देश की किसी भी विवि की डिग्री 15 लाख में

kabir Sharma
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GZB/MRT/ पांच-पांच लाख में सीसीएसयू की फर्जी डिग्रियों का धंधा कर भोले भाले लोगों को ठगने वाले विजय नगर गाजियाबाद निवासी सूरज प्रकाश व उसके साथी मानी खुर्दकला जौनपुर निवासी बिलाल को पुलिस ने सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। उनके शातिराना कारनामों को खुलासा होने के बाद पुलिस वाले भी हैरात में पड़ गए हैं। ये दोनों शातिर अब तक दर्जनों को सीसीएसयू व दूसरी ऐसी ही यूनिवर्सिटियों की फर्जी डिग्री थमकर अकूत धनसंपदा जोड़ चुके हैं।
एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि सरधना पुलिस व स्वाट देहात की साझा छापे में एमबीबीएस/बीएएमएस की फर्जी डिग्री बनाकर आॅनलाइन व आॅफलाईन लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह के दो शातिर अभियुक्त गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से फर्जी डिग्री बनाने के उपकरण व डिजिटल साक्ष्य बरामद ।


विगत 27 मार्च को थाना सरधना पर अर्पित जैन पुत्र मुकेश जैन निवासी मौहल्ला भाटवाडा द्वारा अपनी भतीजी को रोमानिया मे एमबीबीएस कराने के नाम पर 5,80,000/- रुपए धोखाधड़ी से लेकर वापस ना करना व कुटरचित करके फर्जी सर्टिफिकेट तैयार करके के संबंध में अभियुक्त सूरज प्रकाश पुत्र डॉ. लल्लन कुमार निवासी गौड सिटी द्वितीय-ब्लाक सी 12 एवेन्यू विजयनगर गाजियाबाद के विरूद्ध मुकदमा लिखाया था।


जांच व छापे के दौरान अभियुक्त सूरज प्रकाश के विजय नगर गााजियाबाद स्थित फ्लैट से चौधरी चरण सिंह मेरठ यूनिवसटी से एमबीबीएस की माईग्रेशन सर्टिफिकेट, अंक तालिक एवं डिग्री जो अयाज नफीस पुत्र नफीस अहमद के नाम से जारी की गयी थीं और जिन्हें जाँच से फर्जी पाया गया। जाँच से अभियुक्त के बरामद मोबाईल से अन्य ऐसे विद्यार्थियों का डाटा भी मिला है जिनको फर्जी डिग्रिया प्रदान किये जाने के साक्ष्य मौजूद हैं। अभियुक्त के बयान एंव उपलब्ध डिजिटल साक्ष्य से एक अन्य अभियुक्त जिसका नाम विलाल पुत्र शमसाद अहमद निवासी मानी खुर्दकंला जौनपुर जिसने अपने फर्जी नाम ब्रजेश कुमार के नाम से लोगों को आईडी व्हाटसएप आदि के माध्यम से धोखा देकर फर्जी डिग्री के कार्य में लगा हुआ था उसको भी गिरफ्तार करने पर तीन मोबाईल ,एक लैपटाप बरामद किया गया। जांच में उसके मोबाईल/लैपटाप में देश की करीब 15 यूनिवर्सिटियों का विवरण, सम्पूर्ण डाटा जो अलग अलग राज्यों में स्थित है मिला है, जिससे भारत के अलग-अलग राज्यों के विद्याथियो को फर्जी डिग्री अलग-अलग यूनिवर्सिटियों के नाम से बनवाकर बांटा जा रहा था और इसके एवज में प्रत्येक डिग्री पर मोटी धनराशि करीब 10 से 15 लाख रुपए वसूल किये जाते थे। नये विद्यार्थी को अपनी वेबसाईट बनाकर आनलाईन सर्च करने वाले विद्याथियो को झांसे में लेकर फसाया जाता था। एक अन्य व्यक्ति उक्त पूरे गिरोह में जिसका नाम अभिषेक यादव है का नाम प्रकाश में आया है। एसपी देहात ने बताया कि इस मामले की जांच अभी चल रही है।


पहुंचाया सालाखों के पीछे


पुलिस ने गिरफ्तार किए गए विलाल निवासी व सूरज प्रकाश निवासी विजयनगर गाजियाबाद को न्यायालय के समक्ष कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। उनके फरार चल रहे साथी अभिषेक यादव की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। उसकी तलाश में ताबड़तोड़ दबिशें दी जा रही हैं। इनकी गिरफ्तारी से कई युवाओं का जीवन बर्बाद होने से बच गया है।

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