गेंद अब डाक्टरों के पाले में,
-अतुल का चेलेंज-धर्म संकट में डाक्टर
-पूछा क्या डाक्टर भी दिखाएंगे संपत्ति के ब्योरा देने का साहस
-काेरोना काल के बाद तेजी से धन कुबेर बने हैं शहर के डाक्टर
प्राईवेट अस्पतालों से इलाज व दवाओं के नाम पर मरीजों से की जाने वाली लूट खसोट के खिलाफ अनशन कर रहे मेरठ की सरधना विधानसभा से सपा विधायक अतुल प्रधान ने एक दो नहीं पूरी डाक्टर बिरादरी और न्यूटिमा की पैरवी करने वालों के सामने धर्म संकट खड़ा कर दिया है। खुला चेलेंज देते हुए अनशनकारी विधायक ने पूछा है कि उन्होंने अपनी संपत्ति का ब्योरा दे दिया है, क्या डाक्टर भी संपत्ति का ब्योरा देने का साहस करेंगे। और एक कदम बढ़ते हुए विधायक ने कहा कि वह समाज के आम आदमी की लड़ाई लड़ रहे हैं, वे तो खुद विधायक है तमाम सुविधाएं हासिल हैं, लेकिन उनकी यह अनशन समाज के उस कमजोर शख्स के लिए है जो प्राइवेट अस्पताल इलाज के लिए जाता है, लेकिन इलाज के नाम पर उसे कंगाल कर दिया जाता है। उन्होंने तमाम डाक्टरों व उनकी संस्थाओं को ओपन चेलेंज देते हुए कहा है कि वह प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम पर जो खुली लूट मची है उस पर डाक्टरों से बहस काे तैयार हैं। एक ओर पूरी डाक्टर बिरदारी हो और दूसरी ओर वह अकेले हों और कौन सही है कौन गलत है इसका फैसला आम पब्लिक पर छोड़ दिया जाए। उन्होंने कहा कि न्यूटिमा पर सील लगाए जाने का एलान किया जाता है। उसके बाद रातों रात प्राधिकरण प्रशासन यूटर्न ले लेता है। ऐसा क्या हुआ जो अवैध होते हुए भी न्यूटिमा को बचाव करने का पूरा मौका दिया जा रहा है। आम आदमी के साथ ऐसे मुददों पर प्रशासन का रवैया दूसरा क्याें हाेता है।
सवाल उठाने वालों पर सवाल
शनिवार को कलेक्ट्रेट में धरना स्थल पर बुलायी गयी प्रेस वार्ता में अनशनकारी विधायक ने कहा कि डाक्टरों की लूट के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए अब अन्य चीजों को सामने लाया जा रहा है, लेकिन वह ऐसा होने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि उनकी दाढ़ी को लेकर सवाल किया जा रहा है। उनके वजन को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं। विधायक ने कहा कि गांधीवादी नेता अन्ना हजारे भी अनशन पर थे, वो केवल जल लेते थे। विधायक ने बताया कि वह भी केवल जल ग्रहण कर रहे हैं। उनके वजन को लेकर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि वह एंडोस्कोपी कराने को तैयार हैं।
धरना स्थल पर कैमरों की व्यवयस्था की मांग
सपा विधायक जिला प्रशासन से धरन स्थल पर चौबीस घंटे काम करने वाले हाई क्लास कैमरे लगवाए जाने की मांग भी मीडिया की मार्फत जिला प्रशासन से की। उन्होंने कहा कि वह दिन रात धरने पर हैं। सर्द में यहां जब वह होते हैं तो इस बात की भी आशंका है कि कोई अप्रिय वारदात संभव है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन धरना स्थल पर चौबीस घंटे एक कैमरे की व्यवस्था करें साथ ही एक गजेटेड आफिसर भी चौबीस घंटे धरना स्थल पर नजर आए।
जो डाक्टर आ रहे जांच को वो खुद नशे में हैं
अनशनकारी विधायक की जांच करने को कलेक्ट्रेट के धरना स्थल पर जो डाक्टर पहुंच रहे हैं वो खुद नशे में हैं। यह आरोप भी विधायक समर्थकों ने धरना स्थल पर लगाए। वहीं विधायक ने जानकारी दी कि जो डाक्टर उनकी जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सीएमओ ने भेजे थे वो कितनी तैयारी से आए थे इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनसे कहा कि वजन कर लीजिए तो बोले कि वजन करने की मशीन तो वो लाए नहीं हैं। इसके अलावा वो कितने काबिल थे इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बांह में नस तक नहीं तलाश कर सके।
गिरफ्तारी की तो जेल में ही अनशन का एलान
मीडिया के साथ बातचीत में अनशनकारी विधायक ने कहा कि यदि डाक्टरों को खुश करने के लिए जिला प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी करायी तो उनका अनशन जेल में भरी जारी रहेगा। अतुल प्रधान ने कहा कि प्रशासन चाहता है कि कुछ भी कर अनशन समाप्त कर दिया जाए, लेकिन प्रशासन का ध्यान न्यूटिमा द्वारा गरीब मरीजों से की जा रही लूट खसोट की ओर नहीं। जो आरोप उन्होंने न्यूटिमा को लेकर लगाए हैं आज तक न तो न्यूटिमा, न ही आईएमए और न ही स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की ओर से उन आरोपों का जवाब मिला है। उन्होंने कहा कि जो सवाल उठाए गए हैं वो आम जनता के सवाल हैं।
