शिवराज को मिला राहुल प्रधान का साथ, : पूर्व भाजपा किसान मोर्चा फायरब्रांड नेता राहुल प्रधान ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की बात का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा था. झारखंज में जल्द से जल्द एन आर सी लागू कर देना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने सीएम सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में पहले 44 प्रतिशत से ज्यादा आदिवासी आबादी थी. अब यह संख्या 28 प्रतिशत से नीचे आ गई है. यह सब हेमंत सोरेन के शासन में हुआ है. पूर्व भाजपा किसान मोर्चा फायरब्रांड नेता राहुल प्रधान ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की उस बात का समर्थन किया है, जिसमें कृषि मंत्री ने अपने बयान में झारखंड में जल्द ही एनआरसी लागू करने की वकालत की थी. उन्होंने ओवैसी के उस बयान की भी निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन से भारत को खतरा है, लेकिन मोहन भागवत उसकी बात नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा, “शिवराज सिंह चौहान ने कुछ गलत नहीं कहा है. झारखंड में इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए, यह राज्य आदिवासियों की पहचान से जुड़ा हुआ मुद्दा है. झारखंड में पहले 44 प्रतिशत से ज्यादा आदिवासी आबादी थी. अब यह संख्या 28 प्रतिशत से नीचे आ गई है और यह सब हेमंत सोरेन के शासन में हुआ है. उन्होंने बांग्लादेशी और रोहिंग्या शरणार्थियों को खुली छूट दे दी है.
इन लोगों ने न केवल यहां बसने की कोशिश की, बल्कि हमारी आदिवासी बेटियों से शादी करके मूल सनातनी समुदाय की पहचान को मिटाने की कोशिश की है. इसलिए, झारखंड में एनआरसी का कार्यान्वयन जरूरी है, और इसे बंगाल, असम और अन्य राज्यों में भी लागू किया जाना चाहिए. पूरे देश में भारतवंशियों की एक पहचान होनी चाहिए.”
भाजपा नेता राहुल प्रधान ने ओवैसी के उस बयान की भी निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन से भारत को खतरा है, लेकिन मोहन भागवत उसकी बात नहीं करेंगे. इस पर उन्होंने कहा, “मोहन भागवत ने जो कहा, वह गलत नहीं है. भारत को ओवैसी जैसे लोगों और उनकी सोच से खतरा है, जिनके डीएनए में ही भारत विरोधी भावना है. आखिर मोहन भागवत जी को यह बात कहने की आवश्यकता क्यों पड़ी? आज के हालात में सभी सनातनियों को एक होना चाहिए. अगर हम एकजुट नहीं होते हैं, तो भारतवंशियों को टुकड़ों में बांटकर नष्ट करने की कोशिश की जाएगी. इसमें ओवैसी ही नहीं, राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव,लालू यादव जैसे अन्य नेता भी शामिल हैं.”
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखिया मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि भाषाई, जातीय और क्षेत्रीय विवादों को मिटाकर हिंदू समाज को अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा.