श्री शांतिनाथ विधान में 120 अर्घ

श्री शांतिनाथ विधान में 120 अर्घ
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श्री शांतिनाथ विधान में 120 अर्घ, वीर निर्वाण संवत 2548 वे वर्ष में जैन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में दसलक्षण महापर्व प्रारंभ हो चुके हैं पर्व के प्रथम दिवस उत्तम क्षमा के दिन आज श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर सदर बाजार मेरठ में सरूरपुर से पधारे विधानाचार्य पंडित नमन जैन “विनिश्चयांश” के निर्देशन में एवं अंकुर जैन एंड पार्टी बड़ौत की स्वर लहरियों के माध्यम से श्री शांतिनाथ महामंडल विधान में 120 अर्घ पूर्ण भक्ति भाव के साथ समर्पित किए गए आज के सौधर्मेंद्र श्री राजीव जैन ने प्रथम अभिषेक किया एवं पूर्ण अर्घ समर्पित किया कार्यक्रम का शुभारंभ ध्वजारोहण के माध्यम से हुआ ध्वजारोहण करने का सौभाग्य श्री अक्षत जैन सपरिवार को प्राप्त हुआ। दोपहर में पंडित नमन जैन विनिश्चयांश जी के माध्यम से तत्वार्थ सूत्र का वाचन हुआ एवं उत्तम क्षमा धर्म के महत्व को समझाया गया क्षमा का विपरीत क्रोध होता है क्रोध का त्याग करना ही क्षमा है क्षमा वीरस्य भूषणम् क्षमा वीरो का आभूषण कहा गया है। अक्षत जैन, निकुंज, सचिन, संजय आदि ने पूर्ण भक्ति के साथ सहयोग देते हुए जिनेंद्र भगवान की आराधना की। श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर सदर यह पूरा भव्य व सफल आयोजन अक्षत जैन, निकुंज, सचिन, संजय आदि की कड़ी मेहनत से ही संपन्न हुआ। सदर जैन समाज की यदि बात करें तो  अक्षत जैन और उनके साथियों की युवा टीम की श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में किए जा रहे प्रयास व मेहतन की जबरदस्त चर्चा है। सदर जैन समाज को अक्षत जैन एंड युवा टीम से बहुत उम्मीदें हैं। इससे पहले भी अक्षत जैन व उनके साथियों की टीम श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर कई सफल आयोजन कर चुकी है। इनकी सफलता से सदर जैन समाज खासा उत्साहित है। समाज के लोगों की मानें तोअक्षत जैन के कार्य केवल मंदिर तक ही सीमित न रहें। जिस प्रकार से वह मंदिर के माध्यम से काम कर रहे हैं, वह चाहते हैं कि  सदर जैन समाज की जो दूसरी सार्वजनिक संस्थाएं, जिनमें शिक्षण संस्थान आदि भी शामिल हैं, उनको भी मंदिर की तर्ज पर ठीक करें।

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