एक्टिंग की बारीकियों से रूबरू, मेरठ। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मीडिया, फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में बतौर विशेषज्ञ उपस्थित रहे अभिनेता एवं निर्देशक अविनाश चौबे, विलियम शेक्सपियर रचित हैमलेट समेत सैकड़ों नाटकों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं। अभिनेता अविनाश ने विद्यार्थियों को नाटकों में प्रयोग होने वाले नवरस एवं भावों के बारे में विस्तार से बताया। अविनाश ने विद्यार्थियों को अभिनय के माध्यम से कुशल अभिव्यक्ति का भी अभ्यास करवाया। उन्होंने व्यक्तित्व में आत्मविश्वास जाग्रत करने के गुर सिखाते हुए प्रभावी ढंग से संवाद स्थापित करने की कला के बारे में भी बताया। अविनाश चौबे ने कहा कि फोकस विद डायलॉग एक ऐसा मंत्र है जो आपको अभिनय का सरताज बना सकता है। उन्होंने कहा कि एक्टिंग में दिल नहीं दिमाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जो व्यक्ति आंखों के इशारे से ही बात कह दे सर्वश्रेष्ठ हो जाता है। साथ ही एक्टर को अपनी आवाज पर खास ध्यान देना चाहिए। स्कूल ऑफ मीडिया, फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज के डीन डॉ. रविन्द्र प्रताप राणा ने अविनाश चौबे का आभार व्यक्त करते हुए कार्यशााला को विद्यार्थियों के लिए लाभदायी बताया। प्रोफेसर डॉ. एनके मिश्र और विभागाध्यक्ष विशाल शर्मा ने कार्यशाला को करियर उपयोगी बताया। कार्यशाला में कराये गये विभिन्न अभ्यासों में सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। डीन डॉ. रविन्द्र प्रताप राणा ने अभिनेता एवं निर्देशक अविनाश चौबे को स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस दौरान कार्यक्रम समन्वयक अमित कुमार, डॉ. पृथ्वी सेंगर, सचिन गोस्वामी, विभोर गौड़, निशांत सागर, चंद्र मोहन मिश्रा, अभिषेक शर्मा और ज्ञान प्रकाश समेत अन्य शिक्षक व सभी विद्यार्थी कार्यशाला में शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विवेक सिंह ने किया। मीडिया प्रभारी सुनील शर्मा का विशेष सहयोग रहा।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है स्वर्ण प्राशन
मेरठ। आईआईएमटी आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एण्ड हॉस्पिटल, गंगानगर, मेरठ के चिकित्सकों की टीम के द्वारा उद्गम एलीमेन्ट्री स्कूल एच ब्लॉक गंगानगर, में स्वर्ण प्राशन संस्कार के प्रचार-प्रसार हेतु शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारम्भ चिकित्सालय के डी0एम0एस0 डा0 एस0के0 तंवर के द्वारा फीता काटकर किया गया। शिक्षकों एवं अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए डा0 शॉन कुमार एवं डा0 अतुल कुमार ने बताया कि स्वर्ण प्राशन संस्कार आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में वर्णित बच्चो की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला है। बच्चो का शारीरिक एवं मानसिक विकास तेजी के साथ होता है। जो बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं, कमजोर रहते हैं, वजन नहीं बढ़ता है, स्मृति कमजोर है ऐसे बच्चो के लिए स्वर्ण प्राशन कराना अत्यन्त लाभदायक है।
प्रधानाचार्या अर्चना श्रीवास्तव ने अभिभावको से स्वर्ण प्राशन कराने का अनुरोध किया। डा0 एस0के0 तंवर ने बताया कि आई.आई.एम.टी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में यह सुविधा उपलब्ध है। पुस्य नक्षत्र में स्वर्ण प्राशन संस्कार कराया जाता है। शिविर में काफी संख्या में आये अभिभावको ने अपने बच्चो का स्वास्थ्य परीक्षण कराया। स्कूल की प्रधानाचार्या अर्चना श्रीवास्तव को आयुर्वेदिक हॉस्पिटल की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उषा खेड़ा, आर.के श्रीवास्तव (प्रबन्ध समिति) निशा यादव, सविता, रिंकी, टीना, मीनाक्षी, परमेश्वरी, शिक्षा तंवर, आलोक, आशीष, अंकित बी.ए.एम.एस, प्रविन्द्र कुमार, अमिता, ओमप्रकाश, मीडिया प्रभारी सुनील शर्मा आदि उपस्थित थे।