फर्जी लूट में खाकी पर दाग देने वाले दो सस्पेंड

फर्जी लूट में खाकी पर दाग देने वाले दो सस्पेंड
Share

फर्जी लूट में खाकी पर दाग देने वाले दो सस्पेंड,

शहर सराफा बाजार में फर्जी लूट कांड़ में मुख्य किरदार निभाकर खाकी काे दागदार करने वाले  थाना कोतवाली के दो सिपाही सस्पेंड एसएसपी ने सस्पेंड कर दिए। दोनों सिपाही थाना कोतवाली के हैं। दरसअल ये दोनों लूट की सूचना के बाद दीपांशु की दुकान में गैर मुनासिब तरीके से पहुंचे थे। जबकि घटना देहलीगेट थाना क्षेेत्र की थी। वहीं दूसरी ओर देनदारी से बचाने और लोगों को चूना लगाने के लिए फर्जी लूट को अंजाम देने वाले भी पुलिस ने धर लिए हैं। मामला मेरठ के देहलीगेट थाना के शहर सराफा बाजार के नील गली इलाके का है। दरअसल  बाजार की करोड़ों की देनदारी से पिंड छुड़ाने के लिए शहर सराफा बाजार के एक कारोबारी ने अपनी दुकान में दो किलो सोना व लाखों की रकम लूट का नाटक रच दिया। हालांकि यह अलग बात है कि इस नाटक से पर्दा उठने में ज्यादा देर नहीं लगी। लेकिन बुरी बात यह है कि साजिशन इस वारदात के छींटे कोतवाली थाना के कुछ पुलिस वालों पर भी पडेÞ हैं।

यह है पूरा मामला
देहलीगेट थाना के शहर सराफा बाजार के नील लगी इलाके में दीपांशु की दुकान हैं। बुधवार देर शाम पुलिस कारोबारी दीपांशु के प्रतिष्ठान पर काम करने वाले एक कर्मचारी ने सूचना दी कि अज्ञात बदमाश गन पाइंट पर दो किलो सोना और लाखों कीमत की नकदी लूटकर ले गए। सूचना दो किलो सोना लूट की थी, सो पूरा पुलिस सिस्टम हरकत में आ गया। पड़ताल शुरू कर दी गयी, लेकिन पड़ताल शुरू करने में बाजी थाना कोतवाली ने मार ली। थाना देहलीगेट के बजाए कोतवाली पुलिस का इसमें कथित इन्वाल्व होना कई सवालों जन्म दे रहा है। चर्चा तो यहां तक है कि प्लानिंग में कुछ खाकी वाले भी शामिल हैं। हालांकि सच क्या है यह तो अधिकारिक रूप से जब तक आला अधिकारियों द्वारा कुछ नहीं बताया जाता तब तक किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी, लेकिन इसको लेकर चर्चा जबरदस्त तरीके से गरम है। बताया गया है कि जो इलाका है वो थाना देहलीगेट में पड़ता है।
जिसके यहां लूट उसे ही उठाया
दो किलो सोना करोड़ों रुपए कीमत का था। लाखों की लूट की रकम भी बतायी गयी थी। देहलीगेट पुलिस पूरे एक्शन में आ चुकी थी। सबसे पहले पुलिस ने कारोबारी दीपांशु को ही उठाया। दरअसल दीपांशु पर शक की सूई इसलिए पहुंची क्योंकि सीसीटीवी जब खंगाले गए तो घटना को लेकर जो कहानी बतायी गयी थी उसमें अनगिनत झोल नजर आ रहे थे। जब झोल ज्यादा दिखाई देने लगे तो पुलिस ने सीधे दीपांशु को ही रिमांड पर ले लिया। रिमांड पर लेना था सो दीपांशु ने तोते की तरह सारी पटकथा सुना डाली।
कर्मचारियों के यहां से बरामदगी
दीपांशु जब पुलिस पूछताछ में ज्यादा देर तक पिच पर नहीं टिक सकता और सब कुछ उगल दिया तो पुलिस सीधे उन नौकरों के यहां जा पहुंची जिनके यहां लूटी गयी बतायी गयी नकदी व सोना रखवाया गया था। पुलिस ने वहां से माल बरामद भी लिया। लेकिन यहां भी एक नयी कहानी सुनने में आयी है। पता चला है कि जिस शख्स के यहां दीपांशु ने सोना व नकदी रखवायी थी, उसको विश्वास में नहीं लिया गया था। उसको तो कहा गया था कि रात-रात की बात है, सुबह उसके यहां से माल उठा लिया जाएगा।
दीपांशु के कारोबार के बारे में
जिस दीपांशु पर पुलिस को करोड़ों के सोना लूट की फर्जी खबर देने की बात सुनने में आ रही है, उसके बारे में पता चला है कि वह कारोबारियों का सोना लेकर उनके आभूषण तैयार कराने के लिए कारीगरों को देता है। इसके अलावा कारीगरों पर जो बचत का सोना होता है, उसकी ले बच का काम भी वह करता है। साथ ही बाजार में बहुत से ऐसे लोग आते हैं जिनके पास नकदी होती है लेकिन उनको इस बात का कोई आइडिया नहीं होता है कि रकम को कहां इन्वेस्ट करें। ऐसे अनेक लोग बताए जाते हैं जिन्होंने दीपांशु की मार्फत अपनी बड़ी रकम सोने में इन्वेस्ट की है। बाजार की मानें तो दीपांशु पर बाजार की काफी भारी भरकम रकम चढ़ गयी थी। कुछ का कहना है कि काम तो उसका काफी अच्छा था, लेकिन अच्छा काम भी तब खराब हो जाता है जब कारोबारी की नियत में ही खोट जा जाता है। माना जा रहा है कि वैसा ही कुछ दीपांशु के साथ भी हुआ है। उसकी नियत का खोट उसको ले बैठा।
आईडिया देने वाला कौन
शहर सराफा बाजार में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि इस प्रकार आइडिया दीपांशु को देने वाला कौन है। जो कुछ घटना हुई वो तो अलग मामला है, लेकिन बड़ा सवाल कि इस घटना की पटकथा किसने लिखी और इसकी पटकथा में खाकी वालों का किरदार जैसा कि सुनने में आ रहा है किसने तय किया। ये तमाम ऐसे सवाल है जो बाजार में बार-बार पूछे जा रहे हैं और जवाब भी खाकी ही दे सकती है।
ये हुए गिरफ्तार
फिल्मी स्क्रिप्ट के तर्ज पर गढी गयी लूट की इस कहानी के तमाम जिन्हें आन दा रिकार्ड बताया जा रहा है वो सभी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। इनमें दीपांशू जो कारोबारी है जिसके प्रतिष्ठान में यह फर्जी लूट दिखाई गई थी। उसके दोनों कर्मचारी ऋषभ व रजत। इनके अलावा दौलत राम, अज्जू, गौरव व कृष्ण भी गिरफ्तारों में शामिल हैं।
बुलाया था चौकी
अज्जू, गौरव व कृष्ण के करीबियों का कहना है कि उन्हें चौकी माधवपुरम बुलाया गया था। वहां से उन्हें बुक कर थाना देहलीगेट भेज दिया गया। आज सुबह जब करीबी थाना देहलीगेट पहुंचे तो उन्होंने बताया कि अज्जू, गौरव व कृष्ण से पुलिस वालें मिलने नहीं दे रहे हैं। शाम को पता चला कि सोना लूट में पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार दिखा दिया है।
इन सवालों ने किया परेशान

