टूट रही हैं एमडीए की सील

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टूट रही हैं एमडीए की सील, -दोबारा लगी सील तोड़कर जारी है अवैध निर्माण- मेरठ विकास प्राधिकरण के प्रशासन भले ही दावा कुछ भी करे, लेकिन हकीकत यह है कि न तो अवैध कालोनियों पर प्रभावशाली रोक लग रही है और न रही गली-गली व सड़क-सड़क किए जा रहे अवैध निर्माणों पर ही एमडीए की फौज अंकुश लगा पा रही है। अवैध निर्माण करने वालों पर एमडीए के खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जोन ए-3 में सुलेमान मलिक नाम के शख्स के अवैध निर्माण पर दो बार सील लगायी गयी, लेकिन उसने दोनों ही बार सील को तोड़कर अवैध निर्माण जारी रखा। एमडीए प्रशासन जब खुद की लगायी गयी सील की इज्जत नहीं रख पा रहा है तो फिर अवैध निर्माण रोकने के दावे बेमाने हैं और जो अफसर अवैध निर्माण नहीं रोक सकते हैं वो भूमाफियाओं की अवैध कालोनियों पर कैसा अंकुश लगाएंगे यह बात आसानी से समझी जा सकती है। सूबे के सीएम योगी भले ही अवैध कालोनियों और निर्माणों के खिलाफ प्रदेश भर के प्राधिकरणों को संगठित होकर बुलडोजर अभियान चलाने के निर्देश देते हों, लेकिन मेरठ में अभी सीएम योगी की मंशानुसार अवैध कालोनियों पर कोई कठोर कार्रवाई की गयी हो, ऐसा नजर नहीं आ रहा है। रूडकी रोड सोफीपुर लावड रोड पर एक नहीं कई भूमाफिया संगठित होकर खेत में अवैध कालोनी काट रहे हैं। यहां एक नहीं दो-दो अवैध कालोनी काटी जा रही हैं। इसी मार्ग पर कई अवैध कांप्लैक्स भी बना दिए गए है। लेकिन जोन ए-3 समर गार्डन लिसाड़ीगेट इलाके में सुलेमान मलिक के जिस अवैध निर्माण पर दो बार सील लगायी जाती है, उस सील को तोड़कर अवैध निर्माण को जारी रखा जा सकता है, उससे यह साफ हो जाता है कि अवैध कालोनी हो या फिर अवैध निर्माण इनको लेकर एमडीए प्रशासन के अफसर कितने गंभीर हैं। जिस निर्माण का यहां उल्लेख किया गया है वह अब पूरा होने को यानि अंतिम चरण मे है, केवल दीवारों पर प्लास्टर भर करना बाकि रह गया है। एक बार प्लास्टर हो जाए उस पर सफेदी हो जाए, उसके बाद कोई टेंशन नहीं। क्योंकि सफेदी यानि रंग रोगन होने के बाद अवैध निर्माण को पुराना निर्माण आसानी से साबित किया जा सकता है। किसी अवैध निर्माण को एमडीए की ध्वस्तीकरण या सील सरीखी कार्रवाई से कैसे बचाया जाता है, इसकी ट्रेनिंग भी एमडीए के अफसर या स्टाफ खासतौर से जोनल अधिकारी व अवर अभियंताओं द्वारा ही अवैध निर्माण करने वालों को दी जाती है। अवैध निर्माणों के जिन मामलों में एमडीए के जोन स्टाफ से सेटिंग गेटिंग हो जाती है, वहां अवैध निर्माण करने वाली पार्टी को यह हिदायत भी दी जाती है कि भले ही कितनी ही मंजिल निर्माण कर लो, लेकिन जितना भी निर्माण पूरा होता जाए उस पर हाथों हाथ सफेदी या रंगाई पुताई कराते रहो। रंगाई पुताई कराने के बाद प्राधिकरण के उच्च पदस्थ अधिकारी के सामने निर्माण को पुराना बताकर किसी भी कार्रवाई से खुद की गर्दन और अवैध निर्माण को कार्रवाई से आसानी से बचाया जा सकता है। मेरठ विकास प्राधिकरण का जोन ए-3 में जोनल अधिकारी निरंजन तोमर हैं और अवर अभियंता सुशील कुमार हैं। वर्जन पर जोनल अधिकारी मौन: जोन ए-3 के जोनल अधिकारी निरंजन तोमर से जब सुलेमान मलिक पर लगायी गयी सील को तोड़कर किए जा रहे अवैध निर्माण को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने मौन आसन करना शुरू कर दिया। कई बार पूछे जाने के बाद भी भी वह मौन तपस्या में लीन नजर आए। अवर अभियंता बाेले करा दो तवादला: जोन ए-3 के अवर अभियंता सुशील कुमार से जब सुलेमान मलिक द्वारा एमडीए की टीम द्वारा लगायी गयी सील तोड़कर अवैध निर्माण जारी रखने को लेकर सवाल किया तो इस सवाल से वह एकाएक उखड़ गए। उन्होंने यहां तक कह डाला कि डेली मेरी न्यूज छापो। इतना ही नहीं हिम्मत है तो मेरा ट्रांसफर करा दो।

ऐसे तो रूक लिए अवैध निर्माण:– जोन ए-3 समर गार्डन लिसाड़ीगेट में सुलेमान के अवैध निर्माण पर सील का लगाया जाना और फिर सील तोड़कर अवैध निर्माण का जारी रखा जाना। इसको लेकर पूछे गए सवालों पर जोनल अधिकारी और अवर अभियंता का रवैया यह बताता है कि एमडीए उपाध्यक्ष का आदेश सिर माथे, लेकिन अवैध निर्माण नहीं रूकेगा।

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