मोबाइल मिलने पर महिला वार्डन ने डांट दिया और घर वालों से शिकायत करने की बात क्या कह दी। सरूरपुर के भूनी स्थित कस्तूरबा गांधी छात्रावास की तीन छात्राएं वहां से निकल गयीं। उनका यूं अचानक गायब हो जाने से तूफान खड़ा हो गया। पुलिस प्रशासन के तमाम आला अधिकारियों ने रात में ही भूनी के लिए दौड़ लगा दी। मेरठ से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मचा रहा।
मेरठ/ कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की जिन तीन छात्राओं के गायब होने से मेरठ से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मचा रहा, उन्होंने खुलासा किया कि मोबाइल मिलने पर टीचर के डांटने व घर पर शिकायत करने की बात करने से वह बुरी तरह से डर गयी थी और इसी वजह से तीनों छात्रावास से चुपचाप निकल गयी थीं। शुक्रवार देर रात तीनों द्वाराओं को पुलिस ने बरामद कर लिया था। शनिवार को उन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया। छात्राएं अपने घर पहुंच गयीं, लेकिन इस पूरे प्रकरण में अभी कार्रवाई जारी है। डीएम ने बर्खास्त किए गए कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश बीएसए को दिए हैं। हालांकि इस मामले में तलवार बीएसए पर भी लटक गयी थी, लेकिन उन्हें फिलहाल राहत दी गयी है।
यह पूरा मामला

सरूरपुर के भूनी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से तीन छात्राएं अचानक से लापता हो गई थी। आरोप है कि इनके लापता होने की खबर को छुपाए रखा था। छात्राओं के गायब होने की खबर ने पुलिस प्रशासन को हिलाकर रख दिया। डीएम डा. वीके सिंह व एसएसपी डा. विपिन ताडा के अलावा सीडीओ नूपुर गोयल, एडीएम सिटी व एसपी देहात समेत तमाम आला अधिकारी व बीएसए भी मौके पर पहुंच गयीं। मेरठ से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मचा रहा। दिन भर पुलिस टीमें लगी रहीं। शुक्रवार देर रात तीनों छात्राओं को जयभीमनगर एक मकान से सकुशल बरामद किया गया। रात में ही तीनों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। डाक्टरी परीक्षण कराया गया और परिवार वालों को सुपुर्द कर दिया गया था। शुक्रवार को फिर से तीनों छात्राओं को कोर्ट में पेश किया गया। जहां उनके बयान दर्ज किए गए। बकौल पुलिस छात्राओं ने बताया कि वार्डन के धमकाने और परिवार वालों से शिकायत करने के डर की वजह से दीवार टूटी हुई दीवार की ओर से निकलकर चली गई थी। इस मामले में बीएसए की ओर से स्कूल की वार्डन रीना और शिक्षिका बिंदिया की लापरवाही मानते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज भी कराने आदेश दिये हैं।
पैसे नहीं थे, लिफ्ट लेकर पहुंची छात्राएं
सरूरपुर थाना प्रभारी अजय शुक्ला ने बताया कि छात्राएं स्कूल से दोपहर के वक्त टूटी हुई दीवार के पीछे से निकली और सीधे सरधना रोड स्थित पेट्रोल पंप पर काफी देर तक खड़ी रही उनके पास पैसे नहीं थे। यूपी रोडवेज की बस में मेरठ के लिए बैठ गई, लेकिन रोडवेज बस के चालक ने तीन छात्राओं को अकेला और नाबालिग देखते हुए भूनी टोल प्लाजा पर ही उतार दिया और आगे ले जाना से इनकार कर दिया। जिसके बाद यहां से छात्राओं ने किसी तरह से नानू गंगनहर तक किसी से लिफ्ट ली और नानू गंगनहर तक पहुंच गई। फिर कंकरखेड़ा बाइपास पर पहुंची। यहां से वह फिर लिफ्ट के प्रयास में रही, लेकिन किसी ने लिफ्ट नहीं दी। किसी ने उन्हें 60 रुपये दिये जिनसे वह जयभीमनगर पहुंचीं।
रात में ही स्कूल छोड़ने का फरमान
खंड शिक्षा अधिकारी अजय कुमार देर रात स्कूल में पहुंचे और उन्होंने दोनों बर्खास्त शिक्षिका और रीना बिंदिया को तत्काल प्रभाव से स्कूल छोड़ने के आदेश जारी किए। इसे लेकर दोनों बर्खास्त शिक्षिकाओं का आरोप है कि रात में ही एक बजे उन्हें स्कूल छोड़ने के लिए काफी दबाव बनाया गया। किसी तरह से वे रात को रुकीं और सुबह स्कूल छोड़ा।
पूनम शर्मा बनी नई वार्डन
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की वार्डन रीना त्यागी और एसएसटी की शिक्षिका बिंदिया के बर्खास्त होने के बाद उनके स्थान पर पूर्व में स्कूल की वार्डन रह चुकी शहर के पूर्वा अहिरान के कस्तूरबा गांधी विद्यालय की वार्डन पूनम शर्मा को एक बार फिर से वार्डन नियुक्त किया गया है। वहीं शिक्षिका आरती ने भी शनिवार को पहुंचकर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया।
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