ताकि मुसीबत न बने महा योजना, मेरठ महायोजना लोगों के लिए मुसीबत न बने इसके लिए कुछ सुझाव दिए गए थे, इन्हीं सुझावों पर चर्चा को शुक्रवार को संयुक्त व्यापार समिति के अध्यक्ष नवीन कुमार अग्रवाल व महामंत्री विपुल सिंगल अपना पक्ष रखने के लिए पहुंचे। प्राधिकरण की ओर से सचिव चंद्रपाल तिवारी, नगर निगम का प्रतिनिधित्व कर रहे अपर नगर आयुक्त, मुख्य नगर नियोजक तथा लखनऊ से आए अधिकारी मौजूद रहे। विपुल सिंहल ने प्रस्तावित महायोजना 2031 में मेरठ के मुख्य मार्गो की दी गई रोड वाइड़निंग पर आपत्ति की। गलत ROW से मेरठ का विकास रुकता है। मेरठ के मुख्य मार्गो की रोड वाइडनिंग जैसे बागपत रोड, दिल्ली रोड, हापुड़ रोड, गढ़ रोड जो मेरठ का दिल भी कहा जा सकता है वहां 45 मीटर ,45 मीटर, 30 मीटर तथा 45 मीटर दर्शाई गई है। सड़क की इतनी चौड़ाई शहर के बीचोबीच घनी आबादी वाले क्षेत्र में वास्तविकता में किया जाना नामुमकिन ही नहीं असंभव है। इतनी अधिक रोड वाइडनिंग मौजूदा बने पक्के मकानों एवं दुकानों पर एक तलवार की भांति लटकी रहेगी। यह रोड वाइंडिंग 2001 में बनी महायोजना 2021 में भी दर्शाई गई थी और 20 साल बीत जाने के बाद भी आज तक विभाग द्वारा किसी भी स्थान पर रोड वाइड़निंग इतना किया जाना संभव नहीं हो पाया है, और ना ही आगे कभी भविष्य में हो पाएगा। मेरठ के जीरो माइल स्टोन बेगमपुल से लेकर अन्य शहरों को जोड़ने वाले मार्ग जैसे दिल्ली रोड, गढ़ रोड, बागपत रोड, रुड़की रोड, मवाना रोड, किला रोड तथा अन्य सड़कों को मेरठ की आउटर रिंग रोड तक अथवा मेरठ के जीरो माइल स्टोन से 15 किलोमीटर की दूरी तक सड़क के दोनो ओर व्यवसायिक भू-उपयोग किया जाना अनिवार्य है। शहर के अंदरुनी प्रमुख बाजार जैसे सर्राफा बाजार, खेरनगर दवा बाजार, खंदक, बजाजा स्थित कपड़ा बाजार, हार्डवेयर, किराना बाजार, अनाज मंडी, कबाड़ी बाजार, जत्तीवाडा एवं बुढ़ाना गेट पेपर मार्किट आदि में खुदरा व थोक बाजार संचालित हो रहा है जिनको नियमित किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महायोजना में अनेक त्रुटियां हैं, उन्हें दूर किया जाए।