बिल भरो वर्ना बिजली उड़ा देगी फ्यूज,
-बकायेदारों से रेवेन्यू वसूली के लिए पीवीएनएल के अभियान के संकेत
-रिकबरी में पिछले साल के मुकाबले 25 फीसदी बढ़ौत्तरी के लिए मेरठ समेत सभी चौदह जनपदों में अभियान
यदि बिल नहीं भरा तो घर हो या दफ्तर बिजली का फ्यूज उड़ जाएगा। दरअसल रेवेनयू कलेक्शन खासतौर से बकाएदारों से पीवीएनएल के निपटने के अंदाज में अभियान की आहट सुनाई दे रही है। मंगलवार को लखनऊ में हुई बैठक में इस तरह के अभियान पर मोहर लग गयी है। हालांकि इस अभियान को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या बड़े बकाएदारों खासतौर से सरकारी महकमों पर जो अकेले मेंरठ में जो लगभग 18 करोड़ का बकाया है उसकी भी वसूली की जाएगी या फिर रेवेन्यू रिकबरी अभियान केवल मीडिकल क्लास या गरीब बकाएदारों का ही फ्यूज उड़ाएगा।
सात हजार करोड़ से ज्यादा का है बकाया
पश्चिमांचल से संबंधित सूत्रों की मानें तो 14 जिलों में उपभोक्ताओं पर 31 जुलाई 2023 तक 40़72 लाख उपभोक्ताओं पर करीब सात हजार करोड से ज्यादा बकाया है. इसमें मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, बागपत, अमरोहा, रामपुर, मुरादाबाद, हापुड़, नोएडा सहित 14 जिले शामिल हैं. इतनी बड़ी रकम की वसूली के लिए संगठित स्तर पर अभियान की तैयारी है। दरअसल पीवीएनएल अफसरों का कहना है कि बिजली कैश में खरीदनी पड़ती है और यह काम डे बाई डे होता है। इसलिए शत प्रतिशत रिकबरी जरूरी है।
मेरठियों पर करीब 64 का बकाया
पीवीएनएल का , मेरठ जनपद के उपभोक्ताओं पर करीब 64 करोड़ रुपए बकाया हैं. आम और खास यानि सरकारी महकमों में अंतर है। सरकारी महकमों पर 11.91 करोड का बकाया है। इनमें मेरठ में पुलिस महकमे पर सबसे ज्यादा बिजली का बिल बकाया, अकेले खाकी पर 5.90 करोड़, शिक्षा विभाग पर 2.14 करोड़, कृषि विभाग पर 1्2 करोड़, स्वास्थ्य/चिकित्सा विभाग पर 2 करोड़, जिला कारागार पर 46 लाख, कृषि/दुग्ध31.19 लाख, पंचायती राज विभाग 24.20 लाख, आबकारी 14 लाख, सिंचाई 7.59 लाख बकाया है। भुगतान न होने के कारण यह रकम बढ़ती ही जा रही है.।
पीवीएनएल के सरकारी कर्जदार महकमे
किस विभाग पर कितना है बकाया
1. गृह विभाग पुलिस – चार करोड लगभग करोड़ लाख
2. चिकित्सा शिक्षा विभाग – साढे चार करोड लगभग
3. कृषि पंचायत राज – पौने पांच करोड. करोड़ दो लाख
4. गृह विभाग कारागार – 46.67 लाख
5. शिक्षा विभाग – 4.5 लाख
6. कृषि दुग्धशाला विकास – 31.19 लाख
7. आबकारी विभाग – 12 लाख
8. सिंचाई अधिष्ठान विभाग – 18.25 लाख
ये आंकड़े बताते हुए सूत्रों ने बताया कि 36 सरकारी विभागों ने समय से बिजली के बिलों का भुगतान नहीं किया है। उन पर कुल 18 करोड़ का बकाया है। इनसे जमा करने को तकादा तक नहीं कर सकते क्योंकि यह रकम शासन स्तर से जमा करायी जाती है। , लेकिन अब तक बकाया की समस्या बनी हुई है. हालांकि सामान्य उपभोक्तओं से की जा रही वसूली पर वह यही बोले कि सामान्य कंज़्यूमरों से विभाग को 30 करोड़ वसूलने है।
स्कीमों के बाद भी हालात बदत्तर
दरअसल शासन के निर्देश पर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा अनेकों स्कीम चलाई गईं, ताकि जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिक बकाया है, वह अपना बिल जमा कर दें। हालांकि देखा जा रहा है कि काफी ऐसे बड़े उपभोक्ता हैं, जिन्होंने अपना बकाया बिल जमा नहीं किया है. लिहाजा बिजली विभाग ने ऐसे उपभोक्ताओं पर अब शिकंजा कसने की कवायद शुरू करेगा । इसके लिए नई रणनीति तैयार की जा रही है।
‘डोर टू डोर’ कनेक्शन काट रहा विभाग
बिजली विभाग द्वारा बकायेदारों की एक लिस्ट बनाई गई है. विभाग की ओर से सभी को नोटिस जारी किए गए हैं. नोटिस के बावजूद जो उपभोक्ता बिल नहीं जमा करेगा. ऐसे बकायेदारों को चिन्हित कर डोर टू डोर कनेक्शन काटे जाएंगे।
नहीं दिखाई दिलचस्पी
एकमुश्त समाधान योजना के माध्यम से भी उपभोक्ताओं से बिल जमा कराने की अपील की गई थी. यही नहीं, पहली बार ऐसा हुआ था कि उपभोक्ता 6 और 10 किस्तों के माध्यम से भी अपना बकाया जमा कर सकते थे. इसमें 100 फीसदी तक सरचार्ज में छूट प्रदान की गयी थी. बावजूद इसके बड़े बकायदारों ने बिल जमा नहीं कराया.
सवाल भी कम नहीं
बकाएदारों से वसली व रेवेन्यू जेनरेट करने के नाम पर जो अभियान पहले चलाए गए हैं और जिन नए अभियानों की आहट सुनाई दे रही है उसको लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं और आगे भी सवाल ना उठे इसकी कोई गारंटी नहीं। दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि पीवीएनएल के कर्मचारी उन घरों के बिजली कनेक्शन काट रहे हैं, जिन पर विभाग का 10,000 या उससे ज़्यादा बकाया हो गया है जबकि सरकारी विभागों के लिए कोई सख्ती नहीं की जा रही है. सख्ती तो दूर विभाग यहां से करोड़ों की बड़ी वसूली के लिए कोई विशेष अभियान छेड़ता हुआ नज़र भी नहीं आ रहा है। आम उपभोक्ताओं पर करीब 30 करोड़ रुपये की राशि बकाया हो गई है, जिसे वसूलने के लिए विभाग ने विशेष अभियान छेड़ा है। जिन घरों में बिजली कनेक्शन काटे जा रहे हैं, वो लोग बिजली विभाग के चक्कर लगाकर वापस बिजली बहाल करवाने के लिए परेशान हो रहे हैं. ऐसे उपभोक्तओं का सीधा आरोप है कि विभाग बड़ी बकायादारों को छोड़कर मामूली लोगों को बगैर टाइम दिए इस तरह की कार्रवाई कर रहा है।
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