विपुल सिंहल का डीएम को ज्ञापन, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष विपुल सिंघल ने व्यापारियों के शस्त्र चुनाव प्रक्रिया के दौरान थाने अथवा शस्त्र की दुकान में जमा कराए जाने से छूट प्रदान किये जाने हेतु दीपक मीना जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि डीएम को बताया है कि मेरठ पुलिस द्वारा चुनाव की घोषणा होने के बाद सभी लाइसेंसी शस्त्र धारियों को अपने शस्त्र थाना अथवा शस्त्रों की दुकान पर जमा कराने के लिए आदेश पारित किए गए है। व्यापारियों को शस्त्र के लाइसेंस उनकी सुरक्षा हेतु प्रदान किए गए हैं। कुछ व्यवसाय ऐसे हैं जिनमें व्यापारी देर रात्रि अपने कार्य से लौटता है तथा उसके पास कैश भी होता है जैसे होटल, मंडप, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप, ज्वेलर्स इत्यादि । निकाय चुनाव के दौरान ही लग्न के शुभ मुहूर्त है इन दिनों शहर में हजारों शादियां होंगी जिस कारण व्यापारियों पर भी पैसे का लेनदेन बढ़ेगा तथा साथ ही वर-वधू पक्ष के पास भी गहने तथा कैश उनके घर पर होगा। सुरक्षा की दृष्टि से निवेदन किया कि सभी व्यापारियों तथा जिनके घर परिवार में शादियां है उनके शस्त्र चुनाव प्रक्रिया के दौरान थाने अथवा शस्त्र दुकान में जमा कराए जाने से छूट प्रदान की जाए, जिससे व्यापारी उसका परिवार तथा समाज अपने आप को सुरक्षित महसूस करे । जिलाध्यक्ष विपुल सिंगल्ले सभी व्यापारियों को व्हाट्सएप तथा फोन के माध्यम से अवगत कराया की राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश के पत्रांक संख्या 191/रा०नि०आ०-4/न०नि०/34-23/2023 दिनांक 7/4/2023 मैं विशेष कार्य अधिकारी एसके सिंह द्वारा प्रथम पेज के अंक 3 में जिन शस्त्र लाइसेंसीज के प्रकरणों की समीक्षा की जानी है, उनमें वे व्यक्ति जो जमानत पर रिहा हुए हो, जिनका आपराधिक इतिहास हो, जो पहले किसी समय दंगे में संलिप्त रहे हों, विशेष रूप से निर्वाचन की अवधि में, जिनसे परिशांति कायम रखने और सदाचारी बने रहने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 107, 108, 109 तथा 110 सपठित धारा 116 के अंतर्गत बंधपत्र निष्पादित कराया गया हो, जिनके बारे में सारवान सूचना, तथ्य एवं साक्ष्य के आधार पर स्क्रीनिंग कमेटी का यह समाधान हो जाता है कि उनके द्वारा कानून व्यवस्था तथा निष्पक्ष निर्वाचन में बाधा उत्पन्न की जा सकती है उन्हीं के शस्त्र जमा कराए जाएंगे तथा स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा निर्णय लेकर पुनः लाइसेंस जमा कराने से छूट प्रदान की जा सकती है। इसके अतिरिक्त किसी का लाइसेंस जमा कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश ने बाध्य नहीं किया है। मांग की गयी कि किसी भी पुलिस कर्मी द्वारा शस्त्र जमा कराए जाने को लेकर बाध्य किए जाने पर वह उनसे जानकारी प्राप्त करें कि वह कौन सी धारा के तहत उनका शस्त्र जमा करा रहे हैं।