22B-सील के आदेश पर चुप्पी बोर्ड पर सवाल, डिफेंस मिनिस्ट्री के आदेश पर मध्य कमान लखनऊ के डायरेक्टर डीएन यादव का जांच के लिए मेरठ छावनी आना। जांच के दौरान हाईकोर्ट के आदेश पर फाइलों में सील बाउंड्री रोड स्थित 22B को ट्रेड लाइसेंस कांड का खुलासा। सेनेट्री सेक्शन के एक इंस्पेक्टर की बलि और सबसे बड़ी कार्रवाई 22B का ट्रेड लाइसेंस निरस्त किया जाना तथा 13 जुलाई 2022 को अध्यक्ष कमांडर राजीव कुमार की अध्यक्षता व सीईओ कैंट ज्योति कुमार के संचालन तथा मनोनीत सदस्य भाजपा के डा. सतीश शर्मा समेत अन्य सदस्यों की उपस्थिति में हुई कैंट बोर्ड मेरठ की बैठक में सील तोड़कर अवैध निर्माण के लिए बंगला 22B में सील लगाने के आदेश का दिया जाना, लेकिन इन आदेशों का बीस दिन बाद भी अनुपालन कराया जाना, 13 जुलाई को हुई कैंट बोर्ड की बैठक में जो भी अफसर व मनोनीत सदस्य मौजूद थे, उन सभी की बोर्ड के आदेशों के प्रति निष्ठा पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट व एडवोकेट संदीप पहल का कहना है कि कैंट क्षेत्र की जनता पूछ रही है आखिर क्या कारण है जो 22B बंगले पर सील नहीं लगायी जा रही है। क्या कैंट बोर्ड के लिए अपने अध्यक्ष व कमांडर के आदेश कोई मायने नहीं रखते। या इस बंगले का खुद को स्वामी बताने वाले पंकज जौली के प्रभाव के आगे कैंट बोर्ड अध्यक्ष के आदेश दम तोड़ देंगे। बंगला 22B की यदि बात की जाए तो ऊपर से लेकर नीचे तक के स्टाफ जिसमें अफसर भी शामिल हैं, भारत सरकार विशेषकर रक्षा मंत्रालय के प्रति उनकी निष्ठा को लेकर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं। संदीप पहल का मानना है कि जिस प्रकार से 22B बंगले को लेकर रवैया नजर आ रहा है उससे लगता है कि कैंट बोर्ड प्रशासन की निष्ठा बजाए रक्षा मंत्रालय व अपने अध्यक्ष कमांडर के बजाए 22B बंगला में अवैध निर्माण करने वालों के प्रति अधिक है। क्या वजह न तो एफआईआर की गयी न ही अवमानना का केस दायर किया जा रहा है।