मवाना के कई अफसर रडार पर

मवाना के कई अफसर रडार पर
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मवाना के कई अफसर रडार पर, मवाना। मवाना थाना क्षेत्र के मेरठ रोड स्थित 12 बीघा जमीन के चर्चित इफ्राहिम – शगुफा धोखाधड़ी कांड के विवादित प्रकरण को लेकर पीडिता ने पुलिस महानिदेशक भ्रष्टाचार को पत्र देकर आरोपयिों पर कार्यवाही करने की मांग की है। पीडिता फरहा कुरैशी ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन के पुलिस महानिदेशक को भेजे गये पत्र में इस प्रकरण में विभिन्न स्तर पर हुई अनियमितताओं का हवाला देते हुए कार्यवाही की मांग की गई है जिसकी जांच शुरू होने से अभियुक्तों सहित संदिग्ध अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है पीड़िता ने शिकायती पत्र द्वारा बताया की इस प्रकरण में 21 फरवरी से मेरठ पुलिस के एक गोपनीय दस्तावेज के अनाधिकृत रूप से लीक होने और उस गोपनीय दस्तावेज का उपयोग कर इफ्राहिम ,शगूफा आदि आरोपियों द्वारा कानूनी लाभ लेने की जांच की का रही है। जिसमे कई अधिकारियों की गर्दन फंसी हुई है। जिसके संबंध में पीड़िता फरहा कुरैशी ने क्रमशः 21 फरवरी, 23 मार्च और 26 अप्रैल को मेरठ पुलिस के उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिए लेकिन किसी भी प्रार्थना पत्र पर पुलिस आज तक भी कोई कार्यवाही नहीं कर पाई है जबकि इस संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा प्रकरण का संज्ञान लेते हुए 25 मई को ही कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इस प्रकरण में पहले एक फर्जी वसीयत अवैध रूप से पंजीकृत करवाकर धोखाधड़ी से इफ्राहिम,शगूफा द्वारा उक्त जमीन को हड़पा गया और अब उक्त आवासीय जमीन जो कि सरकारी अभिलेखों में वर्ष 2011 से आवासीय भूमि दर्ज है , उस भूमि को कृषि भूमि सिद्ध करने के लिए फर्जी दस्तावेज गढ़कर धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
एंटी करप्शन द्वारा इस मामले का संज्ञान लिए जाने के बाद महानिदेशक भ्रष्टाचार निवारण के आदेश पर एसपी ग्रामीण इस मामले में दोषी अधिकारियों और अभियुक्तों की मिलीभगत से हुई अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच कर रहे है । पीडिता ने बताया कि मवाना तहसील क्षेत्र के तत्कालीन व वर्तमान पुलिस क्षेत्राधिकारी ,तहसीलदार ,सब रजिस्ट्रार, मवाना थाने में तैनात उप निरीक्षक सत्येंद्र कुमार सिंह और मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने मिलीभगत करके आरेापियों को समय-समय पर लाभ अनुचित लाभ पहुंचाया है। पीड़िता फरहा कुरैशी ने बताया कि साजिशन इफ्राहिम शगुफा आदि द्वारा झूठे और आधारहीन तथ्यों के आधार पर प्रार्थना पत्र देकर पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा हैं। पीडिता ने आरोप लगाया कि सीओ मवाना की संदिग्ध कार्यशैली की शिकायत पीड़िता फरहा कुरैशी पहले ही करती आ रही है, उन्ही सीओ मवाना को पीड़िता के विरुद्ध दिए गए झूठे शिकायती पत्रों की जाँच दे दी गयी है। वह भी तब, जबकि सीओ मवाना के विरुद्ध राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा कार्यवाही के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। क्षेत्राधिकारी मवाना द्वारा उक्त जांच के संबंध में दिनांक 18 अप्रैल 2023 को आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना में पीड़िता फरहा कुरैशी को सूचना के नाम पर पूर्णतः भ्रामक और झूठी सूचना उपलब्ध कराते हुए 1 जुलाई 2022 के प्रार्थना पत्र से संबंधित दस्तावेज भेज दिए जबकि पीड़ित महिला ने दिनांक 21 फरवरी और 23 मार्च 2023 को दिए गए प्रार्थना पत्र के संबंध में नियमानुसार सूचना मांगी थी। इस तरह सीओ मवाना ने पीड़िता को ऑन रिकॉर्ड झूठी सूचना प्रेषित की और पीड़िता फरहा कुरैशी द्वारा वांछित गोपनीय दस्तावेज के लीक होने के प्रकरण में महीनो से चल रही जांच के संबंध में कोई भी सूचना उपलब्ध नहीं करवायी। पीड़ित महिला ने अधिकारियों अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों पर त्वरित कार्यवाही की गुहार लगाई है। उक्त भूमि पर वर्तमान में मै०सिल्वर इंटरप्राइजेज द्वारा मेरठ विकास प्राधिकरण से बिना तलपट मानचित्र स्वीकृत करवाये अवैध प्लॉटिंग करने पर प्राधिकारण द्वारा अवैध कालोनी विकसित करने पर पहले ही रोक लगायी जा चुकी है। लेकिन विवादित अवैध प्लाटिंग पर दोस्ती करण की कार्यवाही ना होने से अभियुक्तों के हौसले बुलंद हैं।

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