ताकि सलामत रहे ममता की छांव

ताकि सलामत रहे ममता की छांव
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ताकि सलामत रहे ममता की छांव, किसी वजह से जो मां की ममता से बिछुड़ जाते हैं उन पर भी ममता की छांव बनी रहे, कुछ ऐसा ही इंतजाम एलएलआरएम मेडिकल मेरठ ने किया है।  मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि अनचाहे नवजात शिशुओं को सुरक्षित छोड़ने के लिए  सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने आज मेडिकल कॉलेज न्यू गायनी ओटी ब्लॉक लेबर रूम के बाहर (रैन बसेरा के सामने) आश्रय पालना स्थल का लोकार्पण किया। सांसद  ने कहा कि किसी भी कारण वश कोई अनचाही संतान जन्म लेती हैं तो उसे मारे नही या इधर उधर नही फेंकें, अपनी पहचान बताए बिना उसे इस आश्रय पालना स्थल में छोड़ जाए। उन्होंने कहां की आप निश्चिंत रहे आपकि पहचान गुप्त रखी जायेगी और आपके विरुद्ध कोई भी कानूनी कार्यवाही नही की जायेगी। इस अवसर पर सेवा भारती के क्षेत्र संगठन मंत्री श्री अनिल  ने कहा की आश्रय पालना स्थलों के माध्यम से हर अनचाहे नवजात शिशु को जीने का अधिकार प्राप्त हो सकेगा। साथ ही इच्छुक दंपति इन मासूम को विधि अनुरूप गोद ले कर अपना परिवार पूरा कर सकेंगे। जिससे इन्हे स्वस्थ, सुरक्षित एवं खुशनुमा माहौल में स्नेह व सम्मान के साथ विकसित होने का अवसर प्राप्त हो सकेगा और अच्छी परवरिश से आने वाले कल यह मासूम समाज एवं राष्ट्र के लिए अमूल्य संपत्ति बन सकेंगे। जीवन संरक्षण अभियान, महेशाश्रम, मां भगवती विकास संस्थान उदयपुर के संस्थापक संचालक योग गुरु देवेंद्र अग्रवाल ने बताया की आश्रय पालन स्थल में प्राप्त शिशु को जिला बाल कल्याण समिति द्वारा विधिनुसार दत्तक ग्रहण हेतु विधिक रुप से स्वतंत्र घोषित किया जाएगा।  प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने आश्रय पालना स्थल के कार्यप्रणाली की जानकारी  देते हुए बताया की आश्रय पालना स्थल हाईटेक मोशन सेंसर से युक्त हैं जिससे की पालना स्थल में शिशु को छोड़ने के 2 मिनिट पश्चात चिकित्सालय के लेबर रूम में अपने आप घंटी बजेगी। इस दो मिनट के समय में छोड़ने वाला व्यक्ति आसानी से सुरक्षित रूप से वहां से जा सकेगा और इससे उसकी पहचान भी गोपनीय बनी रहेगी। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवम् विभागाध्यक्ष स्त्री एवं प्रसूति रोग डा.  रचना चौधरी ने बताया कि  आश्रय पालना स्थल की चिकित्सालय के लेबर रूम में घंटी बजते ही चिकित्साकर्मी द्वारा आश्रय पालना स्थल से शिशु को तत्काल प्राप्त कर उसकी चिकित्सकीय एवं व्यक्तिक देखभाल यथा उसको दूध पिलाना, साफ सफाई करना, स्वच्छ कपड़े पहनाना आदि की जायेगी तथा शिशु के स्वस्थ होने पर उसे तत्काल नजदीकी राजकीय मान्यता प्राप्त शिशु गृह में भेज दिया जाएगा। कार्यक्रम का सफल संचालन डा अनुपमा वर्मा ने किया।

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