मासूम के गुनाहगारों को सजा कब, सवाल बहुत बड़ा है कि क्या प्रदेश सरकार निजी स्कूल संचालक पर कार्यवाई की हिम्मत जुटा पाएगी। पहले घटी घटनाओं का इतिहास देखे तो आज तक यूपी के किसी भी निजी स्कूल पर कोई कार्यवाई नही की गई है चाहे घटना कितनी भी बड़ी क्यो न हो। यह सवाल उठाया है सीमा त्यागी ने अध्यक्ष पेरेंट एसोसिएशन गाजियाबाद ने, उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि पूंजीपति शिक्षा माफियाओं के पैसों की खनक सत्ता के गलियारो तक है जिसके आगे प्रदेश सरकार पूरी तरह से नतमस्तक नजर आती है। आज मासूम को जान गंवाये कई दिन बीत गये लेकिन अभी तक स्कूल के मालिक उमेश मोदी , प्रधानाचार्य और स्कूल के ट्रांसपोर्ट इंचार्ज आर के तायल पर कोई कार्यवाई नही की गई है। अगर स्कूल की बस में कोई हादसा होता है तो इसकी सर्वप्रथम जिम्मेदारी क्या स्कूल मालिक की नहीं है? स्कूल के प्रिंसिपल की नही हैं? स्कूल के ट्रांसपोर्ट इंचार्ज की नही हैं? मोदीनगर के दयावती मोदी पब्लिक स्कूल के 11 वर्षीय मासूम छात्र अनुराग की मौत स्कूल प्रशासन , परिवहन विभाग और शिक्षाअधिकारियों की लापरवाही की वजह से हुई ।बस का फिटनेस प्रमाण मार्च 2021 में ही समाप्त हो गया था और प्रदूषण भी समाप्त हो चुका था उसके बाद भी बस सड़क पर दौड़ रही थी और रोज बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रही थी। ना जाने कितनी बार बस चौकी के सामने से भी गुजरी होगी लेकिन स्कूल की बस चेकिंग करने की हिम्मत किसी भी अधिकारी में नही है, क्योकि सभी को मोटा धन स्कूलो से प्राप्त होता है ,और उसी का परिणाम है कि खुलेआम नियमो की धज्जियां उड़ाते हुये एक होनहार मासूम की जान छीन ली गई । अधिकारी ,सरकार माता पिता की पीड़ा और दुःख का अनुमान भी नही लगा सकते है। जब छात्र की मौत के दोषियों पर कार्यवाई के लिये न्याय की मांग की गई तो स्कूल प्रिंसिपल को पुलिस द्वारा पकड़ा गया और माता पिता को न्याय का भरोसा दिया गया शाम होते होते स्कूल के प्रधानाचार्य , स्कूल के मालिक मोदी और कंडक्टर ड्राइवर के खिलाफ 302 और 120 B की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ।