भविष्य से खिलवाड़-नीद में सरकार, नीट 2024 पेपर लीक प्रकरण
NEET 2024 में हुई गंभीर अनियमितताओं के संदर्भ में कुछ ज्वलंत सवाल सीनियर डाक्टर व आईएमए मेरठ के पूर्व सचिव डा. अनिल नौसरान ने सिस्टम को चलाने वालों के समक्ष उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि देश के भविष्य से खिलवाड़ का सवाल है, इस पर जो भी चुप रहेगा उसको आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी। उन्होंने विस्तार से एक-एक बिंदु सामने रखा है। डा. नौसरान इस संवाददाता के साथ मामले पर चर्चा कर रहे थे।
इन सवालों के चाहिए उत्तर
01. पांच मई को हुआ नीट का पेपर कई स्थानों पर लीक हुआ था।बिहार पुलिस ने इस संदर्भ में केस दर्ज कर दर्जनों अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया था ।उनसे जले हुए पेपर भी बरामद हुए थे।
02. बिहार पुलिस की FIR में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि एक संगठित गैंग ने पेपर लीक किया ।परीक्षा की chain of custody तोड़ कर पेपर लीक हुआ।बहुत से छात्रों को उत्तर रटवाए गए।
3. ओडिशा,झारखंड जैसे राज्यों के बहुत से कैंडिडेट्स ने अपने राज्य से हजारों किलोमीटर दूर गुजरात के गोधरा में साजिश करके अपना सेंटर करवाया ।उस स्कूल के प्रिंसिपल एवं कुछ अन्य कर्मी,कुछ अभिभावक एवं छात्र गिरफ्तार हुए।
4. टेलीग्राम चैनल पर नीट का पेपर चार मई को उपलब्ध था।बहुत से छात्रों ने उस का video बना कर सोशल मीडिया पर शेयर किया।आज के युग में सोशल मीडिया पर आया कंटेंट पलक झपकते ही विश्व के किसी भी कोने में पहुंच जाता है।इस गंभीर विषय की साइबर क्राइम एक्सपर्ट्स द्वारा जांच होनी चाहिए थी जो आज तक नहीं की गई।
5. बिहार इकोनॉमिक ऑफेंस विंग द्वारा पेपर लीक प्रकरण की जांच की है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स से ऐसा प्रतीत होता है कि NTA द्वार उन्हें नीट का ओरिजिनल पेपर तक मिलान के लिए उपलब्ध नहीं करवाया गया अथवा देरी से करवाया गया।
6. राजस्थान के सवाई माधोपुर में हुई घटना को भी nta द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया जबकि वहां से लीक हुआ पेपर चार बजे ही सोशियल मीडिया पर आ गया था।
7. बहुत से स्थानों से पेपर देने वाले dummy कैंडिडेट्स भी गिरफ्तार हुए।अजमेर मेडिकल कॉलेज के छात्र पर केस दर्ज हुआ।
8. कुछ छात्रों द्वारा यह भी शिकायत की जा रही है की उनकी omr sheet में दर्ज उत्तरों के अनुसार उनका result नहीं आया है।
इन सभी तथ्यों एवं मीडिया में उपलब्ध रिपोर्ट्स से स्पष्ट है कि इस परीक्षा में बहुत बड़े स्तर पर अनियमितताएं हुई हैं।ऐसे में इस पेपर की प्रमाणिकता एवं nta की विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है।
पिछले एक माह में NTA ने इन सभी विषयों की जांच के बारे में अभ्यर्थियों एवं मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी उल्टे दस दिन पहले परिणाम घोषित कर इस परीक्षा में हुई घोर लापरवाहियों को दबाने का प्रयास किया।
कल हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी केवल ग्रेस मार्क्स पर चर्चा की गई।पेपर लीक को नहीं छुआ गया।
मीडिया के सभी प्रबुद्ध साथियों से अनुरोध है कि आप ही ने पेपर लीक को घटनाओं को बड़ी बेबाकी से उजागर किया था।अब आपको ही पच्चीस लाख छात्रों को न्याय दिलवाने की लड़ाई लड़नी होगी।
लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी मीडिया की ओर पच्चीस लाख छात्र ,उनके परिजन एवं भविष्य में डॉक्टर बनने का सपना देख रहे करोड़ों छात्र आशा भरी नजरो से देख रहे हैं।यदि नीट में होने वाली बेईमानी को अब नहीं रोका गया तो हर वर्ष अयोग्य लोग बेईमानी करके मेडिकल कॉलेजेस में घुसते रहेंगे एवं देश की मासूम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ होता रहेगा।
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