कायदे की बिल्डिंग तक नहीं नाम डिग्री कालेज

कायदे की बिल्डिंग तक नहीं नाम डिग्री कालेज
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कायदे की बिल्डिंग तक नहीं नाम डिग्री कालेज,
मेरठ के एसके रोड स्थित एक डिग्री कालेज पर कायदे की बिल्डिंग व सीसीएसयू से अनुमोदित स्टाफ, प्रिसिपल व मैनेजेंट कमेटी तक नहीं उसके बाद भी कहने को यह डिग्री कालेज है। उस पर तुर्रा यह कि सीसीएसयू प्रशासन इसको बीएड काउंसलिंग की मान्यता देने पर तुला है। अजब अंधेरगर्दी है भाई।
सुजान सिंह डिग्री कालेज व रामा कालेज आॅफ एजेकुशन की जांच करने वाली कमेटी की ना के बावजूद सीसीएसयू प्रशासन उक्त कालेजों को राहत देने पर उतारू है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि सोमवार को कार्य परिषद की बैठक में प्रो. हरिभाउ गोपीनाथ खंडेरक की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी के स्थान पर एक नई जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है। पहली जांच कमेटी में प्रो. हरिभाउ गोपानाथ खंडेरकर के अलावा प्रो. शिवराज सिंह व मीनाक्षी शर्मा भी शामिल थे। इस कमेटी ने तीन बार उक्त कालेजों का दौरा व जांच की। तीनों ही बार अपनी जांच कमेटी में उक्त कालेजों को बीएड काउंसिल की अनुमति के लिए अपात्र माना।
यह है पूरा मामला
शहर के सूरजकुंड स्थिति पंड़ित सुजान सिंह डिग्री कालेज के संचालक बीएड काउंलिंग की अनुमति चाहते हैं, लेकिन इनके खिलाफ आरोप है कि जिस कालेज के नाम पर बीएड की अनुमति मांगी जा रही है वह एक घर में संचालित किया जा रहा है। एक डिग्री कालेज के जो मानक होते हैं, उस पर पंड़ित सुजान सिंह कहीं भी फिट नहीं बैठता है। जो इसकी संचालित कर रहे हैं उनकी मैनेजमेंट कमेटी सीसीएसयू से अनुमोदित नहीं है। इसके अलावा कालेज के प्रधानाचार्य व तमाम शिक्षक भी कालेज से अनुमोदित नहीं हैं। ऐसे में कैसे इस कालेज को बीएड काउंसलिंग की अनुमति दी जा सकती है।
वहीं दूसरी ओर आरोप है कि सीसीएसयू प्रशासन के कुछ उच्च पदस्थ अफसर पंड़ित सुजान सिंह डिग्री कालेज व रामा कालेज आॅफ एजुकेशन को बीए काउंसलिंग की मान्यता दिलाने पर अडेÞ हुए हैं। इनकी मान्यता होल्ड पर है। यह भी आरोप है कि इन कालेजों को बीएड काउंसलिंग की मान्यता के लिए लखनऊ से भी दवाब की बात सुनने में आ रही है। इसी के चलते अब किन्हीं डा. मृदुल गुप्ता की अध्यक्षता में नयी कमेटी के गठन की बात सुनने में आ रही है।

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