टीवी के राम की मेरठ को राम-राम

टीवी के राम की मेरठ को राम-राम
Share

टीवी के राम की मेरठ को राम-राम, 

मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट पर भाजपा आला कमान की ओर से बतौर पैराशूट प्रत्याशी मेरठ चुनाव लड़ने को भेजे गए टीवी के राम शनिवार की तड़के मेरठ को राम-राम कर गए। इसकी वजह मुंबई में कोई जरूरी काम बताया जा रहा है, हालांकि करीबियों की मानें तो पता चला है कि शुक्रवार को हुए मतदान और मतदान के बाद उनकी निजी टीम की ग्राउंड जीरो रिपोट के बाद बुरी तरह उखड़ गए। खासतौर से मुस्लिमों के मतदान को लेकर उनके पास जो खबरें पहुंचीं उनमें जानकारी दी गयी कि मुस्लिमों के गठबंधन व बसपा में बंटवारे के दावों में कोई दम नहीं था। इस सीट मुस्लिम वोट देने को लेकर किसी प्रकार के कन्फ्यूजन में नहीं था। दरअसल उनका वोट नाराजगी का इजहार माना जा रहा है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर जो चीजें मतदान को लेकर तैर रही थीं, माना जा रहा है कि तमाम कारण टीवी के राम को मेरठ वालों को राम-राम कहने को काफी थीं सो वैसा ही हुआ, शनिवार तडके अरुण गोविल व उनकी पत्नी श्रीलेखा मुंबई के लिए उड़ गए।

सरकुलर रोड का वो बंगला

सरकुलर रोड स्थित बंगला 244 जिसमें टीवी के राम का ठिकाना था, उस बंगले के उसी हिस्से में यह संवाददाता अपनी पत्नी व बेटी के साथ लंबे अरसे तक रहा है। तब यह बंगला आबूलेन स्थित राजमहल होटल के मालिक के आधीन हुआ करता था। उनके स्टाफ के काफी लाेग रहते थे। यह वही बंगला है जिसमें सिने स्टार नसीरूद्दीन शाह का निकाहा पढाया गया था और जिस हिस्से में अरुण गोविल ने ठिकाना बनाया था उसी हिस्से नसीरूद्दीन शाह का निकाहनामा पढाया गया था। बंगला काफी करीने से बना है। इसमें मेन हाल में ही बेड रूम था। इसके अलावा बेडरूम बनाने के लिए अगले से भी रूम हैं। किचन काफी बड़ी है। इसका एक हिस्सा पीछे की तरफ खुलता है। यहां की सुबह काफी रंगीन व शाम सुहानी होती है। कुदरत की गोद में होने का अहसास दिलाती है।

तीन लाख से जीतेंगे

हालांकि भाजपाइयों की मानें तो अरुण गोविल तीन लाख मतों से शानदार जीत दर्ज कराने जा रहे हैं। जबरदस्त मतदान हुआ है। यह बात सही है कि मतदान का प्रतिशत कुछ कम रहा। जितनी उम्मीद की जा रही थी उतना नहीं हुआ, लेकिन फिर भी खूब  हुआ है, शानदार जीत दर्ज कराने जा रहे हैं। अब इन्हें कौन समझाए कि मतदान तो हुआ है लेकिन जहां खूब मतदान हुआ है वो इलाके इंडिया गठबंधन के लिए ही मुफीद साबित माने जा सकते हैं। और वहां का मतदाता किसी कन्फ्यूजन में नहीं था। दावे भले ही कुछ भी करते रहिए।

आला कमान के प्रयोग पर भी नुकताचीनी

टीवी के राम की मेरठ को राम-राम और जीत के दावों व दंभ के अलावा तमाम ऐसे भी भाजपाई हैं जो मानते हैं कि मेरठ को लेकर आलाकमान का निर्णय पहले दिन से ही ठीक नहीं रहा। यह बहस अब बेमाने है, लेकिन बात होगी तो बात कही भी जाएगी, मेरठ में पैराशूट की जरूरत नहीं थी, जिसे चाहते टिकट देते और उसको मेरठ भाजपा मजबूती से लडाती भी, ऐसा नहीं कि टीवी के राम को मजबूती से नहीं लडाया, इन्हें भी मजबूती से लडाया इसके गवाह मीडिया की खबरें और खबरों में रहने का चस्का रखने वाले संगठन के तमाम नेताओं के साेशल मीडिया व प्रिंट तथा इलैक्ट्रोनिक मीडिया पर तैर रही खबरें हैं। वैसे यह बहस अब मुनासिबत नहीं कि किसे उतारा यह फैसला ठीक था या गलत अब तो बहस इस बात पर होनी चाहिए कि यदि परिणाम मन मुताबिक नहीं आए तो क्या होगा। किस काे नाप दिया जाए और किस को साफ कर दिया जाएगा। वैसे दावा तो यही किया जा रहा है कि  तीन लाख से ज्यादा से जीत दर्ज होने जा रही है। लेकिन दावे को परखने के लिए चुनाव परिणाम के आने तक तो इंतजार करना हाेगा। वैसे उम्मीद यह भी है कि तब तक टीवी के राम भी मुंबई से जरूरी काम निपटा कर लौट आएंगे। वैसे एक अन्य सूत्र से सुनने में आया है कि टीवी के राम बिलकुल भी चुनाव के लिए तैयार नहीं थे। चुनाव के नाम पर उन्होंने भाजपा आला कमान को राम-राम कर दी थी, लेकिन बदले माहौल में राम के किरदार को कैश करने की थ्योरी पर काम करना कितना फायदे मंद साबित होगा और कितना गैर मुनासिब इसके लिए भी इंतजार करना होगा। वैसे उम्मीद है कि तीन लाख से ही जीत दर्ज कराएंगे।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *