पुलिस प्रशासन के अफसरों के मकसद पर फेरा जा रहा पानी, मुसलमान रडार पर
मुजफ्फरनगर। हिन्दू संगठन प्रशासन व पुलिस के अफसरों के माकूल मकसद पर पानी फेरेने का काम कर रहे हैं। उनके रडार पर मुसलमान दुकानदार खासतौर से हाइवे पर होटल ढावे चलाने वाले आ गए हैं, जबकि प्रशासन व पुलिस अफसरों का यह मकसद कतई नहीं था, लेकिन ऐसा किया जा रहा है। हरिद्वार से दिल्ली व दूसरे स्थानों के लिए रवाना होने वाले तमाम कांवड़िया वाया मुजफ्फरनगर व मेरठ होकर आगे निकलते हैं। इनमें बड़ी संख्या मेरठ के गढ़ रोड व हापुड़ रोड तथा एनएच-58 हाइवे से होकर गुजरने वालों की होती है। इस मार्ग पर जितने भी दुकानदार हैं खासतौर से मुसलमान दुकानदार उनसे पहचान पूछी जा रही है। पहचान पूछने के नाम पर काफी आपत्तिजनक व्यवहार किया जा रहा है। तमाम दुकानदारों खासकर मुसलमान दुकानदाराें ने बाकायदा अपनी पहचान प्रदर्शित की हुई है। बोर्ड तक लगा दिए हैं, उसके बाद भी उनके साथ पहचान पूछने के नाम पर गैरजरूरी व्यवहार किया जा रहा है, जबकि अफसरों का यह मकसद कतई नहीं था।
यह किया था अफसरों ने
श्रावण मास में लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। यात्रा मार्ग पर स्वच्छ व सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करने के लिए खाद्य विभाग ने इस बार एक अहम कदम उठाया है। दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर स्थित सभी होटल और ढाबों पर अब ग्राहक संतुष्टि फीडबैक फॉर्म लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इस फॉर्म में होटल या ढाबा संचालक का नाम, खाद्य लाइसेंस नंबर, मोबाइल नंबर और एक टोल फ्री शिकायत नंबर अंकित होगा। ग्राहक यदि भोजन या सेवा से असंतुष्ट हों तो सीधे शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही फॉर्म में दो QR कोड भी दिए गए हैं। इन्हें स्कैन करने पर खाद्य सुरक्षा विभाग की वेबसाइट खुलेगी, जहां उस होटल या ढाबे की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी।
रेस्टोरेंट,दुकान ,ढाबों पर मिले QR कोड वाले फॉर्म चस्पा लगे गए
यह व्यवस्था पारदर्शिता बढ़ाने और नेम प्लेट जैसे विवादों से बचने के लिए की गई है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को अधिकार मिलेगा, बल्कि दुकानदार भी गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रेरित होंगे। QR कोड वाला फॉर्म कई दुकान और होटल व ढाबों पर चस्पा मिला। ढाबा संचालकों ने इसे स्वागत योग्य कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें बेवजह के आरोपों से बचाव मिलेगा और भरोसेमंद ग्राहकों से सीधा संवाद भी स्थापित हो सकेगा।
सुरक्षा भी होगी पुख्ता
प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ यात्रियों की शारीरिक सुरक्षा पर भी ध्यान दिया है। सभी कांवड़ सेवा शिविरों और होटल-ढाबों की रसोई में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य कर दिए गए हैं। इससे किसी भी अनियमितता या आपात स्थिति की निगरानी आसान होगी। कुल मिलाकर, इस पहल से कांवड़ यात्रियों को न सिर्फ सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिलेगा, बल्कि सेवा प्रदाताओं में भी उत्तरदायित्व की भावना मजबूत होगी।