से रक्षा संपदा अधिकारी कार्यालय से जारी किए गए ऋषभ एकाडेमी में किए गए अवैध निर्माण के आदेश एक्टिवेट हो गए।
यह हुआ
शरद जैन ने बताया कि 23 अक्तूबर 2023 को सुशील जैन द्वारा मंदिर समिति की ओर से दिए गए शपथ पत्र में कहा गया कि मंदिर समिति के चुनाव में सुशील कुमार जैन को सेक्रेटरी चुन लिया गया है। अदालत से प्रार्थना की गयी कि पूर्व मंत्री दिनेश चंद जैन की जगह अब मंत्री के स्थान पर सुशील कुमार जैन का नाम प्रचलित कर दिया जाए। इसके खिलाफ सरकारी वकील ने अदालत में आब्जेक्शन दायर किया। साथ ही सुशील जैन से चुनावी प्रक्रिया के तमाम साक्ष्य अदालत में दाखिल करने को कहा गया। लेकिन शरद जैन की ओर से अदालत को बताया गया कि जिस चुनाव की बात सुशील जैन कर रहे हैं वो तो कभी हुआ ही नहीं। अरसे से मंदिर समिति कालातीत है। जिसके चलते अदालत 340 की कार्रवाई करे। ऋषभ के संस्थापक सदस्य शरद जैन ने सुशील जैन पर मंदिर समिति के चुनाव को लेकर अदालत को गुमराह करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में सुशील जैन से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी।