ऐसा हराया कि जिंदगी भर रखेंगे याद, घाटी यानि जम्मू कश्मीर के मतदाताओं ने लोकसभा चुनाव में कुछ उम्मीदवारों को वो मार लगायी है कि जिंदगी भर याद ही नहीं रखेंगे बल्कि यदि अकल होगी तो इन लोकसभा सीटों पर उतरने की गलती नहीं करेंगे। मतदाताओं ने हराया या फिर जमानत ही जब्त नहीं करायी बल्कि कहीं मुंह दिखाने लायक भी नहीं छोड़ा। बुरी गत बना डाली। घाटी के मतदाताओं के इस करानामे की देश ही नहीं दुनिया में भी चर्चा हो रही है वहीं पड़ौसी मुल्क पाकिस्तान में भी इसको लेकर तारीफ की जा रही है वो कह रहे हैं कि घाटी की पब्लिक है ये सब जानती है। चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चला है कि यहां के मतदाताओं ने केंद्र शासित प्रदेश में एक लोकसभा क्षेत्र को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर अंतिम विजेता को निर्णायक जनादेश दिया है. इसके अलावा मैदान में उतरे 100 उम्मीदवारों में से 89 की जमानत जब्त हो गई। बारामुला लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन जैसे राजनीतिक दिग्गजों को हराने वाले एक निर्दलीय उम्मीदवार शेख अब्दुल राशिद एकमात्र विजेता उम्मीदवार थे, जिन्हें कुल डाले गए वोटों का 50 प्रतिशत से भी कम वोट मिला, उनका वोट शेयर 45.70 प्रतिशत रहा। जम्मू-कश्मीर में बारामुला एकमात्र ऐसा निर्वाचन क्षेत्र रहा, जहां तीसरे स्थान पर रहे उम्मीदवार सज्जाद गनी लोन अपनी जमानत बचाने में सफल रहे. लोन को जमानत बचाने के लिए 16.34 प्रतिशत वोट की जरूरत थी और उन्हें 16.76 प्रतिशत वोट मिले। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता आगाह रूहुल्लाह मेहदी को सबसे अधिक 52.85 प्रतिशत वोट मिले, जबकि जम्मू लोकसभा सीट से तीसरी बार जीतने वाले भाजपा के जुगल किशोर को 52.80 प्रतिशत वोट मिले। उधमपुर में लगातार तीसरी बार जीतने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को 51.28 प्रतिशत वोट मिले, जबकि अनंतनाग-राजोरी सीट से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को हराने वाले नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ अहमद को 50.85 प्रतिशत वोट मिले गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. उनके तीनों उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. उनकी पार्टी का कोई भी उम्मीदवार चार प्रतिशत वोट भी हासिल नहीं कर पाया। उधमपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे गुलाम मोहम्मद सरूरी को 3.56 प्रतिशत वोट मिले, जबकि अनंतनाग-राजोरी में मोहम्मद सलीम पर्रे को 2.49 प्रतिशत और श्रीनगर में आमिर भट को 2.24 प्रतिशत वोट मिले. इन पांच निर्वाचन क्षेत्रों में सात महिलाएं मैदान में थीं और केवल पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ही अपनी जमानत बचाने में सफल रहीं। वहीं दूसरी ओर घाटी के मतदाताओं ने पूरे देश को संदेश भी दिया है वो ये कि अपनी वोट की ताकत पहचानों पार्टी धर्म या फिर जात पात से ऊठकर देश के लिए अपने हक ओ हकूक के लिए ही मतदान करो वर्ना आने वाली नस्लें कभी माफ नहीं करेंगी।