ई रिक्शा के जाम से अभी नहीं मुक्ति, -हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की ने की मेरठ में अवैध ई रिक्शाओं के मामले की सुनवाई- मेरठ के लोगों को अभी ई रिक्शाओं की वजह से खासकर अवैध ई रिक्शाओं की वजह से लगने वाले जाम से मुक्ति नहीं मिलने जा रही है। अफसरों ने बजाए काम निपटाने व परिणाम देने के मोहलत मांग ली है महानगर में अवैध रूप से चल रहे ई रिक्शाओं और उनसे पैदा मुसीबत को लेकर दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मेरठी अफसरों को हाईकोर्ट ने फिलहाल चालिस दिन की मोहलत दी है। दरअसल मेरठ में अवैध ई रिक्शाओं की वजह से खड़ी हुई जाम की समस्या को लेकर मिशन कंपाउंड थापर नगर निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज चौधरी ने जनहित याचिका दायर की है। बीते बुधवार को चीफ जस्टिस हाईकोर्ट की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। याचिका कर्ता के वकील सौरभ सिंह ने बताया कि मेरठ के अफसरों की ओर से दाखिल किए गए उत्तर में कहा गया कि इस संबंध में काफी काम किया जा चुका है। इसके लिए लगातार प्रयास जारी है। एक रोड मेप तैयार किया गया है। ई रिक्शाओं के लिए रूट तय किए जाने का भी काम चल रहा है। काफी काम किया भी जा चुका है। इस मामले में अफसरों ने कोर्ट से समय मांगा। जिसके चलते कोर्ट ने चालिस दिन का समय मेरठ के पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को दिया है। आरटीआई एक्टिविस्ट ने बताया कि इस मामले में उनकी ओर से अधिवक्ता सौरभ सिंह, एडवोकेट व भानु प्रताप सिंह एडवोकेट कोर्ट में पेश हुए। इस मामले की अब अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी।