सूबे में सीएम योगी! उसके बाद भी अफसरों की ऐसी हिमाकत
नवरात्र सिर पर, सामने मंदिर कहीं करा न दे शहर में बड़ा बवाल
किंग बेकरी के अवध कांप्लेक्स की सप्लाई चन में नॉनवेज भी शामिल और सामने पंचमुखी हनुमान मंदिर
मेरठ/ बेगमपुल और आबूलेन से सटे बेहद तंग इलाके पीएल शर्मा रोड पर मेरठ विकास प्राधिकारण के अफसरों की हिमाकत और वो भी तब जब सूबे में योगी सरीखे सीएम हों। फाइलों में सील पडेÞ इस अवध कांप्लेक्स में जिस प्रकार से सप्लाई चन करने वाले कंपनी को डेढ़ मीटर की गली में बनवा दी गयीं। करीब 10 से ज्यादा दुकानों में से तीन दुकानें किराए पर दी गयी और दुकानों को किराए पर लेनी वाली सप्लाई चन चलाने वाली कंपनी जो कुछ भी घर-घर तक सामान पहुंचाती ह, जानकारों की मानें तो उसमें नॉनवेज भी शामिल होता ह। घरेलू सामान सप्लाई करने वाली इस कंपनी के बारे में जानकारी रखने वालों की मानें तो गृहउपयोग का सारा सामान इनकी फेहरिस्त में शामिल होता ह। किचन में जो कुछ भी यूज होता ह, वो सारा सामान कंपनी के डिलीवरी ब्वॉय बाइक व दूसरे जरियों से घर तक पहुंचाने का काम करते हं। यदि यह जानकारी वाकई सही ह तो फिर प्राधिकरण के जिन अफसरों ने पहले इस अवध कांप्लेक्स का निर्माण कराया और निर्माण में किसी प्रकार की बाधा न आए, उसके लिए इस पर सील लगाई वो तमाम अफसर जिनकी चर्चा इन दिनों इस अवध कांप्लेक्स को लेकर पूरे महानगर में हो रही ह। यहां पंचमुखी हनुमान मंदिर के सामने किंग बेकरी की दुकानों में बेचे जाने वाले नॉनवेज की वजह से यदि कोई फसाद होगा तो उसके लिए वहीं जिम्मेदार होंगे। 30 मार्च से वसे भी चत्र नवरात्र शुरू होने जा रहे हं। किंग बेकरी के अवध कांप्लेक्स में जिस सप्लाई चन की बात की जा रही ह वो यदि नॉनवेज भी सप्लाई करती ह तो इसको लेकर निश्चित रूप से हंगामा होना तय ह। इसके लिए सिर्फ और सिर्फ प्राधिकरण के वो अफसर जिम्मेदार होंगे जिन्होंने यह अवध कांप्लेक्स बनवाने में पूरी मदद की है।
बाहर सील, अंदर निर्माण का खेल
सूत्रों की मानें तो जिस भी निर्माण को टाउन की प्लानिंग करने वाले अफसरों को निर्विध्न पूरा करना होता ह, उस पर सेटिंग-गेटिंग होने के बाद पहला सील लगाने का किया जाता ह। जसा कि किंग बेकरी के इस अवध कांप्लेक्स के अलावा सिविल लाइन इलाके के नेहरू रोड स्थित जीडीए के एक अफसर द्वारा घर में बनवाए जा रहा अवध होटल ह। ऐसे तमाम उदाहरण मिल जाएंगे जिन्हें प्राधिकरण ने सील की कार्रवाई इसलिए की ताकि सवालों से बचा जा सके, लखनऊ से होने वाली किसी भी जांच में खुद की गर्दन फंसने से बचा सकें और जिनसे मोटा रकम ली गयी ह उनका काम ना रूके। किंग बेकरी का अवध कांप्लेक्स बनकर तयार हो गया। दुकानों की खरीद-फरोख्त शुरू हो गयी ह। जब अवध निर्माण चल रहा था तब भी प्राधिकरण में मौजूद मददगार अफसरों की वजह से दूसरे अफसरों ने यहां काम रोकने की हिमाकत नहीं की और अब बगर कंपाउंडिंग के दुकानों का कामर्शियल यूज शुरू हो गया ह, तब भी प्राधिकरण के कुछ ऐसे अफसर जो दावा करते हं कि टाउन का नियोजित विकास प्राधिकरण के साथ वो भी आकर झांकने को तयार नहीं।
…तो कंपाउंडिंग के नाम पर बोला जा रहा झूठ
किंग बेकरी के अवध कांप्लेक्स की कंपांडिंग को लेकर ऊपर से लेकर नीचे तक क्या झूठ बोला जा रहा ह। यह सवाल इसलिए पूछा जा रहा ह कि प्राधिकरण अफसरों ने संवाददाता से खुद स्वीकार किया कि अवध कांप्लेक्स पर सील लगायी गयी ह। यदि अवध कांप्लेक्स वाकई सील ह तो तो फिर पंचमुखी मंदिर के सामने वाली गली में बनायी गयी दुकानों की बिक्री किस प्रकार से कर दी गयी ह। जिस सप्लाई चन वाली कंपनी का चर्चा पीएल शर्मा रोड पर आम ह। उस कंपनी के कारिंदे गली की तीन दुकानों में हरकत करते देखे जा सकते हं। इतना ही नहीं यहां पर बिजली सप्लाई के लिए भारी भरकम जनरेटर भी लाकर रख दिया गया ह। इसके बाद भी सुनियोजित विकास प्राधिकरण के साथ का दम भरने वाले अफसर क्या कुंभकर्णी नींद में ही रहेंगे।
अफसरों को हाईकोर्ट में खींचने की तैयारी

किंग बेकरी के अवध निर्माण के खिलाफ मुहीम छेड़ने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज चौधरी का कहना ह कि जिस तरह का खेल प्राधिकरण के अफसर खेल रहे हं। उसके चलते जिन टाउन प्लानर का नाम इसको लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में उन समेत तमाम अफसरों वो चाहे फायर एनओसी का काम देख रहे हों या कोई दूसरा सभी को एनजीटी व हाईकोर्ट में घसीटा जाएगा। कांप्लेक्स के लिए भारी भरकम जनरेटर लाकर रख देना वो भी घनी रिहायशी आबादी वाले इलाके में एनजीटी के कायदे कानून का सीधा उल्लंघन ह। इसके लिए जितना कसूरवार अवध कांप्लेक्स बनाने वाला ह, उससे ज्यादा कसूर प्राधिकरण के अफसर हैं।
बहुत ही गजब की न्यूज लेकिन प्राधिकरण के अधिकारियों के भ्रष्टाचार में डूबी व्यवस्था के आगे सूबे के मुख्यमंत्री जो जीरो टॉलरेंस की बात करते है वो भी नतमस्तक दिखाई पड़ते है।