रैपिड रेल: लोड टेस्टिंग पूरी-ट्रैक की तैयारी,
मेरठ के ब्रह्मपुरी स्टेशन से शताब्दी नगर तक के सेक्शन का आरआरटीएस वायाडक्ट तैयार
-लोड टेस्टिंग के बाद इस सेक्शन के सभी बैरिकेडिंग हटाए गए, ट्रैक बिछाने का काम होगा तेज
मेरठ के ब्रह्मपुरी स्टेशन से शताब्दी नगर तक के सेक्शन का आरआरटीएस वायाडक्ट पूरी तरह तैयार हो गया है। इसी के साथ दिल्ली-मेरठ रोड पर मेवला फ्लाईओवर के पास लगी बैरिकेडिंग को भी हटा दिया गया है। अब सिविल कार्यों के कार्य पूरे होने के बाद वाहनों की आवाजाही के लिए सड़क पूरी तरह खोल दी गई है।
अब इस सेक्शन में ट्रैक बिछाने का कार्य तेजी से आगे बढ़ेगा। अभी मेरठ साउथ से शताब्दी नगर के साथ ही शताब्दी नगर से ब्रह्मपुरी के बीच भी ट्रैक का कार्य प्रगति पर है। ब्रह्मपुरी स्टेशन से थोड़ा पहले तक अप और डाउन दोनों तरफ का ट्रैक बिछाया जा चुका है। अब जल्दी ही ओएचई और सिग्नलिंग के कार्य भी किए जाएंगे।
अभी कुछ दिन पहले मेरठ के ब्रह्मपुरी स्टेशन से शताब्दीनगर तक के सेक्शन के बीच तैयार आरआरटीएस वायाडक्ट की लोड टेस्टिंग के लिए वायडक्ट के नीचे बड़ी क्रेनें लगाई गईं थी, जिसकी वजह से सड़क के दोनों ओर का कुछ हिस्सा यातायात के लिए डायवर्ट किया गया था। इस दौरान लोड टेस्टिंग के लिए क्रेनों की मदद से करीब 650 टन के भारी-भरकम कंक्रीट ब्लॉक्स को वायडक्ट पर चढ़ाया और उतारा गया। वायडक्ट लोड टेस्ट वायडक्ट की वजन वहन क्षमता को जांचने के लिए होता है जिसमें ये परखा जाता है कि वायडक्ट स्पैन, इस पर चलाई जाने वाली ट्रेन का भार वहन करने में सक्षम है। यह प्रक्रिया अब पूरी कर ली गई है।
ब्रह्मपुरी स्टेशन को मेरठ मेट्रो के लिए तैयार किया जा रहा है। ये स्टेशन अपने आकार में आ चुका है और फिलहाल स्टेशन की छत को तैयार किया जा रहा है। तकनीकी कमरे तैयार हो चुके हैं और उनकी फिनिशिंग का काम जारी है। यात्रियों के एंट्री-एग्जिट के लिए मुख्य सड़क के दोनों ओर 2 गेट बनाए जा रहे हैं। इस स्टेशन पर तीन कोच की मेरठ मेट्रो यात्रियों को ट्रेन सेवाएं प्रदान करेंगी।
मेरठ मेट्रो से उत्तर प्रदेश में मेरठ के निवासियों के लिए एक सुरक्षित, तीव्र और आधुनिक परिवहन साधन की शुरुआत होगी। मेरठ शहर में 23 किमी के सेक्शन पर चलने वाली मेरठ मेट्रो ट्रेन परियोजना का निर्माण भी एनसीआरटीसी कर रहा है, जिसके लिए 13 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। ये देश में पहली बार है कि नमो भारत ट्रेन और मेरठ मेट्रो, दोनों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के ही बुनियादी ढांचे पर चलेंगी।