
मेरठ। प्रेमी की मदद से पति की हत्या में जेल के सलाखों के पीछे पहुंचा दी गई मुस्कान के बच्चे को लेकर सोसाइटी में तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं। मुस्कान के चरित्र पर लांछन लगाए जा रहे है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि मुस्कान की कोख में पल रहा मासूम किस का अंश है, इसको लेकर डीएनए टेस्ट की मांग की जा रही है। तमाम तरह की वो बातें कहीं जा रही हैं कम से कम तब नहीं की जानी चाहिए जब कोई भी लड़की गर्भवती हो। बच्चे के पिता नहीं मां की बात हो! बच्चा किस का है इसके लिए डीएनए टेस्ट की बात करने वाले सौरभ राजपूत के परिवार को यह नहीं भूलना चाहिए की मुस्कान कानूनी तौर पर आज भी उनके परिवार की बहू है। जो कुछ मुस्कान ने किया उसको सही कभी नहीं ठहराया जा सकता है। उसने अपने प्रेमी सहिल शुक्ला की मदद से पति की हत्या की। कानून में जो भी सजा इसके लिए हो सकती है वो मिलेगी और मिलनी भी चाहिए। किसी की हत्या का किसी भी वजह से हक किसी को नहीं। यदि आपस में नहीं बनती तो बगैर देर किए अलग हो जाओ, मुस्कान ने जो कुछ किया उसकी सजा देने के लिए कानून है।
मीडिया ट्रॉयल क्यों

मुस्कान के पेट में पल रहे मासूम के बाप को लेकर जिस प्रकार की बातें मीडिय में आ रही है वो किसी भी सभ्य समाज में मुनासिब नहीं कही जा सकतीं। मुस्कान के करैक्टर को लेकर जो कुछ मीडिया खासतौर से सोशल मीडिया में चल रहा है उसको कानून की किताब में अपराध माना जाता है। बच्चा किस का है बजाए इस पर बहस होने इस बात को जानकार शांत हो जाना चाहिए की बच्चे की मां मुस्कान है। तमाम हिन्दू पुराणों मे जिसमें महाभारत की यदि बात करें तो महाभारत काल में कुंती पुत्र कर्ण, गंगा पुत्र भीष्म, गांधारी पुत्र दुर्योध्न कहकर संबोधित किया जाता है। जो बच्चा इस दुनिया में मुस्कान की कोख से आएगा वह भी मुस्कान का पुत्र कह लाएगा जब किसी ने भीष्म, कर्ण और दुर्योध्यन के पिता को लेकर महाभारत में सवाल नहीं उठाए तो फिर मुस्कान के पेट में पल रहे बच्चे को लेकर सवाल उठाने वाले समाज को यह इजाजत किसने दी। क्या ऐसे लोगाें का खासतौरसे निचले स्तर के मीडिया पर इसको लेकर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए
प्रगनेन्सी की बाद यह हुआ




जिला कारागार में बंद मुस्कान का प्रेग्नेंसी टेस्ट के बाद शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड कराया गया। जांच में वह चार से छह सप्ताह की गर्भवती निकली है। ब्रह्मपुरी में मुस्कान-साहिल ने 3 मार्च को सौरभ की हत्या कर शव ड्रम में डालकर सीमेंट से जमा दिया था।चार मार्च की शाम को दोनों हिमाचल में घूमने चले गए, जो 17 मार्च को वापस लौटे। 18 मार्च को पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था। 19 मार्च को न्यायालय ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। मुस्कान की तबीयत बिगड़ने पर जिला महिला अस्पताल से गायनोकालोजिस्ट काेमल ने प्रेगनेंसी टेस्ट कराया। जांच में मुस्कान गर्भवती निकली थी।
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