अंधेरे को अफसरों के दिन निकलने का इंतजार

अंधेरे को अफसरों के दिन निकलने का इंतजार
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अंधेरे को अफसरों के दिन निकलने का इंतजार,

मेरठ / वीआईपी दर्जा हासिल करने के बाद भी कंकरखेड़ा मेन रोड पुरसा हाल नहीं। शाम ढलते ही वहां अंधेरा पसर जाता है। तमाम वीवीआईपी व वीआईपी कंकरखेड़ा की इस अंधेरी सुरंग से होकर ही गुजरते हैं। दिल्ली व अन्य स्थानों से मेरठ में जितने भी वीवीआईपी व वीआईपी आते हैं उनको लाने ले जाने के अफसर आमतौर पर बाईपास से वाया कंकरखेड़ा मेनरोड का ही यूज करते हैं। दुखद है कि वीआईपी रोड होते हुए भी अफसरों को कंकरखेड़ा मेन रोड की सुध लेने की फुर्सत नहीं है। इस रोड पर केवल अवैध कब्जे ही नहीं हैं बल्कि यहां शाम के बाद अंधेरा भी पसर जाता है। आमतौर पर जिस रोड से वीआईपी मूवमेंट रहता है, वहां सबसे पहला काम अवैध कब्जों को हटाने का और दूसरा पथ प्रकाश व्यवस्था दुरूस्त करने का अफसर करते हैं। लेकिन लगता है कि मेरठी अफसरों को इस रोड से कोई सरोकार नहीं रह गया है। कंकरखेड़ा मेन रोड के दोनों ओर भारी आबादी है। यहां देर तक चहल-पहल रहती है। जो भी वीआईपी गाड़ियां गुजरती हैं, उनकी स्पीड सामान्य गाड़ियों के मुकाबले काफी ज्यादा होती है। ऐसे में यदि रोड पर अंधेरा पसरा रहेगा तो हादसे होने का अंदेता तो हमेशा बना रहेगा। वीआईपी मूवमेंट के दौरान हादसा ना हो यह जिम्मेदारी भी सिस्टम की है, लेकिन अरसे से हालात बने हुए हैं उनके चलते लगता है कि अफसरों को कंकरखेड़ा मेन रोड की पथ प्रकाश व्यवस्था से कोई सरोकार नहीं है। भले ही यहां से वीआईपी मूवमेंट हमेशा होता हो।
हाइवे को एनएचएआई के अफसरों के दिन निकले का इंतजार
शहर की वीआईपी कंकरखेड़ा मेन रोड एनएच-58 हाइवे से सीधे लिंक करती है, लेकिन यदि हाइवे की बात करें तो यहां भी अंधेरा ही पसरा रहता है। एनएच-58 देश के सबसे व्यस्त हाइवे में शुमार किया जाता है। इससे गुजरने वाली गाड़ियों से एनएचएआई प्रशासन भारी भरकम टोल वसूलती हैं। लाखों गाड़ियां इस टोल से गुजरती हैं, लेकिन उसके बाद भी एनएचएआई अफसर इस हाइवे की पथ प्रकाश व्यवस्था को लेकर गंभीर नजर नहीं आते। एनएच-58 का परतापुर से लेकर दौराला तक का एक बड़ा इलाका अंधेरे में डूबा होता है। यहां तभी प्रकाश होता है जब रात में गाड़ियों की लाइन आॅन होती है। हाइवे के खिर्वा से लेकर मोदीपुरम फ्लाई ओवर पर गुप्प अंधेरा छाया रहता है। केवल यहीं नहीं इस हाइवे पर जगह-जगह ऐसा ही बुरा अंधरा रहता है। अभी सर्दी ने पूरी तरह से दस्तख नहीं है। सर्दी के मौसम में जब भारी कोहरा पड़ता है, तब यहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं होता। लेकिन उसके बाद भी भारी भरकम टोल टैक्स वसूलने वाले एनएचएआई के अफसरों को इस बात से कोई सरोकार नजर नहीं आता कि हाइवे के खिर्वा बाईपास सरीखे इलाकों में लाइट का माकूल इंतजाम ना होने की वजह से वहां हादसा भी हो सकता है। लोगों की जान भी जा सकती है।
वर्जन
पीवीवीएनएल के चीफ धीरज सिन्हा का कहना है कि कंकरखेड़ा के संबंध में किसी ने शिकायत नहीं है। लेकिन यदि वहां अंधेरा है तो तत्काल संबंधित एक्सीयन को कार्रवाई के आदेश किए जा रहे हैं। यह रोड रोशनी से गुलजार की जाएगी।

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