मासूम चीखीं तो भीड़ टूट पड़ी

kabir Sharma
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मेरठ/ मेडिकल थाना के शास्त्रीनगर पीवीएस मॉल के समीप चार साल की मासूम को स्कूटी सवारों ने उठाने का प्रयास किया। जैसे ही आरोपी बच्ची की ओर लपके उनसे जान बचाकर बच्ची तेजी से भागी और अपने घर जा पहुंची, इस बीच भीड़ ने स्कूटी सवारों को घेर लिया। जब पता चला कि मुस्लिम हैं तो उनकी जमकर पिटाई कर दी। वहां हंगामा हो गया। भीड़ ने चारों आरोपियों को पुलिस चौकी पर सौंप दिया। अच्छी बात यह रही कि जैसा सोचा गया था वैसा कुछ नहीं हुआ था।
मिली जानकारी के अनुसार चार किशोर जिनमें सबसे बड़ा बनुकर नगर निवासी 14 साल, ढवाई नगर निवासी 13 साल, दो किशोर 12 साल के निवासी बुनकर नगर को शास्त्रीनगर जाग्रति विहार मायापुरी इलाके से भीड़ ने पकड़ा। इनके साथ जमकर मारपीट की गयी। मायापुरी निवासी अमित पुत्र देवीशरण ने स्कूटी सवार इन चारों पर अपनी चार साल की बेटी को उठा कर ले जाने के प्रयास का आरोप लगाया। यह जानकारी मिलने के बाद हंगामा हुआ। किशोरों से कुछ पूछे बगैर उनको पीटना शुरू कर दिया। भीड़ इन्हें लेकर पीवीएस चौकी पहुंच गयी। इन्हें पुलिस के हवाले कर दिया।


यह हुआ था


दरअसल ईद उल फितर की खुशियां बना रहे ये चारों किशोर घर पर घूमने जाने की बात कहरकर स्कूटी से निकले थे। चारों एक ही स्कूटी पर थे और खेलकूद व मस्ती करते हुए मेडिकल के जाग्रति विहार एक्टेशन स्थित एमआई स्कूल जा पहुंंचे। वहां से लौट रहे थे। मायापुरी इलाके में पहुंचने पर सबसे पीछे बैठे 14 साल के किशोर ने स्कूटी चला रहे अपने से दो साल छोटे किशोर से कहा कि स्कूटी मैं चलाऊंगा। इसको लेकर चलती स्कूटी पर ही चारों हो हल्ला करने लगे। उसी दौरान अचानक स्कूटी गिर गई। वहीं पर अमित की एक चार साल की मासूम बेटी खेल रही थी या जा रही थी, वह बुरी तरह से डर गयी और तेजी से रोती हुई घर की ओर भागी। उसके पिता उसको देखा तो गोद में उठाकर तेजी से उस ओर दोडेÞ जहां बच्ची ने इशारा किया। बगैर कुछ सोचे समझे या पूछताछ किए स्कूटी सवार किशोरों पर बच्ची के अपहरण का आरोप लगा दिया। वहां भीड़ जमा हो गयी। हो-हल्ला होने लगा। भीड़ ने किशोरों को पकड़ कर पीट दिया और चौकी पर ले आए।


किशोरों के अभिभावक बुलाए


पुलिस ने चौकी पर जब पूछताछ की तो चारों किशोर बुरी तरह से डरे हुए थे। भीड़ की मारपीट से पहले ही रुआंसे थे। रही सही कसर सामने पुलिस वालों को देखकर पूरी हो गयी। हालांकि पुलिस वालों ने बेहद संयत होकर बगैर किसी सख्ती के पूछताछ की। मोबाइल नंबर लेकर उनके परिजनों को भी बुला लिया। परिजनों को जब मामले की जानकारी हुई तो बच्चे की हरकत पर खेद जताया। अमित भी तब तक माजरा समझ चुके थे कि किशोरों का वैसा इरादा नहीं था जैसा उन्होंने समझा। बाद में चारों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। इंस्पेक्टर मेडिकल शीलेष कुमार ने बताया कि मामला गलतफैमी की वजह से हुआ। कोई तहरीर नहीं है ना ही लिखा पढ़ी की गयी है।

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