यज्ञ से जीवन में परिवर्तन, -यज्ञ से भुमण्डल हीं नही मनुष्य के जीवन मे भी आता है परिवर्तन- मेरठ श्रीमद भागवत के के अष्टम दिवस पर आचार्य निरंजना नन्द जी के द्वारा 501 आहुति द्वारा यज्ञ सम्पन्न कराया गया ।प्रातः यज्ञमें मुख्य यजमान श्रीमती मधु अरोरा व परिजन सहित भाजपा के छेत्रीय संयोजक आलोक सिसोदिया अमित गुप्ता ने यजमान की भूमिका निभाई ।आज श्री श्याम सुन्द्रर जी यज्ञ का महत्व बताते हुए कहा कि वेदिक काल से ही यज्ञ का बड़ा महत्व है सन्तो ऋषियों ने तप व यज्ञ के माध्यम सेविश्व कल्याण की आध्यात्मिक सम्पदा प्राप्त की है । श्रीकृष्ण ने गीता में यज्ञ करने वालो को परमगति प्राप्त होने की बात कही है ,यज्ञ में अग्निदेव के माध्यम से अन्य देवो को आहुति दी जाती है जिससे प्रसन्न होकर साधक को सुख सम्रद्धि यश आदि प्रदान करते है। यज्ञ मानवजीवन को सफल बनाने का आधार है।वही यज्ञ से वायु मंडल शुद्ध व देवमय हो जाता है, यज्ञ भगवान विष्णु का ही स्वरूप माना गया है इसी कारण यज्ञ पाप नाशक माना गया है । यज्ञ में सुमन्त अरोरा , अलीना, डॉ मनीष ,एकांश, आरुष, सुरभि, पुनीत,आदित्य, ममता, रोली, मंजू, निधि, वंदना पांडेय, साधना राजपूत, सजना प्रियंका, पलक, कुसुम बालियान, साक्षी,सुष्मिता, सुरभि,उर्वशी, आशीष, सुनील, नरेश शर्मा आदि ने आहुति दी।