एलिसन डी. बरोज़ एक अमेरिकी जिला न्यायाधीश हैं जो मैसाचुसेट्स के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के जिला न्यायालय में काम करते हैं। वह 25 अप्रैल, 1961 को पैदा हुई थीं। हाल ही में, उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के प्रवेश पर ट्रंप प्रशासन के प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की, और उन्होंने फिलहाल उस प्रतिबंध को रोक दिया है. वे हार्वर्ड को मिलने वाली 2.65 बिलियन डॉलर की संघीय फंडिंग पर रोक के फैसले के खिलाफ मुकदमे की भी सुनवाई कर रही। एलिसन डी बेरोज का जन्म 25 अप्रैल 1961 में बोस्टन में हुआ। उन्होंने मीडिलबरी कालेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। जनवरी 2017 में जज एलिसन बेरोज तत्कालीन ट्रंप प्रशासन के यात्रा प्रतिबंध पर रोक लगाने वाले उनके आदेश पर रोक लगा कर अमेरिका में तहलका मचा दिया था। ट्रंप जैसी शख्सियत वाले अमेरिकी राष्ट्रपति को यह बड़ा झटका कर दिया गया। ठीक वैसा ही झटका ट्रंप सरकार को इस बार भी जज एलिसन बेरोज ने दिया है। इससे पहले 14 जुलाई 2020 को जज एलिसन बेरोज ने ट्रंप प्रशासन को झटका देते हुए उस आदेश को खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि कोविड महामारी के दौरान दुनिया के देशों के वो छात्र जो व्यक्तिगत रूप से कक्षाओं में भाग नहीं लेंगे उन्हें अमेरिका छोड़ना पड़ेगा। यह सुनवाई बोस्टन कोर्ट रूम में चली थी।

हार्वर्ड के छात्रों की चहेती बनीं जज एलिसन बेरोज
जज एलिसन बेरोज हार्वार्ड के छात्रों की उन छात्रों की जिनको अपनी पढ़ाई ट्रंप सरकार के आदेश के बाद खतरे में लग रही थी उनकी चहेती बन गयी हैं। पूरे अमेरिका में एक बार फिर जज एलिसन बेरोज की चर्चा है। अमेरिका के एक संघीय जज ने शुक्रवार को ट्रंप प्रशासन के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें हार्वर्ड विश्वविद्यालय की विदेशी छात्रों को दाखिला देने की पात्रता रद कर दी गई थी। इस अस्थायी फैसले से भारतीयों समेत हजारों विदेशी छात्रों को फौरी राहत मिली है। हार्वर्ड की अपील पर सुनवाई करते हुए जज एलिसन बेरोज ने संवैधानिक उल्लंघन का हवाला देते हुए प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी। ट्रंप प्रशासन इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है। इससे पहले गुरुवार को ट्रंप प्रशासन ने एक अभूतपूर्व फैसले में हार्वर्ड की विदेशी छात्रों को दाखिला देने की पात्रता रद कर दी थी। प्रशासन ने विश्वविद्यालय को सूचित किया था कि उसने गृह सुरक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालय में चल रही जांच के तहत यह कदम उठाया है।
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