था जिंदा डाक्टरों ने बताया दिया मर गया, डाक्टरों की बड़ी लापरवाही, जिंदा था मरीज बता दिया मर गया
कंकखेड़ा बाईपास पर सड़क हादसे में घायल हो गए थे दायमपुर निवासी बुर्जुग
परिजनों व पुलिस ने कर ली थी पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार कराने की तैयारी
मेरठ के सिविल लाइन क्षेत्र स्थित एक नामी अस्पताल के डाक्टरों ने एक्सीडेंट में घायल एक जिंदा मरीज को मृत घोषित कर दिया। मरीज की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। तमाम रिश्तेदार रोते बिलखते हुए घर पर जमा होने लगे। नौबत यहीं तक नहीं रही। मृतक के परिजन एक्सीडेंट में मौत की घटना की तहरीर लेकर थाने पहुंच गए। पुलिस ने पोस्टमार्टम की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि इसमें काफी देर लगी।
चल रही थीं सांसें
परिवार के कुछ लोग मरीज का जहां अस्पताल में बेड पर शव था वहां खडेÞ थे। उन्होंने देखा कि शरीर में हलचल है। सांसे भी चल रही हैं। उन्होंने दौड़कर डाक्टरों को बताया। डाक्टरों ने चैक किया तो वाकई मरीज जिंदा था। परिजनों ने डाक्टरों से जिंदा मरीज को मृत बता दिए जाने को लेकर नाराजगी का इजहार किया। जिन डाक्टरों को जिंदा मरीज को लाश बता दिया था उनके पास कोई उत्तर नहीं था। उन्होंने मरीज के तिमारदारों से पिंड छुडाया और चल वहां से चले गए। इस घटनाक्रम में पूरे दो घंटे निकल गए। लेकिन लगभग दो घंटे बाद मृत बुजुर्ग को अस्पताल ने जिंदा बता दिया।
रैफर किया गया था मरीज
यह पूरा घटनाक्रम कंकरखेड़ा थाना के दायमपुर निवासी कालूराम से जुड़ा है। दायमपुर निवासी सतेन्द्र कुमार ने बताया कि उसके पिता कालूराम बृहस्पतिवार को किसी काम सचे कंकरखेड़ा हाइवे की तरफ गए थे। रात के समय वह काम खत्म कर घर वापस लौट रहे थे। इसी बीच सड़क पार करने के दौरान बाइक सवार युवक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। बाइक की टक्कर से वह कई फुट हवा मेें उछल कर सड़क पर जा गिरे। सड़क से सिर टकराने की वजह से गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। आरोपी चालक बाइक मौके पर छोड़कर मौके से फरार हो गया। मौके पर भीषण जाम लग गया। हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को कंकरखेड़ा बाईपास स्थित प्राइवेट अस्पताल में भर्र्ती करा दिया। वहां के डाक्टरों को घायल की हालात क्रिटिकल देखकर उन्हें रैफर कर दिया। इसके बाद परिजन घायल को लेकर सिविल लाइन स्थित एक अस्पताल में लेकर पहुंचे। शुक्रवार सुबह घायल को मृत घोषित कर दिया गया। इससे मौत की सूचना पर परिजनों में कोहराम मच गया था। जिसके बाद परिजनों ने थाने पर वाहन चालक के खिलाफ तहरीर देते हुए पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी। लेकिन दो घंटे बाद चिकित्सकों ने बुजुर्ग को जिंदा बताया। बुजुर्ग के जिंदा होने की सूचना पर परिजनों के होश उड़ गए थे। वहीं अस्पताल ने बुजुर्ग को घायल अवस्था में दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया। जहां घायल बुजुर्ग का उपचार चल रहा है।
इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा
थाना प्रभारी विष्णु कौशिक का कहना है कि परिजनों की तहरीर पर मुकदमे की तैयारी चल रही थी।फिलहाल बुजुर्ग का उपचार चल रहा है।
मुख्य चिकित्साधिकारी
सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि यदि ऐसा कुछ हुआ है तो वाकई गंभीर मामला है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि इसकी जानकारी नहीं। कल जानकारी करेें।