Symposium cum Table Top Exercise, पश्चिम उ0प्र0 सब एरिया, मेरठ कैंट में किया गया प्रदेश के 35 भूकम्प आपदा के प्रति संवेदनशील जनपदों के साथ भूकम्प एवं अग्नि सुरक्षा पर एक्सरसाइज़ “समन्वय” के आयोजन हेतु राज्य स्तरीय Symposium cum Table Top Exercise का आयोजन
माननीय उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में किया गया टेबल टॉप अभ्यास का आयोजन
मेरठ (सू0वि0) 18.09.2024
उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भारतीय सेना के मुख्यालय मध्य कमान द्वारा आज दिनांक 18 सितम्बर 2024 को पश्चिम उ0प्र0 सब एरिया, मेरठ कैंट में प्रदेश के 35 भूकम्प आपदा के प्रति संवेदनशील जनपदों के साथ भूकम्प एवं अग्नि सुरक्षा पर एक्सरसाइज़ “समन्वय” के आयोजन हेतु राज्य स्तरीय Symposium cum Table Top Exercise का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत श्री राजेंद्र सिंह, पीटीएम ,टीएम, सदस्य एवं विभाग प्रमुख, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य अभिभाषण से हुई। टेबल टॉप अभ्यास का आयोजन प्राधिकरण के माननीय उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी, पी.वी.एस.एम,ए.वी.एस.एम, वी.एस.एम, (से.नि.) की अध्यक्षता में किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तर भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डी जी मिश्र और अन्य वरिष्ठ सेना और राज्य और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए। अपने मुख्य भाषण में राजेंद्र सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 35 जनपद भूकम्प आपदा के प्रति संवेदनशील है। भूकंप एक ऐसी आपदा है जिसकी कोई प्रारंभिक चेतावनी नहीं है, परंतु हमें ऐसी परिस्थितियों के लिए अभी से तैयार रहना होगा। इस आपदा के कारण विभिन्न दुर्घटनाएं और भी होती है जैसे-अग्नि दुर्घटना, कारखानों में केमिकल की घटना इत्यादि जिनका प्रभाव भी हम सब पर पड़ता है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने अपने उद्घाटन भाषण में उल्लेख किया कि टेबल टॉप अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सभी स्टेक होल्डर को प्रदेश में भूकम्प एवं अग्नि दुर्घटना के जोखिम, संवेदनशीलता और इसके प्रबंधन के प्रति जागरूक करना था, जिससे ऐसी आपदा के दौरान सभी विभाग आपसी समन्वय से प्रतिक्रिया करने में सक्षम रहे। पश्चिम उ0प्र0 सब एरिया, मेरठ कैंट में आयोजन भी इसी कारण किया गया क्यूंकि प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों के जनपद भूकम्प संवेदनशीलता के ज़ोन-04 में आते है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य के पर्यवेक्षक भी इसमें शामिल हुए, क्योंकि इस क्षेत्र में आने वाले किसी भी भूकंप का प्रभाव सभी सीमावर्ती राज्यों पर भी पड़ता है। लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्र जनरल ऑफिसर कमांडिंग उत्तर भारत ने बताया कि भारतीय सेना किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार है, उत्तर प्रदेश में किसी आपदा की घटना होने पर पूर्ण सहयोग किया जाएगा। एक्सरसाइज़ “समन्वय” से केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों, केंद्र और नागरिक समाज संगठनों सहित प्रतिक्रिया बलों के विभिन्न विभागों के स्टेक होल्डरों के बीच आपसी समन्वय एवं जानकारियों को आपस में साझा करने में महत्वपूर्ण सहयोग भी मिलेगा।
टेबल टॉप अभ्यास की शुरुआत भूकम्प और अग्नि खतरों के प्रबंधन पर चर्चा से शुरू की गयी तथा डॉ एच०एस० मण्डल, वैज्ञानिक-एफ ने भूकंप की निगरानी, पूर्व चेतावनी के संबंध में व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में भारतीय सेना, भारतीय रेलवे, एन0डी0आर0एफ0, राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र पूर्व चेतावनी एजेंसियों और अन्य राज्य सरकार के विभागों, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, राज्य आपदा मोचन बल, श्रम विभाग तथा सी०आर०ओ०पी० सी० नई दिल्ली के प्रतिनिधियों ने भूकंप एवं आग से संबंधित घटनाओं से निपटने के दृष्टि से अपने-अपने विभागों की क्षमताओं, चुनौतियों और तैयारियों पर व्याख्यान दिया।
निदेशक, गुजरात आपदा प्रबंधन संस्थान ने वर्ष 2001 में भुज में हुए भूकम्प दुर्घटना एवं मुख्य अग्निशमन अधिकारी, कानपुर नगर ने कानपुर के बांसमंडी में वर्ष 2023 में हुए अग्नि दुर्घटना के दौरान विभागों द्वारा किए गए प्रतिक्रिया, चुनौतियाँ और इस तरह की आपदा के दौरान कैसे बेहतर प्रतिक्रिया की जाये के बारे में सभी प्रतिभागियों को बताया।
20 सितम्बर 2024 को सभी 35 जनपदों में स्कूल, अस्पताल, फैक्ट्री, रेलवे क्षेत्र, शासकीय भवन एवं शॉपिंग मॉल में मॉक एक्सरसाइज़ का प्रशिक्षण किया जाएगा। इस कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में सभी 35 जनपदों के अपर जिलाधिकारियों (वित्त/राजस्व) के साथ जनपद की तैयारियों, समन्वय एवं प्रतिक्रियाओं के बारे में विस्तृत चर्चा की गयी।
पश्चिम उ0प्र0 सब एरिया, मेरठ कैंट में आपदा राहत एवं बचाव कार्य में प्रयोग होने वाले उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसका उपस्थित अधिकारियों द्वारा अवलोकन किया गया। जिला सूचना अधिकारी सुमित कुमार ने दूरसंचार उपकरणो का अवलोकन किया तथा संबंधित से दुर्गम क्षेत्रों में आपदा के समय दूरसंचार कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त की।