तेंदुए का खतरा है कायम,
मेरठ/एक दिन पहले बीते गुरूवार के परतापुर के रिठानी में जो तेंदुआ नजर आया था, वो वही तेंदुआ है जो आज परीक्षितगढ़ वन रेंज रेस्क्यू किया गया। इस बात की गारंटी ना तो वनकर्मी दे रहे हैं और ना ही रिठानी के शारदा एक्सपोर्ट इलाके के आसपास रहने वाले तेंदुए का खतरा टल जाने की बात मानने के तैयार हैं। उनका कहना है कि जो तेंदुआ शुक्रवार को रेस्क्यू किया गया है उसके पंजों व गुरूवार को नजर आए तेंदुए के पंजों में बड़ा फर्क है।
हालांकि वनविभाग के अधिकारियों का कहना है कि पैनिक ना लें केवल सावधानी बरतें। पशु एकाएक हिंसक कभी नहीं होत और जो तेंदुआ गुरूवार को नजर आया था वो अभी भी उसी इलाके में होगा ऐसा संभव नहीं है। तेंदुए जैसे हिंसक जीव को आमतौर पर उन्हें जिस इलाके में खतरा नजर आता है, वहां जाने से परहेज बरते हैं। तेंदुआ किसी भी इलाके में केवल तब तक जाता है जब तक उसको यह पता होता है कि उसकी किसी को भनक नहीं और दूसरा यह कि प्रचुर मात्रा में शिकार मिले। शहर में अब तक जिन भी इलाकों में तेंदुए नजर आए हैं उन सभी में शिकार यानि स्ट्रीट डॉग प्रचुर मात्रा में होते हैं। लोगों को बताया गया है कि अभी पक्की तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। साथ ही सलाह दी गयी है कि जब भी खेतों की ओर जाएं जमीन पर निशान पहचाने का प्रयास करें।
यह बोला चश्मदीद
रिठानी के जंगलों में सबसे पहले तेंदुआ देखने वाले सुरेश का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वह कह रहा है कि वह जंगल से लकड़ी लेने को आ रहा था। अचानक उसकी नजर झाड़ियों पर पड़ी तो उसके पावं वहीं ठिठक गए, उसके पीछे एक स्ट्रीट डॉग था, उसकी भी नजर तेंदुए पर पड़ी, स्ट्रीट डॉग तेजी से पलटा और जान का खतरा भांपकर भाग खड़ा हुआ। अगले ही पल बिजली की सी तेजी से तेंदुआ उछलकर दीवार की दूसरी ओर चला गया।