कांग्रेसियों! इतना सन्नाटा क्यों है भाई

नसीम का छोड़ युसूफ का थामा हाथ
Share

कांग्रेसियों! इतना सन्नाटा क्यों है भाई, रविवार की शाम के 4.28 बजे जब मेरठ कांग्रेस कार्यालय बुढानागेट चंदन भवन पहुंचे तो वहां सन्नाटा पसरा था। नगर निगम के चुनाव और कार्यालय का गेट बंद। हालांकि यह साफ नहीं कि वहां ताला लगा था या केवल गेट बंद था, लेकिन सन्नाटा ऐसा पसरा था कि अनायास ही मुंह से निकल गया कि इतना सन्नाटा क्याें है भाई। महापौर प्रत्याशी के तौर पर नसीम कुरैशी का टिकट होने पर इतना हंगामा है क्यों बरपा। वहीं दूसरी ओर स्थानीय संगठन की बात की जाए तो ऐसा लगता है कि संगठन खुद को ठगा महसूस कर रहा है। अपार चैंबर में जब प्रदेश के महासचिव संजीव शर्मा और सचिव नसीम खान संगठन को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने समानातंर संगठन चलाने वालों को किसी का नाम न लेते हुए जमकर फटकार लगायी थी, इसके अलावा 16 अप्रैल तक आवेदन मांगे थे। 16 अप्रैल तक आवेदन मांगे जाने का मतलब यह हुआ कि मेरठ संगठन के पास 16 तक महापौर का टिकट मांगने वाले दावेदार आवेदन दाखिल कर सकते हैं। उसके बाद ही मेरठ संगठन उन आवेदनों पर विचार कर नाम आलाकमान को भेजता। लेकिन लगता है कि 16 अप्रैल तक आवेदन मांगा जाना भी जुलमा था, नाम तो पहले ही तय हो गया था। नसीम  कुरैशी के नाम का एलान जिस प्रकार सेे किया गया है वह संगठन को हजम नहीं हो पा रहा है। रविवार की दोपहर को चंदन भवन में अच्छी खासी चहल पहल थी, वहां जब नसीम कुरैशी के टिकट फाइनल की खबर पहुंची तो संगठन को एकाएक यकीन ही नहीं हुआ। इधर उधर काल की गयी। तब कहीं जाकर पुष्टि हो सकी कि हां भाई वाकई टिकट हो गया है और न्यूज ट्रैकर 24 ने एक बार फिर खबर अपलोड करने में बाकियों से बाजी मार ली है। बस फिर क्या था। आपसे बाहर हो गए। और देखते ही देखते चंदन भवन को सन्नाटे ने अपनी आगोश में ले लिया। जो हालात नजर आ रहे हैं उससे यह तो साफ नजर आने लगा है कि मेरठ नगर निगम महापौर के चुनाव में कांग्रेस कहां खड़ी है, आलाकमान ने भले ही टिकट का एलान कर दिया हो।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *