सदर में महिला का रौंदा-बेटा भी जख्मी,
मेरठ/सदर बाजार थाना क्षेत्र के कंकरखेड़ा 510 बेस वर्कशॉप के समीप बेटे संग डाक्टर के यहां से लौट रही महिला को तेज रफ्तार ट्रक ने सड़क पर रौंद दिया। महिला की हालत अत्यंत नाजुक है। सड़क पर उसके जिस्म के चिथडे फैले थे। वहीं हादसे की सूचना तत्काल राहगीरों ने डॉयल 112 को दी थी, लेकिन जब बीस मिनट तक पुलिस नहीं पहुंची तो एक व्यक्ति ने अपनी कार में से घायल को अस्पताल पहुंचाया।
महिला व उसका बेटा बाइक से जा रहे थे। जहां हालत बेहद चिंताजनक बनी है। चालक ट्रक छोड़कर फरार हो गया। नेहरू नगर में डाक्टर संदीप चौहान का परिवार रहता है। उनकी पत्नी पिम्मी घुटनों के दर्द से परेशान हैं और कंकरखेड़ा से उनका उपचार चल रहा है। बुधवार को पिम्मी अपने बेटे मयंक के साथ कंकरखेड़ा दवा लेने आई थी। दोपहर में दोनों बाइक से वापस घर के लिए चल दिए। सदर बाजार इलाके में कंकरखेड़ा रोड पर मछली वाले चौराहे को पार करते ही पीछे से आ रहे ईंट ढोने वाले ट्रक (डम्पर) ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर से मयंक तो बायी ओर सुरक्षित स्थान पर गिरा लेकिन पिम्मी सड़क पर जा गिरी। डम्पर की रफ्तार तेज थी। जब तक चालक ब्रेक लगा पाता, तब तक ट्रक का पहिया महिला के निचले हिस्से को रौंदता हुआ निकल गया। महिला का बायां पैर बुरी तरह कुचल गया। राहगीरों की चीख निकल गयी। खुद को संभाल मयंक मां की तरफ दौड़ा और उनकी हालत देखकर फूट फूटकर रोने लगा। लोगों की भीड़ वहां जुट गई। करीब 25 मिनट तक महिला वहां पड़ी तड़पती रही लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। हालांकि दूर खड़े लोग नजारा जरूर देखते रहे। पुलिस व एंबुलेंस का भी कुछ पता नहीं था। तभी एक कार सवार व्यक्ति ने मानवता दिखाई और महिला को अपनी कार में डालकर सीधे कंकरखेड़ा स्थित कैलाशी अस्पताल ले आया। यहां से महिला को रेफर किया तो लोग सुशील जसवंत राय अस्पताल ले आये। देर शाम महिला का आॅपरेशन हुआ। हालत चिंताजनक बताई जा रही है। आरोपी चालक फरार है। ट्रक को पुलिस ने कब्जे में लिया है।
मदद के बजाए बना रहे थे वीडियो
शर्मसार करने वाला नजारा था। लोग वीडियो तो बना रहे थे लेकिन मदद मांग रहे मां बेटे की मदद को कोई आगे नहीं आया। हादसे की शिकार महिला का निचला हिस्सा कुचल गया। एक पैर पूरी तरह खत्म हो गया। जिसने भी यह नजारा देखा विचलित हो गया। तब तक महिला पूरे होश में थी और बेटे से बात कर रही थी। आस पास खून ही खून था। दूर सड़क पार खड़े कुछ लोग मोबाइल से वीडियो तो बना रहे थे लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया।
पुलिस का अमानवीय चेहरा
हादसे ने एक बार फिर पुलिस का अमानवीय चेहरा उजागर किया। महिला तड़पती रही लेकिन पुलिस को सुध लेने की फुर्सत नहीं थी। एक घंटे तक तो थाना पुलिस को महिला का नाम तक पता नहीं था। चौकी इंचार्ज से जानकारी की तो वह बोली जैसे ही महिला का नाम आ जाएगा, बता दिया जाएगा। वह बोली कि पुलिस को और भी बहुत काम हैं।
नो एंट्री में ट्रक की एंट्री
यूं कहने को शहर में नो एंट्री है यदि नो एट्री थी तो फिर र्इंटो से भरा यह वाहन कैसे शहर की ओर जा रहा था। इसका उत्तर तो शायद वो पुलिस वाले ही दे सकते हैं जिनकी जिम्मेदारी नो एंट्री को सख्ती से लागू कराने की है। यह स्थिति तो तब है जब कंकरखेड़ा क्षेत्र में वीवीआईपी मूवमेंट था।
सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी ने बताया कि हादसे का शिकार बनी महिला की हालत चिंताजनक बनी है। पुलिस ने ट्रक कब्जे में ले लिया है। परिजन जो तहरीर देंगे, उसी के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।