
नई दिल्ली/रायपुर। बेमेतरा जिले के गांव चटवा में सुबह-सुबह जंगल में दो लाशें लटकी मिलीं। ऊंचे पेड़ पर जहां एक वृद्ध व युवती की यह लाश झूल रही थीं, उन्हें देखकर हत्या का शक जाहिर होता था, लेकिन दो लाशों की खबर मिलने पर मौके पर पहुंचे पुलिस अफसरों ने कह दिया कि दोनाें लटक कर मरे हैं। ना कोई जांच ना पड़ताल ना किसी से पूछताछ ना जानकारी। पुलिस के अफसर हैं इसलिए उनके मुंह से निकला हर अलफाज इंसाफ होता है, उन्होंने कह दिया लटक कर मरे हैं तो गांव वालों ने भी होठ सील लिए और पूछा तक नहीं कि यदि किसी जान ही देनी है तो पेड़ पर चढने की जहमत क्यों उठाएंगा। फिर जिस पेड़ की टहनी से ये दोनाें लाशें लटक रहीं हैं जब उन पर दो लोग चढेगे तो क्या बगैर लटके उनका संतुलन नहीं बिगड़ेगा और वो लटक कर मरने से पहले ही नीचे गिरकर जख्मी हो जाएंगे।
यह है पूरा मामला
बेमेतरा जिले के बेरला थाना क्षेत्र में चटवा गांव में रायपुर के धरसींवा निवासी एक 50 वर्षीय अधेड़ और 19 वर्षीय युवती की लाश एक ही फंदे से पेड़ पर लटकी हुई मिले। दोनों के शव एक साथ मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची ने कह दिया खुद लटकर मरे हैं। गांव वालों ने बताया कि ्मृर तक रामजी साहू धरसींवा के कूंरा गांव में गिफ्ट सेंटर संचालित करता था। मृतिका भी कुछ वर्षों से उसी गिफ्ट सेंटर में कार्यरत थी। रामजी की पत्नी कूंरा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। पुलिस ने जेसीबी मशीन की सहायता से शवों को पेड़ से नीचे उतरवाया। गांव में चर्चा है कि खुद नहीं मरे हैं दोनों को मारकर लटकाया गया है। गांव वालों का कहना है कि पुलिस पहले जांच तो करे बगैर जांच करे तो दरोगा जी का खुद लटक कर मर गए का प्रमाण पत्र देना मुनासिव नहीं।
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