WAR: पाकिस्तान से जंग शहर में पुलिस को बारूद गंध

kabir Sharma
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मेरठ। सीमा पर पाकिस्तान से जंग चल रही है और मेरठ में पुलिस को बारूद्ध की गंध आ रही है। दरअसल सीमा पर तनाव के चलते जिला प्रशासन पुलिस के आला अफसर शहर के अति संवेदनशील मिजाज के चलते तमाम चौकसी बरत रहे हैं। अब क्या स्थित है यह तो कहना जल्द बाजी होगी लेकिन पाकिस्तान की खुफिया ऐजेंसी आईएसआई के स्लीपर सेल को लेकर अस्सी के दशक में खासा बदनाम रहा है। उसके बाद भी पाकिस्तान के लिए स्लीपर सेल के रूप में काम करने वालों की धरपकड़ की यदा कदा खबर आती रहती थीं, इसलिए पाकिस्तान के साल चल रही जंग के चलते शहर के पूर्व के मिजाज और आईएसआई के स्लीपर सेलों की मौजूदगी के तमाम घटनाक्रमों के चलते पुलिस प्रशासन के अफसर तमाम चैनलों से निगरानी कर रहे हैं। लोगों पर नजर बाए हुए हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस के एक बड़े अफसर के साथ दो दिन पहले शहर में आतिशबाजी का कारोबार करने वालों के साथ गोपनीय मिटिंग हुई है। इसमें बड़ी संख्या में आतिशबाजी के कारोबार से जुड़े कुछ वो लोग भी बुलाए गए थे जिनको लेकर माना जा रहा है वो अवैध रूप से आतिशबाजी का कारोबार करते हैं। बम बनाते हैं। अवैध इसलिए क्योंकि साल 2017 में आतिशबाजी का काम करने वाले सभी के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं। जानकारी मिली है कि मेरठ में कुल 47 लाइसेंस धारक थे जितने आतिशबाजी बनाने की अनुमति दी गयी थी। इसमें ने 42 लाइसेंस जिला प्रशासन की ओर से जारी किए गए थे और पांच आगरा से जारी हुए थे। उनमें से भी एक रद्द किया जा चुका है और चार अभी भी वैध है। इन सभी से उनके पास बारूद की उपलब्धता की बावत पूछताछ की गयी। साथ ही पुलिसिया लहजे में हिदायत दी गयी कि यदि किसी के पास बारूद की उपलब्धता पायी गयी तो उसका बुरा हश्र होगा। सभी को दो टूक बता दिया गया है कि आतिशबाजी के काम से दूरी बना लें तौबा कर लें।

Silhouette of business people negotiating at meeting table

इस गोपनीय मिटिंग के कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। पहला यही कि पाकिस्तान के प्रति शहर के एक खास तबके की हमदर्दी की आशंका और दूसरा पाकिस्तान से जंग के शहर के एक खास तबक व इलाके में साइड इफैक्ट। माना जा रहा है कि एलआईयू की ओर से किसी प्रकार की कोई इनपुट मिली हो। यह आशंका इसलिए भी जतायी जा रही है क्योंकि पाकिस्तान से हमदर्दी के मामले में एक युवक पर पुलिस कार्रवाई कर चुकी है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वैसी ही हमदर्दी रखने वाले और ना हो। मेरठ का पूर्व का इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि जब जब सांप्रदायिक माहौल पूर्व में खराब हुआ। मेरठ को कर्फ्यू सरीखी हालात का सामना करना पड़ा कुछ इलाकों में पाकिस्तान समर्थित माहौल होता था। समर्थन में नारे लगाए जाते थे, हालांकि यह भी सही है कि वो गुजरे जमाने की बात हो चुकी है, लेकिन इस तहर की जहनियत कभी सिर नहीं उठाएगी इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती।

लालकुर्ती थाना क्षेत्र के पीएल शर्मा रोड पर वेस्ट यूपी की हथियारों की बड़ी मार्केट है। हालांकि अब इसका वो पुराना रूतबा नहीं रहा। लेकिन पाकिस्तान के साथ सीमा पर चल रही जंग के मद्देनजर जो एहितयाती बंदोबस्त पुलिस प्रशासन की ओर से किए गए हैं उनमें पीएम शर्मा रोड के हथियारों के कारोबारियों को भी रडार पर ले लिया गया है। पुलिस की ओर से उन्हें हिदायत दी गयी है जो भी शख्स हथियार या गोली कारतूस खरीदने आए उसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दी जाए। उस शख्स का पूरा ब्योरा कारोबारी के पास होना चाहिए। यदि कोई संदिग्ध गोली कारतूस खरीदने आए तो उसकी जानकारी सबसे पहले पुलिस को दी जाए। करीब दो दर्जन दुकानें हुआ करती थीं, इनमें से अब 18 रह गयी हैं। बाजार के सूत्रों ने बताया कि कारोबार नहीं रह जाने की वजह से अब हथियारों की दुकानें भी कम होती जा रही हैं।

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