हमलावरों से ये रिश्ता क्या कहलाता है

kabir Sharma
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मेरठ। सीसीएसयू में मारपीट और टकराव की वारदातें कैसे रूकेंगी जब वारदातों पर अंकुल लगाने की जिनके कंधों पर जिम्मेदारी है वो ही हमलवारों के साथ जाकर खड़े हो जाएंगे। बात हो रही है सीएम योगी के होम मठ गोरखपुर के रहने वाले आशूतोष पांडे के हलवारों सिद्धार्थ कसाना, देव राणाा, मयंक मावी व शिवम उर्फ विनय सुच्चा की जिनके खिलाफ थाना मेडिकल में बीटेक के छात्र आशूतोष पांडे पर जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज है। इस मुकदमें में नामजदों के खिलाफ पुलिस से मिलकर बजाए कठोर कार्रवाई कराने की जिम्मेदरी सीसीएसयू के जिन अफसरों पर है वो पीड़ित के साथ खड़ा होने के बजाए मुकदमें में वांछित सिद्धार्थ कसाना, देव राणाा, मयंक मावी व शिवम उर्फ विनय सुच्चा के साथ खड़े हो गए हैं। उनकी खुली पैरवी में उतर आए हैं। ऐसे में कैंपस के दूसरे छात्र इस बात की उम्मीद कभी ना रखे कि यदि कभी उनके साथ आशूतोष सरीखी घटना हुई तो सीसीएसयू प्रशासन उनके साथ खड़ा होगा। हो सकता है कि आज जिस मनोदशा से हमले का पीड़ित आशूतोष गुजर रहा है वो हालत अन्य की भी हो जाए। दरअसल सीसीएसयू के डायरेक्टर आरोपियों की पैरवी करते हुए आशूतोष पर ही अब समझौते का दवाब डालने पर उतारू हैं। पुलिस भी कसूरवाराें के खिलाफ बजाए कार्रवाई के साथ आकर खड़ी हो गयी है और आशूतोष को समझौते के लिए कहा जा रहा है साथ ही डराया भी जा रहा है कभी यदि समझौता नहीं किया तो कभी भी कुछ भी हो सकता है। इसके लिए उसको पहले डायरेक्टर कक्ष और बाद में गेस्ट हाउस में बुलाया गया। वहां हमलवार जिन्हें सलाखों के पीछे होना चाहिए था वो भी मौजूद थे।

जिन पर आशूतोष पर हमले के आरोप है वो पूर्व में अक्षय बैंसला नाम के छात्र पर हमला कर चुके हैं। हालांकि सूत्रों ने जानकारी दी है कि अक्षय बैंसला ने ना तो झुका ना ही डरा और ना ही समझाता ही किया। इससे पूर्व बीते साल बीटैक के संतोष प्रताप के साथ मारपीट की गयी थी। वो भी मुकदमा चल रहा है। जब कैंपस में शांति व्यवस्था कायम करने की जिन पर जिम्मेदारी है वो ही जाकर हमलवारों के साथ खड़े हो जाएंगे तो फिर कैंपस में शांति के बात करना तो बेमाने है।

सिद्धार्थ, देव, मयंक व सुच्चा मुश्किल में

कैंपस में छात्रों पर चलीं पुलिस की लाठियां

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