बाकियों पर चुप्पी क्यों है साधी

बाकियों पर चुप्पी क्यों है साधी
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बाकियों पर चुप्पी क्यों है साधी, राशन घोटाले में शहजाद गिरफ्तार, एआरओ व सप्लाई इंस्पेक्टरों पर चुप्पी
-भाजपा नेता डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी की शिकायत पर करायी गयी थी जांच
 मेरठ
साल 2018 के (अपात्रों के राशन कार्ड) फर्जी राशन कार्ड घोटाले में आरोपियों में शामिल डीएसओ कार्यालय के कंप्यूटर आॅपरेटन शाहनवाज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में शासन की एसआईटी ने केवल शाहनवाज ही नहीं बल्कि तत्कालीन डीएसओ विकास गौतम के अलावा एआरओ नरेन्द्र सिंह, पूर्ति निरीक्षक अजय कुमार, आशाराम व रविन्द्र कुमार के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की थी। डीएसओ के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कार्रवाई के बाद उन्हें खाद्यायुक्त कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया था, लेकिन नरेन्द्र सिंह व अजय कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई क्या हुई यह स्पष्ट नहीं, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विभागीय कार्रवाई के अलावा मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ धारा 120 बी, 420, 467, 468, 471 आईपीसी एवं धारा 13(1) डी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर विवेचना कराए जाने की भी संस्तुति की गयी थी। विभागीय जांच की संस्तुति इससे इतर थी। इस मामले में डीएसओ कार्यालय के निजी आपरेटर व अधिकारी ही नहीं बल्कि 63 राशन कार्ड डीलरों पर भी कार्रवाई की संस्तुति की थी।
यह था पूरा मामला
साल 2018 में भाजपा नेता डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मेरठ में बड़ी संख्या में फर्जी राशन कार्ड चलन में होने की शिकायत की थी। इससे भी बड़ा मामला यह था कि जिन राशन कार्ड की यूनिट काट दी गयी थीं उन कटी हुई यूनिटों पर भी संगठित रूप से किए जा रहे भ्रष्टाचार के चलते राशन उठाया जा रहा था। भाजपा नेता की शिकायत पर शासन ने एसआईटी का गठन कर दिया था। एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाते हुए तथा कार्रवाई की संस्तुति कर शासन को रिपोर्ट भेज दी थी।
डीएम को कार्रवाई के निर्देश
सितंबर 2020 को इस मामले में एसआईटी की जांच के आधार पर तत्कालीन आयुक्त खाद्यान मनीष चौहान ने एक पत्र तत्कालीन डीएम मेरठ को भेजकर पूरे मामले का उसमें उल्लेख करते हुए एसआईटी ने जिनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए उन सभी पर कार्रवाई व मुकदमे के निर्देश दिए। डीएम कार्यालय से उक्त पत्र 21 सितंबर को एडीएम ई कार्यालय व डीएसओ कार्यालय को कार्रवाई की प्रत्याशा में भेजा गया था। यह बात अलग है कि इस मामले में डीएसओ कार्यालय के जिन अफसरों के खिलाफ मुकदमें की संस्तुति की गयी थी उन पर आज तक प्राइवेट आपरेटर की तर्ज पर मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सका। आज पुलिस ने शाहनवाज को उसके घर पर दबिश देकर उठा लिया। यह दूसरा मौका है जब शाहनवाज की गिरफ्तारी हुई है। इससे पहले भी एक बार उसको गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

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