CCSU बनेगा क्रांति पदयात्रा का गवाह, सात मई को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से दिल्ली तक की 7 मई क्रांति पदयात्रा का गवाह बनेगा। इसकी अनुमति चौधरी चरण सिंह विष्वविद्यालय, की कुलपति प्रो0 संगीता शुक्ला ने अमृत महोत्सव वर्ष के आयोजनों में इस महत्वपूर्ण आयोजन की स्वीकृति दी है। साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद् के समन्वयक एवं इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो0 विघ्नेश कुमार बताया कि ‘‘क्रान्तिधरा मेरठ से लालकिला दिल्ली तक पैदल मार्च’’ के लिए 165वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में अज्ञात एवं अल्पज्ञात शहिदों/हुतात्माओं/स्वतन्त्रता सेनानियों की यादोें को तरोताजा करेगें। जनसाधारण को स्वतन्त्रता के अनाम,अल्पज्ञात,अज्ञात पर भी प्रकाश में लाना जरूरी है। इस वर्ष मेरठ आजादी के अमृत महोत्सव को 23 अप्रैल, 1857 को मेरठ में भारतीय सैनिकों द्वारा कारतूस के प्रयोग से मना करने पर 85 सैनिकों को बन्दी बना लिया गया था। उन्होंने कहा कि पदयात्रा व 1857 की क्रान्ति के विषय में और अज्ञात व अनाम स्वतंत्रता सेनानियों के विषय में त्मेमंतबी की जा रही है और उनके विषय में पुस्तक में लिखा जायेगा, जिसमें एक का विमोचन विश्वविद्यालय व दूसरी लालकिले पर विमोचित की जाएगी। इस अवसर पर इतिहास विभाग की प्रो0 आराधना ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती और नाना साहब क्रांन्ति की योजना बनाने मेरठ आए और कमल से सीख के कीचड़ में रहते हुए वह खिलता है इसी प्रकार हमें अंग्रेजो से मुक्ति व अपना उत्थान करे। यह 1857 की क्रान्ति में लोगों की नीति थी। प्ररेणा थी। इतिहास विभाग की प्रो0 अजय विजय कौर ने कहा कि 1857 की क्रान्ति के विषय में बताया। इसी क्रम के साथ ही डॉ0 जीनत जै़दी (प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय, बुलन्दशहर) ने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि पैदल यात्रा के विषय में बताया। उसकी व्यवस्था और किस तरह कार्यक्रम की शुरूआत होगी और किस तरह हम पैदल यात्रा करेंगें उस विषय में अवगत कराया। डॉ0 योगेश कुमार, डॉ0 अपेक्षा चौधरी (आई. एल. एस.) के साथ ही दीपक, शालिनी, कमलकान्त सहित छात्र-छात्राओं की सहभागिता रही। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।