वाजपेयी काे सिंधिया को पत्र, राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने दो टूक कह दिया है कि मेरठ के से हवाई उडान चाहिए तो चाहिए। इसी के चलते केंद्र सरकार के नागर विमानन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मामले की गंभीरता को समझते हुए गुरूवार को एक पत्र राज्यसभा सांसद डा. वाजपेयी को लिखा है, जिसमें उन्होंने मेरठ की अंबेडकर हवाई पट्टी से किस प्रकार से उड़ान शुरू करायी जा सकती है तथा इसमें कहां-कहां बाधा आ रही है जिन्हें दूर किया जाना आवश्यक है, ये तमाम बातें विस्तार पत्र में बतायी हैं। पत्र में केंद्रीय विमानन मंत्री ने 22 दिसंबर को भेजे गए पत्र का उल्लेख करते हुए बताया है कि आरसीएस उड़ान योजना के तहत बोली प्रक्रिया के तीसरे दौर मे मेरठ हवाई अड्डे को आरसीएस उड़ानों के लिए चिन्हित किया गया था। पचास सीटर विमानों के प्रचालन हेतू तैयार न होने के कारण मेरठ हवाई अड्डे लखनऊ तथा प्रयागराज से जोड़ने के उद्देश्य से जूम एयरवेज को अवार्ड किए गए मार्गों को 30 जून 2022 को समाप्त कर दिया गया था। केंद्रीय विमानन मंत्री ने कहा है कि मेरठ हवाई अड्डे के विकास के लिए भारतीय विमानन प्राधिकरण द्वारा राज्य सरकार से तीन सौ एकड़ अतिरिक्त भूमि के इंतजाम का आग्रह किया गया था, जो अब तक नहीं प्रदान की गयी। इसलिए 9वीं परियोजना मूल्यांकन समिति में इसके विकास के लिए कोई निधि प्रदान नहीं की गयी है। उड़ान 4.2 के तहत 19 सीटर टाइप विमान के माध्यम से आरसीएस उड़ानों के प्रचालन के लिए मैसर्स बिग चार्टेट प्राइवेट लिमिटेड को आरसीएस मेरठ-लखनऊ अवार्ड दिया गया है। जो जल्द चालू होने की संभावना है। मेरठ को प्रयागराज को जोड़ने के कोई बोली लगती है तो उस पर उड़ान योजना के प्रावधाें के अनुसार विचार किया जाएगा। वाणिज्य उड़ानों के प्रचालन के लिए मार्च 1994 में वायु निगम अधिनियम को समाप्त किए जाने के साथ ही भारतीय घरेलू विमानन को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया था। अत: एयर लाइनें इस मामले में मौजूदा दिशा निर्देशों के अनुपालन में अध्यधीन यातायात की मांग एवं वाणिज्यिक व्यवहार्यता के आधार पर निर्दिष्ट स्थानों पर उड़ान का निर्णय ले सकती हैं। तथापि मेरठ हवाई अड्डे से उड़ान प्रचालन के लिए विचार को सभी घरेलू एयरलाइंस के साथ साझा किया है। डा. वाजेपयी को लेकर मेरठ में एक बात प्रचलित है वो जब एक बार कमिटमेंट कर दिया तो फिर खुद की भी नहीं सुनते। ऐसा ही मेरठ से उड़ान को लेकर है।