स्पा सेंटर जिस्म फरोशी के अड्डे,
MEERUT/शहर के तमाम स्पा सेंटर जिस्म फरोशी के अड्डे बन गए हैं। शहर के कई इलाकों या कहें कुछ महंगे थाना क्षेत्रो में यह धंधा तेजी से पांव पसार रहा है। आबूलेन, बेगमपुल, लालकुर्ती, कंकरखेड़ा, पल्लवपुम, शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट, दिल्ली रोड, रेलवे रोड के अलावा शहर में तमाम प्रमुख इलाकों में स्पा सेंटर नजर आए जाएंगे, लेकिन स्पा सेंटरों की जमीनी हकीकत के इतर शहर के कई थानेदार ऐसे हैं। जिनका दावा है कि उनके यहां एक भी सपा सेंटर नहीं है, जबकि हकीकत यह है कि उनके थाना क्षेत्र में अनेक स्पा सेंटर गुलजार हैं। इतना ही नहीं वहां रौनक भी देखी जा सकती है। वहीं, दूसरी ओर स्पा सेंटरों की यदि बात की जाए तो आयुर्वेदिक और मसाज की सेवा देने के नाम पर खोले गए ये स्पा सेंटर दरअसल, अब जिस्म फरोशी के अड्डों में तब्दील हो गए हैं। मिजाज में रंगीनियां रखने वाले तेजी से इनके ग्राहक बनते जा रहे हैं। कुल मिलाकर स्थिति यह है कि ज्यादातर स्पा सेंटर तेजी से जिस्म फरोशी के अड्डों या कहें मंडी में तब्दील होते जा रहे हैं। युवाओं से ज्यादा स्पा सेंटरों का क्रेज जिंदगी के करीब 40 से ज्यादा बसंत पार कर चुके लोगों में नजर आता है। शहर के कई इलाके भले ही स्पा सेंटरों की रौनक से गुलजार हो, लेकिन कई आरटीआई के तहत मांगी गयी जानकारी में कई थानेदारों ने अपने क्षेत्र में स्पा सेंटर होने की बात को एक सिरे से खारिज कर दिय है। दरअसल, आरटीआई एक्टिविस्ट मिशन कंपाउंड देव नगर निवासी मनोज चौधरी ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत एसएसपी कार्यालय के जन सूचना अधिकारी से महानगर के स्पा सेंटरों को लेकर विस्तार से जानकारी की दरकार की थी।मनोज चौधरी ने बताया कि मांगी गयी सूचना को लेकर ज्यादातर थानेदारों का दावा है कि उनके यहां एक भी स्पा सेंटर नहीं चल रहा है, जबकि जमीनी हकीकत इससे एकदम इतर है। जो थानेदार क्षेत्र में स्पा सेंटर होने न होने का दावा कर रहे हैं मनोज चौधरी ने उनके इलाके में स्पा सेंटर होने के बाकायदा चित्रों के साथ साक्ष्य मुहैय्या कराए हैं।
इंकार करने वाले थानेदार
बकौल आरटीआई एक्टिविस्ट सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गयी जानकारी का उत्तर जनपद के 20 थानेदारों ने दिया है। जिन्होंने उत्तर दिया उनमें थानेदारों में लालकुर्ती, सदर, कंकरखेड़ा, पल्लवपुरम, टीपीनगर, नौचंदी, मेडिकल, परतापुर, गंगानगर सरीखे थानों के थानेदार भी शामिल हैं।
जमीनी हकीकत एकदम उलट
वहीं, दूसरी ओर स्पा सेंटर को लेकर जो जानकारी सूचना के अधिकारी अधिनियम 2005 के तहत दी गयी है, जमीनी हकीकत उससे एकदम उलट है। आरटीआई के तहत जानकारी मांगने वाले मनोज चौधरी का दावा है कि उन्होंने स्वंय ग्राउंड जीरों पर जाकर स्पा सेंटरों की मौजूदगी को लेकर सचित्र साक्ष्य जुटा हैं। उन्होंने दावा किया कि भले ही उक्त थानेदार मना कर रहे हों, लेकिन इनके इंकार के इतर उनके यहां खुलेआम स्पा सेंटर संचालित किए जा रहे हैं।
ये हैं स्पा सेंटर
थाना लालकुर्ती
स्पा वर्ल्ड बेगम ब्रिज रोड जे एंड के बैंक वाली गली। थाना कंकरखेड़ा गोल्ड स्पा उज्जवीन बैंक बिल्डिंग कंकरखेड हंस हॉस्पिटल के सामने। थाना पल्लवपुरम क्यू-3 यूनिसेक्स आरएस प्लाजा पल्लवपुरम फेज-1, थाना टीपीनगर कैरा यूनिसेक्स सेलून खन्ना प्लाजा, मलियाना फ्लाई ओवर बागपत रोड। थाना नौचंदी गोल्ड यूनिसेक्स सपा र्थड फ्लोर श्रद्धा पैलेस दिल्ली रोड निकट बहादुर मोटर्स, दा सीजर फैमली स्पा सेक्टर-2 निकट राधा गोविंद मंडप गढ रोड, थाना मेडिकल ब्लैक रोज आर्युेवैद्य स्पा निकट एपेक्स टावर मंगल पांडे नगर, कोजी स्पा, मंगल पांडे नगर मिमहेंस के समीप, रिलेक्स वैल बॉडी स्पा सेकेंड फ्लोर महक फोटो स्टूडियो बिल्डिंग निक आनंद हॉस्पिटल, थाना गंगानगर मिरेकल स्पा डिवाइडर रोड निकट पैंठ मैदान गंगानगर शामिल हैं।
