और छह माह बढ़ा भंग कैंट बोर्ड का कार्यकाल,
मेरठ। भंग कैंट बोर्ड की अवधि और छह माह काे लिए बढ़ा दी गयी है। इस आश्य का आदेश कैंट बोर्ड के सीईओ ऑफिस वाया फैक्स पहुंच चुका है। रक्षा मंत्रालय के एक लाइन के फरमान ने भंग कैंट बोर्ड का कार्यकाल और छह माह बढ़कर जनता के लोकतांत्रिक अधिकार पर कुठाराघात किया है। छावनी क्षेत्र के लोगों का कहना है कि जब बोर्ड भंग है तो फिर उनकी सुनवाई कैसे होगी। उनका कहना है कि छावनी का इलाका नगर निगम में जाए चाहे कैंट बोर्ड के अधिकार में ही रहे, इससे कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है। बड़ा सवाल यही है कि छावनी क्षेत्र की जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन क्यों। लोग पूछ रहे हैं जिनसे उम्मीद भंग हो चुके बोर्ड से पहले जो उनकी नुमाइंदगी करते थे वो भला क्यों चुप हैं। या यह मान लिया जाए कि बोर्ड भंग होने के बाद बोर्ड की राजनीति करने वालों की राजनीतिक का सूर्य अब अस्त हो गया है यदि ऐसा नहीं है तो फिर कैंट की जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए क्यों नहीं आवाज उठायी जा रही है। छावनी के लोग चाहते हैं कि तमाम पूर्व उपाध्यक्ष उनकी आवाज बनें। छावनी के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर डाला गया बैरियर हटाया जाए। भले ही कैंट बोर्ड में रहे या नगर निगम में मिलें। वहीं दूसरी ओर बोर्ड और छह माह के लिए भंग रहने के चलते मंत्रालय द्वारा जनता के प्रतिनिधि के रूप में मनोनीत किए गए भाजपा के वरिष्ठ नेता डा. सतीश शर्मा का कार्यक्रम भी स्वत ही बढ़ गया है।