सीओ की दबिश-रमेश फरार, मेरठ। शर्मसार करने वाले सेक्स सीडी कांड के आरोपी वकील रमेश चंद गुप्ता की तलाश में रविवार दोपहर बाद सीओ दौराला अभिषेक पटेल के नेतृत्व में पुलिस फोर्स ने उनके सदर स्थित आफिस व आवास पर दबिश दी। हालांकि रमेश गुप्ता फरार पाए गए। वहां मिले नहीं। यहां काफी देर रूकने तथा पड़ताल करने के बाद पुलिस फोर्स खाली हाथ लौट गयी। यह भी पता चला है कि परिजनों से पूछताछ की गयी है। सीडी कांड के चलते रमेश गुप्ता व भाजपा के दो नेताओं संजीव जैन सिक्का व अरविंद गुप्ता मारवाड़ी के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
रमेश गुप्ता के यहां दबिश के बाद अब इस मामले के दूसरे आरोपियों के यहां दबिश की बात से इंकार नहीं किया जा सकता। माना जा रहा है कि ऊपर से सिग्रल मिलने के बाद पुलिस ने सेक्स सीडी कांड के आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी ओर इस मामले को लेकर ऑफिस में काम करने वाली नाबालिग किशोरी को नशीला पदार्थ देकर वीडियो बनाने और यौन शोषण करने के आरोपी अधिवक्ता रमेश चंद गुप्ता पॉक्सो में नामजद होने के बाद घर से फरार हो गए। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। वहीं, दो अन्य भाजपा नेताओं पर लगे आरोपों की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अधिवक्ता रमेश चंद गुप्ता के सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए थे। एक वीडियो में अधिवक्ता एक युवती के साथ अश्लीलता करते नजर आ रहे थे। दूसरे वीडियो में अधिवक्ता के साथ चैंबर पर टाइपिंग का कार्य करने वाली किशोरी नजर आ रही थी। वीडियो वायरल होने के बाद टाइपिंग वाली किशोरी संदिग्ध हालात में लापता हो गई थी। किशोरी के भाई ने दौराला थाने में 27 मई को अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने किशोरी को बरामद करने के बाद कोर्ट में 164 के बयान कराए। बीते शुक्रवार को बयानों का अवलोकन करने के बाद दौराला थाने में दर्ज मुकदमे में अधिवक्ता रमेश चंद गुप्ता को पॉक्सो एक्ट की धारा में नामजद कर लिया है। सीओ दौराला अभिषेक पटेल ने बताया कि अधिवक्ता का एक मोबाइल शुक्रवार सुबह बंद हो गया था, दूसरा भी बंद कर लिया गया है। घर पर दबिश दी गई तो अधिवक्ता फरार मिले। गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगी हुई हैं। सीओ ने बताया कि अधिवक्ता के खिलाफ पुलिस के पास यौन शोषण के पर्याप्त साक्ष्य हैं, उसकी वीडियो भी मिली है। दो अन्य भाजपा नेताओं पर जो आरोप लगाए गए हैं, उनके खिलाफ अभी साक्ष्य नहीं हैं, ऐसे में उनको अभी नामजद नहीं किया गया है, साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। सीडीआर, लोकेशन आदि निकाली जा रही हैं। वहीं दूसरी कयास लगाए जा रहे हैं कि ऊपर से ग्रीन सिग्रल मिलने के बाद ही पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू किया है। शनिवार को महानगर भाजपाध्यक्ष के एसएसपी से मिलने के बाद भी एकाएक तमाम कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन साइड इफैक्ट रविवार को दिखाई दिया।