सवाल जनता का है, सीमा के अनशन से नहीं गुरेज
विधायक ने कहा कि यह उनकी निजी लड़ाई नहीं है। आम जनता के साथ इलाज के नाम पर लूटपाट करने वाले डाक्टरों से उनकी लड़ाई है। उन्होंने यहां तक कहा कि सवाल जनता को लूट से बचाना का है, यदि जरूरत पड़ी तो उनकी पत्नी सीमा प्रधान भी अनशन करेंगी। जनता की आवाज उठाने से उनके परिवार को कोई नहीं रोक सकता। जनता ने उन्हें चुनकर विधायक बनाया है। इसलिए जनता के प्रति उनकी जो जिम्मेदारी है उसको निभा रहे हैं।
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मार लगी है पड़ने तो खैरात लगी है बंटने
अनशनकारी विधायक बोले अब से पहले दस रुपए में ओपीडी चलाने वाले कहां थे
मेरठ। आईएमए द्वारा दस रुपए के पर्चे पर ओपीडी चलाए जाने पर अनशनकारी विधायक अतुल प्रधान ने बड़ा हमला बोला साथ ही ओपीडी चलाने वालों को भी कठधरे में खड़ा कर दिया। अतुल प्रधान ने सवाल किया कि सालों से इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में डाक्टरों की गरीब मरीजों से लूटपाट जारी है। ओपीडी चलाने वाले डाक्टर बताए कि अब से पहले उन्हें इसका खयाल क्यों नहीं आया। उन्होंने कहा कि इस खुली लूटखसोट को लेकर अब आम पब्लिक जाग रही है। जनता काे निजी अस्पतालों की इस लूट का खेल समझ में आने लगा है। जनता भी सवाल उठाने लगी है। जब जनता के सवालों की मार पड़ने लग तो डाक्टरों को दस रुपए में इलाज की खैरात बांटने की याद आ गयी।
बढ़ रहा है समर्थन का सिलसिला
-पूनम पंडित, राकेश टिकैत अब गुरनाम सिंह चढूनी, आप पहले से है साथ
मेरठ। निजी अस्पतलाें पर इलाज के नाम पर लूट का आराेप लगाने वाले सरधनाा से समाजवादी पार्टी के अनशनकारी विधायक अतुल प्रधान के समर्थन का सिलसिला अब तेजी से बढ़ रहा है। मेरठ में इलाज के नाम पर जो कुछ हो रहा है उसकी आवाज यूपी की विधानसभा में बुलेंद करन तथा नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के सदन में मिले समर्थन के बाद अतुल प्रधान का समर्थन करने वालों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है। बड़े नामों की यदि बात की जाए तो मजलूमों की आवाज पूनम पंड़ित के बाद भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत मेरठ कलेक्ट्रेट के धरना स्थल पर अनशन कर रहे अतुल प्रधान के समर्थन में पहुंचे थे। आज शनिवार को पंजाब के बड़े किसा नेता गुरनाम सिंह चढूनी अतुल प्रधान का समर्थन करने को अनशन स्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि अतुल प्रधान गरीबों की आवाज उठा रहे हैं। पूरे शहर को उनके साथ आना चाहिए। इस लड़ाई में वह अतुल प्रधान के साथ हैं। उनका समर्थन करते हैं। जो सवाल विधायक ने उठाए हैं उनका उत्तर यूपी की योगी सरकार को देना होगा। प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम पर लूटपाट बंद की जानी चाहिए।
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किले में तब्दील कलेक्ट्रेट व कचहरी परिसर
भारी पुलिस फोर्स से रहा अफरा-तफरी का माहौल
मेरठ। सपा विधायक अतुल प्रधान के अनशन का आज छटां दिन था। शनिवार को सुबह से ही कचहरी व कलेक्ट्रेट परिसर आज किले में तब्दील नजर आया। शुरू में तो ऐसा प्रतीत हुआ कि शायद पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने कुछ योजना बनायी है। हालांकि शनिवार को आज सैकेंड शटर डे होने की वजह से कहचरी और कलेक्ट्रेट तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पर भी सन्नाटा पसरा हुआ था। अवकाश के चलते यहां भी कोई अफसर नहीं थें। इसके उलट कचहरी के तमाम मुख्य गेटों व कलेक्ट्रेट के गेटों पर भारी पुलिस फोर्स तैनात था। कचहरी के डा. अंबेडकर चौराहे से जो रास्ता कमिश्नरी की ओर जाता है वहां दोनों ओर बेरिकेटिंग लगाए गए थे। आने जाने वालों पर कड़ी नजर पुलिस वाले रख रखे थे। इंस्पेक्टर सिविल लाइन खुद मोर्चा संभाले हुए थे। इसी तर्ज पर भीतर जहां धरना स्थल पर सपा विधायक अतुल प्रधान अनशन कर रहे हैं, वहां भी लोगों से ज्यादा आज पुलिस वाले नजर आ रहे थे। अनशनकारी विधायक समर्थकों ने आशंका व्यक्त की कि आज शायद प्रशासन अतुल प्रधान की गिरफ्तारी कर ले। लेकिन शाम पांच बजे तक ऐसा नहीं हुआ। हालांकि भारी संख्या में विधायक समर्थक धरना स्थल पर जमा थे।