सोनिया गांधी मांगें माफी,
मेरठ-हापुड़ सांसद अरुण गोविल ने सोनिया गांधी की कड़ी निंदा की, राष्ट्रपति और आदिवासी समुदाय से माफी की मांग की
मेरठ-हापुड़ लोकसभा सांसद आदरणीय श्री अरुण गोविल ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के प्रति दिए गए आपत्तिजनक बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने मांग की कि सोनिया गांधी बिना शर्त देश की राष्ट्रपति और समस्त आदिवासी समुदाय से माफी मांगें।
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण के बाद टिप्पणी की थी कि “बेचारी अपने संबोधन के आखिर तक थक गई थीं। बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं।” उनके इस बयान को न केवल राष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला माना जा रहा है, बल्कि यह भारत के आदिवासी समुदाय के प्रति कांग्रेस की संकीर्ण सोच को भी उजागर करता है।
सांसद अरुण गोविल का कड़ा प्रहार:
सांसद अरुण गोविल ने कहा कि राष्ट्रपति के लिए इस तरह के अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल जानबूझकर किया गया है, जो कांग्रेस पार्टी के गरीब-विरोधी और आदिवासी-विरोधी स्वभाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का हर कार्यकर्ता इस बयान की घोर निंदा करता है और इसे भारतीय लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों का अपमान मानता है।
उन्होंने आगे कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने इस तरह का व्यवहार किया है। कांग्रेस नेतृत्व बार-बार आदिवासियों, दलितों और समाज के वंचित वर्गों के प्रति अपमानजनक रवैया अपनाता रहा है। यह बयान कांग्रेस की मानसिकता को उजागर करता है, जो संविधान द्वारा स्थापित सर्वोच्च पदों की गरिमा बनाए रखने में असफल रही है।
सांसद ने कहा कि राष्ट्रपति न केवल भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन हैं, बल्कि वह देश के गौरवशाली आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व भी करती हैं। ऐसे में उनके प्रति की गई किसी भी अपमानजनक टिप्पणी को देश कतई सहन नहीं करेगा।
सांसद अरुण गोविल ने स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी और देश की जनता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के प्रति कांग्रेस नेताओं द्वारा इस्तेमाल किए गए अपमानजनक शब्दों को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने सोनिया गांधी से बिना शर्त माफी की मांग की और कांग्रेस की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्ष को आदिवासी समुदाय और संविधान के प्रति अपनी सोच बदलनी चाहिए।