शहर में तेजी से पनपे
शहर में जगह-जगह हर शहर, हर इलाके में स्पा और मसाज पार्लर के बोर्ड लगे दिख जाएंगे। स्पा की डिमांड तेजी से बढ़ी है। युवाओं में स्पा का क्रेज काफी ज्यादा है, लेकिन इन्हीं स्पा सेंटर की आड़ में कुछ और भी हो रहा है। ज्यादातर स्पा सेंटर सेक्स का बड़ा अड्डा बनते जा रहे हैं। स्पा सेंटरों में आमतौर पर सर्विस के लिए लड़कियों को रखा जाता है। आरटीआई एक्टिविस्ट का दावा है कि कई मसाज सेंटरों में पार्लर में जाने के बाद लडकियां बजाय मसाज सेक्स सर्विस देने लगती हैं। छोटे-बड़े कई स्पा सेंटर्स इस काम में लगे हुए हैं। दरअसल, स्पा की आड़ में सेक्स रैकेट चला रहे ये लोग लाखों रुपये की कमाई करते हैं। ये पहले ग्राहक को मसाज के बहाने अंदर बुलाते हैं, उसके बाद उन्हें सेक्स सर्विस के बारे में बताते हैं। धीरे-धीरे इसी तरह ये अपने रेगुलर कस्टमर बना लेते हैं। आसानी से स्पा के नाम पर सेक्स सर्विस मिलने के बाद ये कस्टमर इनसे हमेशा के लिए जुड़ जाते हैं और अच्छा खास पैसा खर्च करने में भी कोई परहेज नहीं करते। आरोप है कि स्पा के नाम पर लाइसेंस लेकर जिस्म फरोशी करायी जाती है।
जिस्मफरोशी खुलेआम
पहले गली-मोहल्लों में संचालिकाएं जिस्मफरोशी का अड्डा चलाती थी, लेकिन समय बदलने के साथ-साथ यह धंधा भी हाईटेक हो गया है। अब यह धंधा सोशल मीडिया के साथ स्पा सेंटरों में तब्दील हो गया है। स्पा सेंटरों पर मसाज की आड़ में आज कल देह व्यापार काफी फलफूल रहा है। वहीं, सोशल मीडिया पर भी आनकाल इस सैक्स रैकेट के धंधे को चलाया जा रहा है।जब अलग-अलग स्पा सेंटरों पर जाकर स्टिंग किया तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। स्पा सेंटर के काउंटर पर तो मसाज की फीस ली जाती है, लेकिन जब व्यक्ति अंदर जाता है, तो मसाज सेंटर में उपस्थित लड़कियां जिस्मफरोशी की आफर देती है और हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाने का दावा करती है। यहां तक के पुलिस रेड न होने का भी दावा किया जाता है।
ऐसे होती है शुरूआत
देखने में आया है कि स्पा सेंटर में काउंटर पर बैठी लड़की मसाज के लिए आफर बताती हैं और 1000 से 1500 रुपये तक फीस वसूली जाती है। स्पा सेंटर में ग्राहक की पसंद और नापसंद का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। यह भी सुनने में आया है कि अगर कोई लड़की उपलब्ध करवाने के लिए कहता है तो उसके वाट्सऐप पर लड़कियों की फोटो भेजी जाती है और लड़की पसंद करवाई जाती है। फिर आन डिमांड होटल में भेजी जाती है। इसके लिए एक्स्ट्रा चार्ज लिया जाता है। मनपसंद लड़कियों के ज्यादा चार्ज लिए जाते है। शहर में चल रहे स्पा सेंटरों में कुछ लड़कियां तो अपनी मनमर्जी से आती है, लेकिन कई लड़कियों की मजबूरियों का फायदा उठाया जाता है। काम की तलाश में घूम रही और मजबूर लड़कियों को इस काम में धकेला जाता है। शहर के मॉल, मार्केट, बेसमेंट आदि में सैकड़ों की संख्या में इनका संचालन खुलेआम हो रहा है। शहर का शायद ही ऐसा कोई कोना होगा, जहां स्पा एंड मसाज सेंटर का संचालन न हो रहा हो। ग्राहक न वापस जाए, सौदेबाजी भी करते हैं। मात्र 500 रुपये काउंटर फीस लगती है। इसके बाद एक्सट्रा सर्विस लेने के लिए मसाज करने वाली गर्ल्स सौदेबाजी करती हैं। 500 रुपये से लेकर एक हजार रुपये में आसानी से सौदा हो जाता है।
आयुर्वेद पद्धति का भी देते हैं झांसा
शहर में संचालित स्पा एंड मसाज सेंटरों के संचालक ग्राहकों को लुभाने के लिए आयुर्वेद पद्धित का भी झांसा देते हैं। इसके लिए उन्होंने इस तरह के होर्डिंग्स भी स्पा के बाहर लगाए हुए थे। वहीं, संचालकों ने अपने स्पा सेंटर के नाम भी आयुर्वेद पद्धति के मिलते जुलते नाम से रख रखे हैं, जिससे किसी को भनक न लगे कि यहां जिस्मफरोशी का धंधा चल रहा है।