जेल की धमकी पर दामाद ने ली सास की जान
MEERUT/कंकरखेड़ा नारायण सिटी ने इलाके में बीते 8 जनवरी को पूर्व प्रधान सोहनवीरी की हत्या हत्याभियुक्त दामाद की पत्नी को भड़काने और आए दिन जेल भेजने की धमकी दिए जाने की वजह से की गई। शुक्रवार की सुबह चैकिंग के दौरान कंकरखेड़ा पुलिस की जंगेठी नाले के समीप हुई मुठभेड़ में हत्याभियुक्तों की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने वारदात का खुलासा कर दिया है। मुठभेड़ में एक अभियुक्त अनुज मलिक पुत्र हरविंदर निवासी भगवानपुर बांगर थाना किठौर को गोली लगी है। एसपी सिटी ने खुलासे की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जांच में हरविन्दर पुत्र गिरीराज सिंह निवासी ग्राम भगवानपुर बांगर थाना किठौर, दीपक पुत्र ओमपाल सिंह निवासी पतला निवाडी, संदीप उर्फ टोनी पुत्र ओमपाल सिंह निवासी निवाडी के नाम प्रकाश में आये। हरविन्दर को जब पता चला कि अनुज को पुलिस ने मुठभेड में गिरफ्तार कर लिया है तब हरविन्दर, दीपक और संदीप से मिलने आए, जिन्हें डाबका कट के पास से गिरफ्तार किया गया। । अभियुक्त हरविन्दर शातिर किस्त के अपराधी है, जिसके ऊपर पूर्व से ही मेरठ में हत्या के अभियोग दर्ज है ।
जेल भिजवाने की देती थी धमकी
बकौल पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि अभियुक्त दीपक का विवाह मृतका सोहवीरी की पुत्री निशा के साथ हुआ था। शादी के कुछ समय बाद से ही निशा और दीपक के मध्य विवाद होने लगे थे। दोनों रोहटा रोड स्थित नारायणी इंक्लेव में रहते थे। यहां सोहनवीरी का आना जाना लगा रहता था। निशा अपनी मां सोहनवीरी के प्रभाव में रहती थी। इसको लेकर दीपक और निशा में कई बार विवाद हुआ। दोनों ओर से एक दूसरे के एक दूसरे पर मुकदमे करा दिए थे। इसको लेकर दीपक और उसका बडा भाई संदीप उर्फ टोनी काफी परेशान रहते थे। दीपक को घर छोडकर ग्राम पतला गाजियाबाद में रहना पड़ रहा था। आरोप है कि सोहनवीरी दीपक को ताने मारती थी और जेल भिजवाने की धमकी देती रहती थी। निशा व दीपक के बीच विवाद की जड़ को दीपक अपनी सास सोहनवीरी को जिम्मेदार मानता था। इसलिए उसने झगड़े की जड़ को हमेशा के लिए खत्म करने का फैसला कर लिया। उसने अपने रिश्ते के मामा हरविन्दर से सम्पर्क किया।
संदीप उर्फ टोनी ने पूर्व में हरविन्दर की 20 हजार से आर्थिक मदद की थी और कुछ समय पूर्व दीपक ने भी हरविन्दर की 50 हजार से आर्थिक मदद की थी । घटना से पहले संदीप और दीपक हरविन्दर के पास ग्राम भगवानपुर बांगर गये और हरविन्दर व उसके पुत्र अनुज से कहा कि या तो सोहनवीरी को रास्ते से हटा दो या मेरे पैसे वापस कर दो । हरविन्दर और अनुज के पास वापस करने के लिये पैसे नहीं थे इसीलिये वह दोनो हत्या करने के लिये तैयार हो गये और यदि हत्या के बाद पुलिस गिरफ्तारी करती है तो कोर्ट कचहरी का सारा खर्चा संदीप व दीपक द्वारा उठाना तय हुआ। हत्या से बीस दिन पहले अनुज को दीपक ने घर दिखा दिया।
6 जनवरी को हत्या की थी प्लानिंग
पहले 6 जनवरी की शाम को सोहनवीरी की हत्या करने के लिये अनुज और हरविन्दर आये थे रोहटा रोड स्थित फ्लाईओवर के पास पुलिस की चैकिंग चल रही थी पुलिस की सक्रियता को देखते हुये दोनो वापस चले गये। 8 जनवरी की सुबह 8 बजे रोहटा रोड पहुंचे चूंकि किरायेदार की बुलेट मोटर साईकिल दरवाजे पर खडी थी इस वजह से अनुज व हरविन्दर ने घर में प्रवेश नहीं किया। दोपहर 1.15 के आस पास जब किरायेदार अपनी मोटर साईकिल से चला गया तो मौका देखकर अनुज व हरविन्दर ने घर में घुसकर सोहनवीरी की 315 बोर के तमंचे से गोली मारकर हत्या कर दी और मोटर साईकिल से फरार हो गये और किला परीक्षितगढ पहुंचकर अनुज ने एक राह चलते व्यक्ति से फोन मांगकर संदीप को काम पूरा होने की खबर दी।