याकूब पुत्र भूरा की मदद पड़ी महंगी,
फिरोज उर्फ भूरा को 4 अगस्त को दुबई जाते वक्त पुलिस ने लिया था हिरासत में
भूमिका पाए जाने पर मेडिकल थाना के दरोगा रतिराम व सिपाही लोकेश कुमार हुए निलंबित
मेरठ/बसपा नेता व पूर्व विधायक मंत्री हाजी याकूब के कथित फर्जी पासपोर्ट मामले में जांच में दोषी पाए गए निलंबित चल रहे पुलिस कर्मी, एक वकीली व गाजियाबाद पासपोर्ट कार्यालय के एक कर्मचारी को अरेस्ट कर लिया गया है। इन सभी के शनिवार के थाना मेडिकल में रखा गया। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने केवल पूछताछ किए जाने भर की बात कही है। लेकिन सूत्रों की मानें तो जांच में फंसे ये सभी अरेस्ट कर लिए गए हैं।
यह था मामला
बीती 4 अगस्त 2024 को याकूब पुत्र भूरा उर्फ फिरोज को पुलिस ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दुबई जाते समय गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। एयरपोर्ट अथारिटी ने बाद में फिरोज को खरखौदा पुलिस को सौंप दिया था। उसके पास से पासपोर्ट मिला था उसको फर्जी बताया गया। आरोप है कि फर्जी पता दिखाकर पासपोर्ट का नवीनीकरण कराया गया। इस मामले में याकूब कुरैशी का पुत्र फिरोज उर्फ भूरा बुरी तरह फंस गया। पुलिस उस पर गंभीर धाराएं लगायी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने जांच के आदेश दिए। साथ ही फर्जी पासपोर्ट मामले में मेडिकल थाना के दरोगा रतिभान और सिपाही लोकेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया था। बाद में कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाने की बात लिखवाकर फिरोज को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया था।
सेटिंग से बना पासपोर्ट
जांच में पता चला कि फिरोज ने सेटिंग करके पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए आवेदन किया। आवेदन में कागजात सराय बहलीम के ही लगाए गए लेकिन थाने के कॉलम में कोतवाली के बजाय मेडिकल थाना लिख दिया। पासपोर्ट सेल में सेटिंग के चलते उसका वेरिफिकेशन मेडिकल थाने हुआ। यहां पर दरोगा रतिभान ने एसओ को बिना जानकारी दिए छह मार्च 2024 को फिरोज के पासपोर्ट पर ओके की रिपोर्ट लगा दी। पूरे मामले का खुलासा होने के बाद मेडिकल और कोतवाली थाना पुलिस ने फिरोज के पासपोर्ट निरस्तीकरण की रिपोर्ट पासपोर्ट कार्यालय गाजियाबाद भेजी। एसएसपी ने इस मामले में एसपी सिटी को जांच सौंपी थी। दरोगा रतिराम और सिपाही लोकेश कुमार को दोषी पाए जाने पर एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने दोनों को निलंबित कर दिया था इस मामले में दोनों पुलिसकर्मियों को धोखाधड़ी के मुकदमे में भी आरोपी बनाया गया। इतना ही जांच में पासपोर्ट कार्यालय के एक कर्मचारी व एक वकील की भी भूमिका इसमें पायी गयी। शनिवार को जो लोग थाना मेडिकल में हिरासत में थे उनमें पुलिसकर्मियों, एक वकील व पासपोर्ट कार्यालय का कर्मचारी भी शामिल बताया गया है। इस संबंध मे फिरोज के पासपोर्ट नवीनीकरण में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पुलिस ने उसके और इमरान के बच्चों के पासपोर्ट को भी जांच के दायरे में लिया था।
वर्जन
फिरोज भूरा पासपोर्ट मामले की जांच चल रही है। शनिवार की कार्रवाई उसी का एक पार्ट है। इससे ज्यादा कुछ नहीं। आयुष विक्रम सिंह एसपी सिटी
फिरोज भूरा पासपोर्ट मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। मेडिकल थाना में उनसे पूछताछ की जा रही है। डा. विपिन ताडा एसएसपी मेरठ