व्हाइट हाउस-मछेरान और न जाने..

कैंट बोर्ड-बैक डेट में पेमेंट पर मोहर
Share

व्हाइट हाउस-मछेरान और न जाने.. सरकुलर रोड स्थित बंगला नंबर 276 वहां बतौर सीईओ कार्यकाल के दौरान एक खंडर नुमा पुरानी बिल्डिंग हुआ करती थी, लेकिन आज यहां चमचमाता व्हाई हाउस खड़ा अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई का दम भरने वालों की खिल्ली उड़ाता नजर आता है। व्हाइट हाउस चींख-चींख कर कह रहा है सेटिंग गेटिंग होत तो मेरठ के कैट के अफसरों से भला आप क्या नहीं करा सकते। भले ही सीईओ ने निर्मण के दौरान व्हाई हाउस को सील करा दिया हो लेकिन उसके बाद भी न केवल वहां अवैध निर्माण हुआ बल्कि आज भी पूरी अकड़ के साथ खड़ा अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के दावों को लाल-लाल आंखें दिखा रहा है। मछेरान महताब के बगल में जहां कार्यकाल के दौरान फौज, पुलिस प्रशासन के भारी अमले को लेकर खुद खड़े होकर जेसीबी चलवाने का दम दिखाया था, उस मछेरान का भी नजारा पूरी तरह से बदला-बदला नजर आया। तीन से चार दिन की कार्रवाई के बाद जहां कैंट बोर्ड ने भारी भरकम रकम खर्च कर बच्चों के खेलने के लिए पार्क बनवाया था। यहां अवैध रूप से काविज हुए मीट मार्केट के कारोबारियों को खदेड़ दिया गया था वो फिर कैसे काविज हो गए। कैंट बोर्ड के किस अफसर ने इसको रोकने के लिए डयूटी नहीं की फिर भ्रष्टाचार की गंगोत्री में सभी गोते लगा रहे थे, यह मान लिया जाए। बतौर सीईओ मेरठ में तैनाती के दौरान हो कुछ मछेरान व दूसरे अवैध निर्माणों के खिलाफ किया था, उस पद पर यदि पानी फिर गया है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है। कौन अफसर ऐसा है जिसने जिन अवैध कब्जेदारों को खदेड़कर भगा दिया था, उन्हें दोबारा काविज होने में मदद ही नहीं कि बल्कि कैंट बोर्ड के उच्च पदस्थ तक जाने का जरिया तक बता दिया। बतौर सीईओ मेरठ कैंट को सजाने संवारने व अवैध निर्माण करने वालों को घुटनों पर लाने में जितना पसीना बहाया था, चंद सिक्कों के लिए सब मिट्टी में मिला दिया। इसके लिए कोई जिम्मेदार काैन। क्या कसूरवार की सजा मुर्रर की जा सकेगी या फिर आम माफी।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *