बेटियों की बादशाहत कायम, मेरठ। सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 16वें दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। अध्यक्षता उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की। उन्होंने 22 छोत्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पदक दिए। 22 में से 15 पदक बेटियों ने अपने नाम कर काबलियत व कौशल का परिचयत दिया इसके अलावा विभिन्न विषयां में स्नातक हेतु 370, स्नातकोत्तर, जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, उद्यान महाविद्यालय, खाद्य प्रोद्योगिकीमहाविद्यालय, कृषि अभियंत्री महाविद्यालय, एवं पशु चिकित्सामहाविद्यालय के 18 छात्र-छात्राओं को कुलपति स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदकों से सम्मानित किया गया।
सरदार बल्लभ भाई पटेल मोदीपुरम मेरठ के 16 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 510 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां और 36 होनहार को मेडल बांटे। पढ़ाई के दौरान शानदार प्रदर्शन करने वाले छात्रा-छात्राओं के गले में मेडल के रीबन डालते हुए महामहिम ने इन युवाओं को सबसे पहले माता-पिता व परिवार के प्रति जिम्मेदार बनने के साथ साथ मेडल पाकर देश व समाज के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी याद रखने की नसीहत दी। उन्होंने इन युवाओं से जोर देकर कहा कि समाज, देश और दुनिया में तेजी से बदलाव हो रहा है। ऐसे चुनौतियां बड़ी हैं लेकिन इन चुनौतियों से बजाए घबराने के उनमे अवसर तलाशना होगा। मेडल के साथ ही समाज और देश के प्रति जिम्मेदारियां भी सभी युवाओं के कंधों पर आ गयी हैं। आनंदी बेन पटेल ने कहा कि जिंदगी में कुछ ऐसा किया जाए जो मिसाल बन जाए, जैसा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल ने किया। आज यदि भारत राष्ट्र खंड है तो उसके लिए पूरा राष्ट्र सरदार पटेल का ऋणी है। उन्होंने कहा कि जो चुनौतियां भविष्य में सामने आ सकती हैं उनको ध्यान में रखकर ही काम किया जाए। सौ साल बाद देश के सामने जो चुनौतियां होंगी उनको ध्यान में रखकर कार्य योजनाएं बनानी होंगी।
अमूल की मिसाल
महामहिम राष्ट्रपति ने इस मौके पर अमूल कंपनी की मिसाल दी। उन्होंने कहा कि अमूल आज दुनिया में एक बड़े ब्रांड के नाम से जाना जानता है, लेकिन शायद कम लोगों को पता होगा कि अमूल नाम का जो ब्रांड आज दुनिया भर मे भारत की पहचान बना है उसकी नींव रखने वाले सरदार बल्लभ भाई पटेल व उनके दो अन्य भाई थी जिन्होंने महज डेढ लीटर से इसकी शुरूआत की थी। अमूल की वजह से आज करोड़ों को रोजगार मिल रहा है। देश और दुनिया में अमूल भारत के नाम से जाना जाता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि कुछ ऐसा ही काम उन्हें भी करना है ताकि देश और दुनिया में उनकी पहचान बन सके।
जल संरक्षण पर दिया बल
दीक्षांत समारोह में आनंदी बेन पटेल ने जल संरक्षण का भी जिक्र किया। दरअसल हुआ यह कि कार्यक्रम की शुरूआत के कार्यक्रम में जल संवर्ध भी उद्घाटन का हिस्सा था। एक बडे़ घट में उसके बराबर में रखे छोटे-छोटे पांच घटों का जल डाला गया। इसी के चलते महामहिम ने जल संवर्धन का जिक्र किया। उन्होंने अपनी बात समझाने के लिए गुजरात के एक इलाके का जिक्र किया। उन्होने बताया कि यह बात तब की जब वहां पेय जल की भयंकर किल्लत थी। पानी के लिए परिवार की महिलाएं अंधेरे उठकर दूर तक जाती थीं, वहां से खुदाई के बाद जो जल निकलता उसको एक बर्तन में भरती थीं। उस बर्तन का पानी घर लाकर दूसरे बर्तनों में डालती थी, उस पानी को पीने योग्य बनाया जाता था। इसलिए जल संवर्धन की जरूरत बहुत है।
परिवार की बातें कर किया इमोशनल
अध्यक्षीय भाषण या कहें समापन भाषण के दौरान ही महामहिम ने एक घरेलू महिला की भांति घर और परिवार की बातें भी कीं। दरअसल महामहिम आनंदी बेन पटेल अपने पूर्व के तमाम कार्यक्रम जो मेरठ में हुए हैं उनमें अक्सर घर परिवार की बातें करती हैं। इन बातों काे करना वह कभी नहीं भूलतीं। आज भी कुछ ऐसा ही हुआ। दरअसल हुआ यूं कि कुछ मेडल पाने वाले कुछ बेटे बेटियां अपने परिजनों को मंच तक उनका हाथ पकड़ कर पहुंचे थे। इनमे कुछ साथ उनके माता पिता थे तो कुछ के साथ पति और कुछ के साथ उनकी सास आयी थीं। मेडल प्रदान करते वक्त शायद महामहिम बहुत बारीकी से यह सब देख रही थीं जिसका जिक्र उन्होंने अपने भाषण में किया। आनंदी बेन पटेल ने कहा कि एक बिटिया ने जब मेडल लेते वक्त उन्हें बताया कि मंच पर जो उसके साथ खड़ी हैं वो उसकी सास हैं यह सुनकर उन्हें बहुत अच्छा लगा। और तब और भी ज्यादा अच्छा लग सास से पूछा कि उनकी बहू कैसी है तो सास ने कहा कि दुनिया में मेरी बहू जैसी कोई नहीं वो बहुत अच्छी है। ये मेरी बेटी है। महामहिम ने कहा कि उन्होंने देखा कि कुछ बच्चे अपने माता पिता का हाथ पकड़कर उन्हें मंच लाए हैं। यह उनके लिए बेहद सुखद अनुभव रहा। उन्होंने कहा कि बच्चों को यह याद रखना चाहिए कि जिन्होंने हमारी उंगली पकड़ कर हमें चलना सिखाया है जब हम बड़े हो जाए और किसी काबिल बन जाए तो उनका हाथ थाम लें जिन्होंने हमें चलना सिखाया है। यही हमारी संस्कृति और परंपरा भी है। अपने अपने माता पिता व परिवार का सम्मान करना चाहिए। परिवार के प्रति दायित्व का बोध हमेशा रहना चाहिए। परिवार ही नहीं समाज व राष्ट्र के प्रति भी जिम्मेदारी का भान रहना चाहिए। बच्चों का यह कभी नहीं भुलना चाहिए आज वो जिस मुकाम पर हैं वो अपने माता पिता की बदौलत हैं। इस दौरान उन्होंने तमाम ऐसी भी बातें अपनत्व भरी कहीं जिससे आंखें भर आयीं।
सरदार बल्लभ भाई पटेल के दीक्षांत समारोह में 36 को मेडल 519 को डिग्री
प्रदेश की महामहिम राज्यपाल ने प्रदान किए मेडल व डिग्रियां, कार्यक्रम के अतिथि आईआईटी खडकपुर के निदशेक प्रो. वीरेन्द्र तिवारी रहे
मेरठ। मोदीपुर स्थित सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि विश्विवद्यालय के 16वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की महामहिम राज्यपाल ने 36 बच्चों को मेडल व 519 को डिग्री प्रदान की। समारोह में अनेक जनप्रतिनिधि के अलावा पुलिस प्रशासन के आला अधिकरी जिनमें डीएम व एसएसपी, सीसीएसयू की कुलपति तथा अनेक बच्चों के अभिभावक व विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षक भी मौजूद रहे। एक भव्य समारोह में कार्यक्रम की शुरूआत सुबह 10. 50 बजे हुआ।
मिनट-दर मिनट
कुलाधिपति द्वारा महिला उद्यमी समागम कुशलता से समृद्धि प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं अवलोकन
11-11.05 बजे कुलाधिपति द्वारा दीक्षांत परिधान धारण करना
11.10 बजे शोभायात्रा प्रारंभ एवं दीक्षांत समारोह स्थल पर आगमन
11.12 बजे कार्यक्रम स्थल पर विश्वविद्यालय के छात्राओं द्वारा राष्ट्र गीत
11.15 बजे सरदार बल्लभ भाई पटेल की अर्ध प्रतिमा पर माल्यार्पण/पुष्पांजलि एवं जल संवर्धन कार्यक्रम (जल संवर्धन कार्यक्रम के समय विश्वविद्यालय के छात्राआं द्वारा जल संवर्धन गीत की प्रस्तुति )
11.17 बजे कुलपति द्वारा कुलाधिपति एवं मुख्य अतिथि का स्वागत।
11.18 बजे संचालक द्वारा दीक्षांत समारोह प्रारंभ करने हेतु कुलाधिपति से अनुरोध।
11.19 बजे कुलाधिपति द्वारा दीक्षांत समारोह शुभारंभ की घोषणा।
11.20 बजे कुलपति द्वारा स्वागत संबोधन एवं विश्वविद्यालय प्रतिवेदन की प्रस्तुति।
11.31 बजे कुलपति द्वारा दीक्षोपदेश।
11.40 बजे कुलाधिपति द्वारा पीएचडी उपाधि प्राप्तकर्ताओं को एक-एक कर डिग्रियां प्रदान किया जाना।
11.45 बजे कुलाधिपति एवं कुलपति द्वारा पदक वितरण तथा पदक धारकों के साथ ग्रुप फोटो।
11.55 बजे कुलाधपति एवं कुलपति के समक्ष विभिन्न संकायों के संकाध्यक्षों द्वारा उपाधि प्राप्तकर्ताओ को प्रस्तुत किया जाना।
11.56 बजे डिजिलॉकर में उपाधियों का समावेश।
11.57 बजे प्रो. धर्मेन्द्र सारस्वत द्वारा पर्डू विश्वविद्यालय यूएसए के साथ एमओयू का हस्ताक्षीकरण।
12.02 बजे प्रो. धर्मेन्द्र सारस्वत द्वारा पर्डू विश्वविद्यालय एवं एमओयू के बारे में संक्षिप्त वक्तव्य।
12्.03 बजे मुख्य अतिथि द्वारा दीक्षांत भाषण
12.21 बजे कुलाधिपति द्वारा प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिकव विद्यालय के छात्रों को उपहार वितरण एवं स्कूल के अध्यापकों को पुस्तक प्रदान किया जाना।
13 बजे कुलाधिपति द्वारा अध्यक्षीय उद्बबोधन। कुलपित द्वारा कुलाधिपति एवं मुख्य अतिथि को अंगवस्त्रम की भेंट।
13.5 बजे कुलाधिपति द्वारा दीक्षांत समारोह के समापन की घोषणा किया जाना।
13.7 बजे कुलसचिव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन।
13.9 बजे राष्ट्रगान।
13.11 बजे शोभायात्रा का दीक्षांत समारोह स्थल से प्रस्थान। इस दौरान राज्यपाल से सांसद राजेनद्र अग्रवाल, राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी व विधायक अमित अग्रवाल व अतुल प्रधान की अनौपचारिक भेंट वार्ता।
14 बजे कुलाधिपति द्वारा महिला उद्यमी समागम कुशलता से समृद्धि कार्यक्रम में प्रतिभागीय महिलाओं से संवाद।
15 बजे राज्यपाल/कुलाधिपति का आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को किट का वितरण। इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन के स्तर से की गयी थी। इस मौके पर राज्यपाल ने कृषि विश्वविद्यालय में लगाए गए 32स्टालों का भी अवलोकन ।
16 बजे कृषि विश्वविद्यालय से प्रस्थान किया जाना।
प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर
इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है। यह पश्चिम उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में सकारात्मक ऊर्जा के साथ सतत प्रगति कर रहा है। खाद्यान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस प्रकार के शोध करने चाहिए जो कि समय व मांग के अनुसार हों। उनका अपनाकर किसानों की आय में वृद्धि हाे सके। आज के युग में नई मशीनों जैसे ड्रोन आदि से कृषि संबंधित तकनीको को किसानों तक पहुंचाना होगा। इससे जहां लागत में कमी आएगी वहीं दूसरी ओर किसान का श्रम व समय भी बच सकेगा।
महिला सशक्तिकरण पर बल
राज्यपाल ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिला केंद्रों की स्थापना जरूरी है। महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वाभिमान और आर्थिक स्वाबलंबन के लिए प्रेरित करने के लिए इनकी बहुत जरूरत है। उन्होंने कहा कि यहां के कृषि वैज्ञानिक भविष्य की जरूरतों व चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अपने शोध कार्य को करें।
पर्यावरण संरक्षण जरूरी
उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाएं बनायी जानी चाहिए जिनसे पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके। पर्यावरण के लिए अनुकूल, टिकाऊ व कम लागत में उत्पादन देने वाले हों। प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम दोहन हो, पर्यावरण पर कोई विपरीत प्रभाव न डालने वाली योजना बनाया जाना बेहद जरूरी है। उन्होने कहा कि यदि कृषि पद्धति महंगी होगी तो कृषि उत्पादन भी महंगा होगा। फलस्वरूप प्रत्येक उपभोक्ताओं को खाने पीने के सामान कहेतु तुलनात्मक रूप से अधिक मूल्य चुकाना होगा। इससे उपभोक्ता वस्तुओं के दाम भी काफी बढ जाएंगे।
शोध पर ध्यान दिया जाए
उन्होने कहा कि सबसे ज्यादा शोध पर दिया जाना चाहिए। कृषि विविधकरण के साथ साथ जरूरी है कि कृषक व कृषि व्यवसाय में लगे हुए उद्यमियों के स्रोत भी विविधकृत हों ताकि हर हालात में एक समुचित आय सुनिश्चित की जा सके। उन्होने कहा कि यह बताने में खुशी हो रही है कि कृषि विश्वविद्यालय में एग्री इन्क्ययूवेशन सेंटर की स्थापना कर दी गयी है। विवि के कुछ छात्र जैव नियंत्रण उत्पादन के क्षेत्र में स्टार्टअप की परिकल्पना लेकर आगे आ रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसे बच्चे जरूर सफल होंगे। इनके स्टार्टअप का लाभ किसानों को जरूर मिलेगा। हमारा इन्क्यूवेशन सेंटर अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सक्षम होगा। इसी प्रकार एग्रोटूरिज्म, वैल्यू एडेड फूड प्राेसेसिंग, गुणवत्त युक्त बीज, नर्सरी उत्पादन तथा आर्गेनिक खेती जैसे सर्वोच्च स्टार्टअप के क्षेत्र में भी छात्रों को अपने पविचारों के साथ आगे आने चाहिए। सभी क्षेत्रों में उद्यमिता विकास की अपार संभावना है।
सरदार पटेल का करें अनुसरण
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व आईटीआई खडकपुर के निदशेक प्रो. वीरेन्द्र कुमार तिवारी ने उपाधि पाने वालों सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि भारत के लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल से प्रेरणा लेकर उनके बताए रास्ते पर चलें। उनके चरित्र का अनुसरण करें। कृषि शिक्षा में उत्कृष्ट शोध कर भारतीय किसानों को सशक्त करें। उन्होंने उन्नत कृषि तकनीक जैसे प्रसीजन, फार्मिंग, स्मार्ट मशीनें, सस्टेनेबल कृषि, सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था से किसानों को परिचित कराने पर जोर देते हुए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों व शोध छात्रों को इस परिवर्तनकारी युग के मौसम के अनुसार फसल संबंधित सलाह किसानों तक पहुंचाने की विधियों को विकसित करने पर बल दिया।
कुलपति ने दी कार्यक्रमों की जानकारी
कुलपति प्रो. केके सिंह ने दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों तथा भविष्य में चलाए जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंनें कहा कि शिक्षा, शोध व प्रसार को लेकर लगातार काम चल रहा है। शिक्षा का उद्देश्य ऐसे छात्रों को तैयार और प्रशिक्षित करना होता है जिससे वे सत्यनिष्ठा, ईमानदारी व दृढता के साथ जीवन में आगे बढ़ सकें। उन्हें यह जानने में मदद करें कि जीवन में क्या सत्य है और क्या असत्य है। जीवन में हमेशा कुछ न कुछ करते रहने व सीखने की ललक बनी रहनी चाहिए। ज्ञान का कोई अंत नहीं। विवि के छात्रों में राेजगार प्रदाता की भावना विकसित करने के लिए एक एग्री इन्क्यूवेशन सेंटर की स्थापना कर दी गयी है। विश्वविद्यालय के छात्र जैव नियंत्रण उत्पादन के क्षेत्र में स्टार्टअप की परिकल्पना लेकर आगे बढ रहे हैं।
मेडल मिले तो चेहरे खिले: इस मौके पर जिन्हें मेडल मिले उनमें:–
साक्षी यादव बीएससी कृषी आनर्स को कुलपति स्वर्ण पदक, शैलेश कुमार बीएससी आनर्स कृषि को कुलपति रजत पदक, ज्योति सिंह बीएससी आनर्स कृषि को कुलपति कांस्य पदक, अंकुर कुमार सिंह बीटैक को कुलपति स्वर्ण पदक, केशव तिवारी बी टैक काे कुलपति रजत पदक, अवनीश चौहान बीटैक को कुलपति कांस्य पदक, उत्तम पटेल बीटैक बायोटैक्नाेलॉजी को कुलपति स्वर्ण पदक, प्रांजलि कौर सिद्धु बीटैक कुलपति रजत पदक, श्रृद्धा बीटैक को कुलपति कांस्य पदक, अर्पणा यादव बीटैक फूड टैक्नालाजी को कुलपति स्वर्ग पदक, गौरी अग्रवाल बीटैक फूड टैक्नालाजी कुलपति रजत पदक व इसी वर्ग में अंजली चौधरी को कुलपति कांस्य पदक, रिद्धि बिष्ट बीएससी आनर्स कुलपति स्वर्ण पदक व इसी वर्ग की दिव्या अग्निहोत्री को रजत व अभिषक वर्मा को क्रमश कांस्य पदक मिला। रूचिका शर्मा बीएससी एंड एएच को कुलपति स्वर्ण पदक, सूरज धनकड बीएससी एंड एएच को कुलपति रजत पदक व स्वपनल यादव को बीएससी एंड एएच को कुलपति प्रदान किया गया।
कुलाधिपति स्वर्ण पदक
विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में सबसे सम्मानित व गौरवपूर्ण पदक कुलाधिपति स्वर्ण पदक होता है। सरदार पटेल कृषि विश्विवद्यालय के सूरज धनकड को यह पदक हासिल करने का सौभाग्य मिला। जैसे ही स्टेज पर वह कुलाधिपति के हाथों यह पदक लेने पहुंचे पूरा हाल देर तक तालियों से गूजता रहा। सभी ने सूरज धनकड को बधाई दी।