मेरठ। दीपांशु जैन का प्रतिष्ठान शहर सराफा बाजार के नील की गली एरिया में आता है। यह इलाका थाना देहलीगेट क्षेत्र में पड़ता है। इसके बावजूद लूट की यह वारदात का प्रकरण थाना कोतवाली के हाथों में कैसे पहुंच गया। इसको लेकर जितने मुंह उतनी बात बाजार में सुनने को आ रही हैं। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जो कुछ सुनने में आ रहा है, यदि वो सब ठीक है तो फिर मामले की जांच और नीर क्षीर विवेक किया जाना बेहद जरूरी है।
कितनी रकम बरामद
दीपांशु ने अपने कर्मचारी के यहां कितना सोना व कितनी रकम रखवाई थी। कितना सोना बरामद किया गया। इससे संबंधित घटनाक्रम में सबसे ज्यादा सवाल बरामद बतायी जा रही रकम को लेकर उठाए जा रहे हैं। पूछा जा रहा है कि रकम कितनी थी क्या 25 लाख रखवायी गयी थी या फिर जितनी बरादगी बतायी गयी है उतनी ही दीपांशु ने वहां रखवायी थी।
वर्जन
नहीं होने देंगे खेल
नील की गली के कारोबारी ने जो कुछ किया है वो बाजार में कभी भी स्वीकार्य नहीं किया जा सकता। यह बाजार के लिए नुकसानदेह है, लेकिन जिन लोगों की रकम व सोना इस कारोबारी पर बकाया है उसको किसी भी हालत में डूबने नहीं दिया जाएगा। जिन लोगों की नकदी व सोना इस कारोबारी पर है वो सीधे आकर मिल सकते हैं। पाई-पाई वापस करायी जाएगी।
विजय आनंद अग्रवाल महामंत्री मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन-

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *