महिला का किसी ने जलाया या वह खुद ही जल गयी, खुद जलने की बात आसानी से गले नहीं उतर रही है, मामला हत्या का लग रहा है, 80 साल की उम्र में खुद जिंदा जलने की बात नहीं हो रही हजम
मेरठ के इंचौली थाना इलाके के गांव सैनी में करीब 80 साल की वृद्ध महिला जिंदा जल गयी। इस वारदात ने आसपास के पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। लोगों का कहना है कि वृद्ध खुद जली हो यह बात गले नहीं उतर रही है और किसी से उसकी क्या दुश्मनी हाे सकती है जो कोई उसको जिंदा जलाएगा।
इंचौली थाना क्षेत्र स्थित सैनी गांव में 78 वर्षीय बुजुर्ग महिला केला देवी पोते सुमित के साथ रह रही थी। पोते सुमित की मृतश्रित में सरकारी नौकरी है। लोगों के मुताबिक सोमवार सुबह करीब आठ बजे केला देवी घर से कुछ दूरी पर रखे अपने बिटौड़े के पास पहुंचीं। कुछ का कहना है कि उसने बिटौड़े के साथ ही खुद को आग लगा ली। आसपास के बिटौड़े भी जलने लगे। आग लगते देख आसपास के लोग पहुंचे, उन्होंने बुजुर्ग महिला को जलते देखा। सूचना अग्निशमन दल और पुलिस को दी गई। आसपास के लोगों ने भी पानी से आग बुझाना शुरू किया। किसी तरह महिला को बाहर निकाला। तब तक जलकर मौत हो चुकी थी। इंचौली थाना पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस मामले में पुलिस जांच में जुटी है।
बेटे की 4 साल पहले मौत
परिजनों के मुताबिक केल देवी के पति मोहर सिंह की पहले ही मौत हो चुकी है। करीब चार साल पहले बागपत में असलह बाबू पोस्ट पर तैनात जिले सिंह की बीमारी के चलती मौत हो गई। अब परिवार में केला देवी पोते सुमित व उसके परिवार के साथ रह रही थी। बताया ये भी जा रहा ही कि केल देवी कुछ दिनों से मानसिक रूप से बीमार चल रही थी।
कई सवालों का चाहिए जवाब
80 साल की उम्र में आमतौर पर कोई जान देने जैसा कदम नहीं उठाता। उम्र इस पडाव में कोई भी पूरी तरह से परिपक्व हो चुका होता है। इसलिए खुद को जिदा जलाकर जान देने जैसी बात गले नहीं उतर रही है। जिंदा जलकर जान देना बेहद निर्मम व खुद को क्रूर मौत देने सरीखा है। यदि मरना ही था तो कुछ भी खाकर मरा जा सकता है। इसके अलावा यह भी कि महज माचिस जलाकर बिटौरे में आग नहीं लगायी जा सकती। अचानक बिटौरे इतनी तेजी से तभी जल सकते हैं जब वहां पेट्रौल जैसा कोई ज्वलनशील पदार्थ डाला हो। सवाल अनेक है जिनका उत्तर पुलिसक जांच के बाद ही मिल सकता है। एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
परिजनों व गांव वालों का यह है कहना
केला देवी पिछले एक साल से मानसिक रूप से परेशान चल रही थीं। उनके पति की एक साल पहले बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी। रविवार को भी उन्होंने एक कूड़े के ढेर में आग लगाई थी, जिससे उनके कपड़ों में भी आग लग गई थी। गांव के युवक सुभाष ने उन्हें बचा लिया था। सोमवार को केला देवी गांव के बाहर पहुंचीं और एक बीतोड़े में घुसकर उसे आग लगा दी। आग इतनी भयानक थी कि वह पास के पांच अन्य बीतोड़ों तक फैल गई। आग की ऊंची लपटों को देखकर गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। मौके पर तीन दमकल गाड़ियां पहुंचीं। फायर फाइटरों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। पुलिस ने महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
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